पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर सभी संरक्षणकर्ताओं और वन्यजीव प्रेमियों को शुभकामनाएं दीं। प्रोजेक्ट चीता की सफलता पर गर्व जताया।
अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर पीएम मोदी का पशु प्रेमियों और संरक्षणकर्ताओं के लिए खास संदेश
अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर पीएम मोदी ने दिए संरक्षणकर्ताओं और वन्यजीव प्रेमियों को शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर सभी वन्यजीव संरक्षणकर्ताओं और वन्यजीव प्रेमियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। सोशल मीडिया पर अपने संदेश में उन्होंने चीता को धरती के सबसे अद्भुत जीवों में से एक बताया और तीन साल पहले प्रोजेक्ट चीता के शुभारंभ को याद किया।
यह प्रोजेक्ट चीता भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य इस महान जीव की सुरक्षा के साथ-साथ उनके प्राकृतिक निवास को पुनर्स्थापित करना है। पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रयास भारत की खोई हुई पारिस्थितिकी विरासत को पुनर्जीवित करने और जैव विविधता को सुदृढ़ करने का कदम है।
प्रोजेक्ट चीता की प्रगति और उपलब्धियां
- सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश में छोड़े गए।
- फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते आए।
- वर्तमान में कूनो और गांधी सागर अभयारण्य में चीते कुल संख्या 32 तक पहुंच चुकी है।
- पांच मादा चीते और छह बच्चों के जन्म से परियोजना की वैज्ञानिक सफलता सिद्ध हुई है।
वन विभाग द्वारा पूरे उद्यान में टीमों द्वारा निगरानी, सुरक्षा प्रबंध और जनसंख्या अध्ययन नियमित किए जा रहे हैं।
चीता संरक्षण का महत्व और देश में वन्यजीव संरक्षण का संदेश
पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहना। हमारे चीता मित्रों के सहयोग से ये प्रयास संभव हो रहे हैं।” उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को भारत आकर इस अद्भुत जीव को देखने और संरक्षण के अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
गुजरात में भी अगले वर्ष से चीता पुनर्स्थापित होंगे, जिससे प्रोजेक्ट चीता का विस्तार होगा। इस पहल से न केवल पर्यावरणिक बल्कि स्थानीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
5 सामान्य प्रश्न (FAQs)
- प्रोजेक्ट चीता कब शुरू हुआ?
तीन साल पहले, सितंबर 2022 में, नामीबिया से चीते भारत लाए गए। - कितने चीते भारत में अब तक छोड़े गए?
कुल 20 से ज्यादा चीते कूनो और गांधी सागर में छोड़े गए हैं। - अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस कब मनाया जाता है?
4 दिसंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य चीते संरक्षण को बढ़ावा देना है। - प्रोजेक्ट चीता से क्या लाभ होते हैं?
यह जैव विविधता को सुधारता है, पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्स्थापित करता है, और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देता है। - क्या अन्य राज्यों में भी चीते छोड़े जाएंगे?
हां, गुजरात सहित अन्य राज्यों में भी शीघ्र विस्तार की योजना है।
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