पीएम मोदी ने Israel-Hamas Ceasefire समझौते का स्वागत किया, ग़ज़ा में शांति और राहत की उम्मीद जताई। ट्रंप योजना के पहले चरण पर सकारात्मक प्रतिक्रिया।
Israel-Hamas Ceasefire समझौते पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया: शांति की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Israel-Hamas Ceasefire एवं बंधक रिहाई समझौते का स्वागत किया है। इस समझौते के तहत, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में इज़राइल और हमास के बीच पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। मोदी ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मज़बूत नेतृत्व क्षमता की भी सराहना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “हम ट्रंप शांति योजना के प्रथम चरण के समझौते का स्वागत करते हैं। यह नेतन्याहू के नेतृत्व का परिणाम है। हमें आशा है कि बंधकों की रिहाई और ग़ज़ा में मानवीय सहायता से लोगों को राहत मिलेगी और स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।”
- ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित 20-पॉइंट फ्रेमवर्क के तहत, Israel-Hamas Ceasefire समझौता हुआ।
- यह समझौता मिस्र में अप्रत्यक्ष वार्ता के बाद हुआ, ठीक दो साल बाद जब हमास के हमले ने यह संघर्ष शुरू किया था।
- डील के पहले चरण में सभी बंधकों की शीघ्र रिहाई और इज़रायली सेना की ग़ज़ा के ‘येलो लाइन’ तक वापसी शामिल है।
- नेतन्याहू और अन्य इज़रायली नेताओं ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है, वहीं हमास ने युद्ध समाप्ति और कैदी-बंदी अदला-बदली पर ट्रंप और अन्य गारंटियों पर भरोसा जताया।
भारत ने हमेशा मध्य-पूर्व में स्थिरता और शांति का समर्थन किया है। मोदी सरकार का रुख संतुलित है—इज़राइल के साथ रणनीतिक साझेदारी के बावजूद भारत ग़ज़ा में मानवीय सहायता और शांति प्रयासों में सक्रिय भागीदारी निभाता रहा है।
- डील के परिणामस्वरूप ग़ज़ा में मानवीय राहत को बढ़ाने का मार्ग खुला है।
- अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस, WHO और UN एजेंसियों ने इस डील का स्वागत किया है और तत्काल सहायता की तैयारी शुरू कर दी है।
- विशेषज्ञ मानते हैं कि शांति के लिए सभी पक्षों की प्रतिबद्धता और पारदर्शिता अनिवार्य है।
ट्रंप की शांति योजना
- सभी बंधकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आकलन
- युद्ध के दौरान नुकसान झेल चुके परिवारों के पुनर्वास
- मध्य-पूर्व शांति वार्ता में भारत जैसे देशों की भागीदारी बढ़ाने की संभावनाएँ
- ग़ज़ा में हालिया संघर्ष के कारण अनुमानित 25,000+ लोग विस्थापित हुए। (स्रोत: UNHCR)
- अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, संघर्ष के दौरान ग़ज़ा में मानवीय संकट गहराया, जिसे यह समझौता कम कर सकता है। (स्रोत: WHO, UN, Reuters)
- भारत और इज़राइल के बीच बीते दशक में रक्षा, कृषि, टेक्नोलॉजी और नवीनीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।
- इस संघर्षविराम से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद में नई दिशा मिल सकती है।
पीएम मोदी द्वारा Israel-Hamas Ceasefire का स्वागत केवल कूटनीतिक बयान नहीं है, बल्कि यह भारत की शांति प्रयासों के साथ मानवीय मूल्यों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि यह समझौता कितनी दीर्घकालिक शांति ला सकेगा।
FAQs
- Israel-Hamas Ceasefire समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- ट्रंप शांति योजना में भारत की भूमिका क्या है?
- यह डील कब लागू होगी?
- Israel-Hamas Ceasefire के तहत इज़रायली सेना की क्या स्थिति होगी?
- क्या यह डील ग़ज़ा में स्थायी शांति ला पाएगी?
- समझौते के बाद ग़ज़ा के लोगों को किस तरह मदद मिलेगी?
- मानवीय सहायता, बुनियादी सेवाएँ और पुनर्वास की प्रक्रिया तेज़ होगी। (स्रोत: UN, WHO)
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