कुवालालंपुर में ASEAN सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की।
जयशंकर और रुबियो ने भारत-यूएस व्यापार और क्षेत्रीय मुद्दों पर महत्वपूर्ण बातचीत की
जयशंकर और मार्को रुबियो ने कुवालालंपुर में की द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुवालालंपुर में अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता की। यह बैठक ASEAN सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने और सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा हुई।
वार्ता में भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा नीतियां, और व्यापारिक मुद्दे शामिल थे। खासतौर पर दोनों पक्षों ने भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर चर्चा की।
जयशंकर ने संवाददाता को बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता के पांच चरण पूर्ण हो चुके हैं और पहला चरण लगभग अंतिम स्तर पर है। इस समझौते से दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को मजबूत बनाने की उम्मीद है।
दोनों नेताओं ने एशिया-प्रशांत में स्थिरता, सुरक्षा सहयोग, और आर्थिक साझेदारी को लेकर भी विचार साझा किए। भारत ASEAN के महत्वपूर्ण भागीदारों में से एक है और अमेरिका भी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
जयशंकर ने साथ ही मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात की, जिससे दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ भारत के संबंध और मजबूती प्राप्त हो रही है।
कुवालालंपुर में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक से भारत और अमेरिका के बीच राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों में सुधार की संभावनाएं बढ़ गई हैं। यह मध्य-प्रदेश और विश्व स्तर पर दोनों देशों के सहयोग को नई दिशा देगा।
FAQs
- जयशंकर और रुबियो की बैठक कब हुई?
- अक्टूबर 2025 में कुवालालंपुर में ASEAN सम्मेलन के दौरान।
- इनकी बैठक में कौन-कौन से विषय शामिल थे?
- द्विपक्षीय संबंध, व्यापार समझौता, और क्षेत्रीय सुरक्षा।
- भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता की स्थिति क्या है?
- पांच चरण पूर्ण हो चुके हैं और पहला चरण अंतिम स्तर पर है।
- क्या जयशंकर ने अन्य नेताओं से भी मुलाकात की?
- हाँ, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड के नेताओं से भी बातचीत की।
- इस बैठक का महत्व क्या है?
- यह दोनों देशों के राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को आयाम देता है।
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