PM मोदी ने IBSA बैठक में आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई और वैश्विक भलाई के लिए सामूहिक कार्रवाई पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने IBSA मुलाकात में वैश्विक भलाई के लिए सामूहिक कार्रवाई की जरूरत जताई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के कक्षीय सत्र के दौरान भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (IBSA) नेताओं की बैठक में आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त और निर्णायक कदम वैश्विक भलाई के लिए नितांत आवश्यक हैं।
पीएम मोदी ने वैश्विक समुदाय को याद दिलाया कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर दोहरे मानदंडों की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए और भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति स्पष्ट है।
बैठक के दौरान, मोदी ने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामापोसा के साथ व्यापार, निवेश, खनन, महत्वपूर्ण खनिजों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर गहन चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध विभाग के सचिव सुधाकर दलैला ने बताया कि इस वर्ष के G20 सम्मेलन का मुख्य विषय एकता, समानता और स्थिरता है। दक्षिण अफ्रीकी अध्यक्षता ने आपदा प्रबंधन, निम्न-आय वाले देशों के ऋण स्थिरता, सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का उपयोग और न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण के लिए वित्त जुटाने जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी है।
भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान शुरू हुई कई पहलों को दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में मजबूती मिली है जो वैश्विक सहयोग को आकार दे रही हैं।
दक्षिण अफ्रीका सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शिखर सम्मेलन में न आने के कारण वह अगली G20 अध्यक्षता अमेरिकी राजदूत को नहीं सौंपेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
- पीएम मोदी ने IBSA बैठक में क्या कहा?
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और वैश्विक भलाई के लिए सामूहिक कार्रवाई करने की आवश्यकता जताई। - मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से किन विषयों पर चर्चा की?
व्यापार, निवेश, खनन, AI, खाद्य सुरक्षा आदि। - इस साल G20 सम्मेलन का मुख्य विषय क्या था?
एकता, समानता और स्थिरता। - G20 नेतृत्व को लेकर दक्षिण अफ्रीका की क्या योजना है?
अगली अध्यक्षता अमेरिकी राजदूत को नहीं सौंपना। - भारत ने G20 अध्यक्षता में क्या पहलें की हैं?
आपदा प्रबंधन, ऊर्जा संक्रमण और वित्तीय स्थिरता जैसी पहलों को आगे बढ़ाना।
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