Supply Chain 2025 में भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक प्रमुख केंद्र बन रहा है। जानिए चीन+1 रणनीति, सरकार की पहल, चुनौतियां और भारत के बढ़ते एक्सपोर्ट से जुड़े तथ्य।
भारत का वैश्विक Supply Chain में उभार
Supply Chain 2025: हाल के वर्षों में COVID-19, जियोपॉलिटिकल तनाव और ट्रेड वॉर ने दुनिया को चीन के बजाय वैकल्पिक सप्लाई चेन केंद्र तलाशने पर मजबूर किया है। भारत “China+1” रणनीति के तहत सबसे आकर्षक केंद्र बनकर उभरा है। अत्याधुनिक बंदरगाह, सड़कों, रेलवे और लॉजिस्टिक्स टेक्नोलॉजी में निवेश के साथ भारत ने कंपनियों को कम लागत, skilled workforce और स्थिर राजनीति का भरोसा दिया है।
भारत के निर्यात और प्रमुख सेक्टर्स
- सेवाओं का निर्यात (2025 में $374 बिलियन) और टेक्सटाइल-फार्मास्युटिकल-IT उत्पादों में भारत अग्रणी है।
- सराकारी योजनाओं ने विनिर्माण को प्रोत्साहन दिया: “Make in India”, PLI योजना।
- फार्मा, ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, एग्रीकल्चर और IT जैसे क्षेत्र प्रगति कर रहे हैं।
लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव
- $130 बिलियन से अधिक निवेश “Sagarmala”, “Bharatmala” और डिजिटल लॉजिस्टिक्स पर।
- GST, Gati Shakti, और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति ने supply chain की स्पीड और दक्षता बढ़ाई।
- डायरेक्ट फॉरेन इनवेस्टमेंट और SEZs से वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
भारत को सबसे अलग क्या बनाता है?
- लागत प्रतिस्पर्धा व बड़ी वर्कफोर्स
- लोकतांत्रिक-संविधानिक व्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता
- क्लाइमेट डाइवर्सिटी और जियो-स्ट्रेटेजिक लोकेशन
- ट्रेड पार्टनर्स के साथ FTAs (UK, EU)
- ग्रीन लॉजिस्टिक्स और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी में निवेश
चुनौतियां और आगे का रास्ता
- लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर में कुछ अंतर, नियामकीय जटिलता
- रणनीतिक सेक्टरों के लिए इनपुट्स पर आयात निर्भरता
- स्थानीय वैल्यू चेन मजबूत करने और डिजिटाइज़ेशन में तेजी की जरूरत
सरकार ने GST, डिजिटल कस्टम्स, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क जैसी योजनाएं चालू की हैं ताकि इन चुनौतियों का समाधान हो सके।
FAQs
- “China+1” रणनीति में भारत की भूमिका क्या है?
- भारत की सप्लाई चेन हब बनने की प्रमुख वजहें क्या हैं?
- 2025 में भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्र कौन से हैं?
- लॉजिस्टिक्स सुधार में सरकार कौन सी योजनाएँ चला रही है?
- भारत की सप्लाई चेन में मुख्य चुनौतियां कौन-सी हैं?
- आगे किन क्षेत्रों में भारत को लाभ मिल सकता है?
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