सरकार निर्माण उपकरण में आयात निर्भरता कम करने के लिए ₹14,000-16,000 करोड़ की बड़ी योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और इंफ्रास्ट्रक्चर सप्लाई चेन मजबूत करना है।
भारत में निर्माण उपकरण में आयात निर्भरता कम करने के लिए ₹14,000-16,000 करोड़ की योजना
भारत सरकार एक बड़ी योजना तैयार कर रही है, जिसका बजट लगभग ₹14,000 से ₹16,000 करोड़ के बीच है, जो देश में निर्माण उपकरण के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगी। इसका मकसद चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और जर्मनी जैसे देशों पर अत्यधिक आयात निर्भरता को कम करना और देश की इंफ्रास्ट्रक्चर सप्लाई चेन को मजबूत बनाना है।
योजना के मुख्य बिंदु
- योजना पर विभिन्न मंत्रालयों के बीच विचार-विमर्श जारी है और इसे अगले वित्तीय वर्ष में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
- भारत के माइनिंग और कंस्ट्रक्शन उपकरण क्षेत्र में लगभग 50% कम्पोनेंट्स का आयात होता है, जिसमें टनल-बोरिंग मशीन, क्रेन और स्पेशलाइज्ड रिग्स शामिल हैं।
- इस योजना से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता घटेगी, जिससे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स की आपूर्ति में स्थिरता आएगी।
आर्थिक और औद्योगिक महत्व
- ICRA के अनुसार, पांच से सात वर्षों में घरेलू उत्पादन 70-80% तक पहुंच सकता है, जो वार्षिक $25 बिलियन के राजस्व और $3 बिलियन विदेशी मुद्रा की बचत करेगा।
- मेगा पोर्ट प्रोजेक्ट्स, मेट्रो एक्सपैंशन और बुलेट ट्रेन कॉरिडोर जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ये उपकरण अहम हैं।
- घरेलू उत्पादन बढ़ने से भारत के बड़े प्रोजेक्ट्स वैश्विक सप्लाई चेन उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होंगे।
उद्योग विशेषज्ञों की राय
- उद्योग प्रतिनिधि बताते हैं कि बिना घरेलू उत्पादन क्षमता के योजना बनाना जोखिम भरा है।
- पहले भी इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए PLI स्कीम लाई गई थी, अब EPC मशीनरी के लिए भी ऐसी योजना की मांग हो रही है।
- तकनीकी क्षमता और विशेषज्ञता की कमी के कारण घरेलू सप्लायर्स अभी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
FAQs:
- ₹14,000-16,000 करोड़ की योजना का मकसद क्या है?
- भारत के निर्माण उपकरणों में आयात निर्भरता क्यों ज्यादा है?
- योजना से उद्योग को क्या लाभ होंगे?
- क्या यह योजना भारत को कंस्ट्रक्शन उपकरणों में आत्मनिर्भर बनाएगी?
- भारत के छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) को इसका क्या फायदा होगा?
- योजना के तहत कौन-कौन सी तकनीकें और उपकरण विकसित होंगे?
- इस योजना से मेट्रो और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
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