MEA ने पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने के दावे को गुप्त और अवैध करार दिया और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया।
MEA ने पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण पर जताई नाराजगी, कहा यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान के नाभिकीय परीक्षण फिर से शुरू करने के कथित दावों को “गुप्त और अवैध” करार देते हुए कड़ा विरोध जताया है। यह प्रतिक्रिया अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान द्वारा नाभिकीय परीक्षण फिर से शुरू करने के दावों के बाद आई है।
MEA ने कहा कि पाकिस्तान का यह कदम अंतरराष्ट्रीय परमाणु नियमों और समझौतों का सीधा उल्लंघन है, और दुनिया भर के शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचाता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत इस मुद्दे पर सतर्क बनी हुई है और आवश्यकतानुसार विश्व समुदाय के साथ मिलकर प्रतिक्रिया देगा।
हालांकि, इस प्रकार के परीक्षण क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं, लेकिन भारत ने कहा है कि वह अपने सुरक्षा हितों के प्रति पूरी तरह जागरूक और तैयार है।
MEA के बयान में यह भी कहा गया कि भारत परमाणु हथियारों के नियंत्रण और वैश्विक शांति के लिए प्रतिबद्ध है, और सभी देशों से नियमों का पालन करने की मांग करता है।
ट्रंप के दावे पर जवाब देते हुए, भारत ने कहा कि किसी भी देश का ऐसा कदम क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर करता है और इससे वैश्विक तनाव बढ़ते हैं। भारत ने कहा कि वह अपने कूटनीतिक और सुरक्षा उपायों के माध्यम से स्थिति को संभालने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
FAQs:
- MEA ने पाकिस्तान के नाभिकीय परीक्षण पर क्या कहा?
- उन्होंने इसे गुप्त और अवैध करार दिया और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया।
- ट्रंप के बयान का भारत ने कैसे जवाब दिया?
- भारत ने क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक तनाव पर ध्यान दिलाते हुए पाकिस्तान के कदम की निंदा की।
- यह परीक्षण क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- ये क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा हैं।
- भारत इस मुद्दे पर क्या करेगा?
- भारत सतर्क है और विश्व समुदाय के साथ मिलकर आवश्यक प्रतिक्रिया देगा।
- MEA का वैश्विक शांति के प्रति क्या दृष्टिकोण है?
- भारत सभी देशों से परमाणु नियमों का पालन करने का आग्रह करता है।
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