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मौलाना अरशद मदनी ने भारत में मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव का लगाया आरोप

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BJP Strongly Objects to Madani’s Comments on Muslims and Al-Falah University Case
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख ने भारत में मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव की बात कही, जबकि बीजेपी ने उनके बयानों को भ्रमित करने वाला बताया।

अल-फलाह और आजम खान के मुद्दे पर जमीयत प्रमुख के बयान पर बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली के रेड फोर्ट विस्फोट के संदर्भ में अल-फलाह विश्वविद्यालय के खिलाफ सरकार की कड़ी कार्रवाई के बीच भारत में मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव की गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कैसे अमेरिका में मुस्लिम जो जैसे जौहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर बन जाते हैं, लेकिन भारत में मुस्लिम नेताओं के साथ भेदभाव होता है, जैसा कि आजम खान जैसे नेताओं की गिरफ्तारी से दिखता है।

मदनी ने कहा कि “भारत में मुस्लिमों के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति बनना भी मुश्किल है, और अगर कोई बन भी जाता है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है।” उन्होंने अल-फलाह विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का भी जिक्र किया, जिनसे विश्वविद्यालय विवादों में फंसा हुआ है।

इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के नेता यासिर जिलानी ने मदनी के बयानों को ‘भ्रमित करने वाला’ और ‘गलत’ बताया। उन्होंने कहा कि भारत मुस्लिमों के लिए सबसे बेहतर जगह है और हिंदू एक बहुत बड़ा भाई जैसा हैं।

जिलानी ने मदनी के बयान में विरोधाभास भी निकाला, जहां वे मुस्लिमों की विश्वव्यापी स्थिति की चिंता व्यक्त करते हैं और साथ में न्यूयॉर्क के मेयर बने मुस्लिम जौहरान ममदानी का हवाला देते हैं।

बीजेपी का कहना है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय का मालिक एक आरोपी है और आजम खान पर भी विभिन्न आरोप हैं। केंद्रीय सरकार सभी के साथ न्याय के मार्ग पर है और मदनी को राष्ट्र की जनता में भ्रम फैलाने से बचना चाहिए।

इस विवाद ने देश में मुस्लिम समाज के स्थिति और राजनीतिक रुख पर नई बहस को जन्म दिया है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

  1. मदनी ने भारत में मुस्लिमों की कौन सी समस्या उठाई?
    भारत में मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव और शिक्षा व नेतृत्व में बाधाओं की।
  2. बीजेपी ने इस पर क्या जवाब दिया?
    बयान को भ्रमित करने वाला बताया और भारत में मुसलमानों की अच्छी स्थिति का जिक्र किया।
  3. अल-फलाह विश्वविद्यालय विवाद क्या है?
    पुलिस जांच में मनी लॉन्ड्रिंग, फर्जीवाड़ा और आतंकवाद से जुड़ी जांच।
  4. मदनी ने कौन से मुस्लिम नेताओं का उदाहरण दिया?
    जौहरान ममदानी को न्यूयॉर्क के मेयर और आजम खान को।
  5. इस विवाद का राजनीतिक माहौल पर क्या असर है?
    मुस्लिम समुदाय की स्थिति और राजनीतिक दृष्टिकोण पर बहस तेज हुई।
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