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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी उड़ान, 48 हजार करोड़ रूपये की रक्षा खरीद प्रक्रिया को मिली मंजूरी

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नई दिल्ली। भारतीय रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिये आज मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। करीब 48 हजार करोड़ रूपये की रक्षा खरीद प्रक्रिया को मंजूरी दे दी गई है। भारतीय़ वायु सेना में तेजस लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने के लिहाज से जहां, ये फैसला काफी अहम है वहीं, आत्मनिर्भर भारत के लिहाज से भी ये मंजूरी काफी खास है।

आत्मनिर्भर भारत को और मजबूत करने की दिशा में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 45692 करोड़ रुपये की लागत से 73 एलसीए तेजस एमके -1 ए लड़ाकू विमान और 10 एलसीए तेजस एमके -1 ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने तेजस के डिजाइन और बुनियादी ढांचे विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपए की मंजूरी दी।

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस Mk-1A  स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक चौथी पीढ़ी से आगे का लड़ाकू विमान है। यह विमान अत्याधुनिक रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है, जो परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म होगा। अभी तेजस में निर्माण में 50% की स्वदेशी सामग्री उपयोग की जा रही है, जिसे भविष्य में 60 फीसदी किया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रिमंडल के फैसले पर ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने आज भारतीय वायुसेना के बेड़े के स्वदेशी…फाइटर जेट ‘LCA-तेजस’ को मजबूत…करने के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी है। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर होगा।

इसके साथ ही कैबिनेट ने वायुसेना के तहत एक परियोजना को भी मंजूरी दी है। परियोजना के तहत IAF द्वारा बुनियादी ढाँचे के विकास किया जाएगा ताकि वायुसेना अपने बेस डिपो में मरम्मत या सर्विसिंग को और सक्षम कर सकें । यह वायुसेना को संबंधित ठिकानों पर मरम्मत के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता से वायुसेना के बेड़े को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम होगा।

 

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