केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग, राजौरी और पूंछ में चूना पत्थर खनिज ब्लॉकों की पहली नीलामी शुरू की है।
जम्मू-कश्मीर में खनन क्षेत्र में नई शुरुआत, चूना पत्थर ब्लॉक की पहली नीलामी
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में खनिज क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए चूना पत्थर (Limestone) ब्लॉकों की पहली नीलामी शुरू कर दी है। यह नीलामी अनंतनाग, राजौरी और पूंछ जिलों में आयोजित की जा रही है, जो इस नीति के तहत क्षेत्र में औद्योगिक और खनन गतिविधियों का विस्तार करने का उद्देश्य रखती है।
इस पहल से जम्मू-कश्मीर में खनिज संसाधनों के शोषण को व्यवस्थित करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की उम्मीद है। चूना पत्थर का उपयोग मुख्यतः सीमेंट, निर्माण और औद्योगिक उत्पादन में किया जाता है, जिससे स्थानीय उद्योगों को लाभ मिलेगा।
नीलामी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से हो रही है और इसमें विभिन्न उद्योगपति और कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी कि यह कदम जमीनी स्तर पर निवेश को आकर्षित करेगा और क्षेत्र के विकास में नए निवेश के द्वार खोलेगा।
यह पहल जम्मू-कश्मीर को खनन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार सृजन की दिशा में बड़ी उपलब्धि होगी। साथ ही, यह नीति केन्द्र की ‘मिनरल एक्ट’ के अंतर्गत अवैध खनन रोकने के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार के अधिकारियों ने इस नीलामी को क्षेत्रीय आर्थिक विकास के लिए एक नई शुरुआत बताया है। यह नीलामी जम्मू-कश्मीर के खनिज उद्योग की पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ावा देगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
- जम्मू-कश्मीर में किस खनिज की पहली नीलामी हुई है?
चूना पत्थर (Limestone) की। - नीलामी में कौन-कौन से जिले शामिल हैं?
अनंतनाग, राजौरी और पूंछ। - इस नीलामी का उद्देश्य क्या है?
खनिज संसाधनों के व्यवस्थित शोषण और क्षेत्रीय आर्थिक विकास। - चूना पत्थर का उपयोग कहां होता है?
सीमेंट, निर्माण और कई औद्योगिक क्षेत्रों में। - नीलामी कैसे हो रही है?
ऑनलाइन माध्यम से और इसमें विभिन्न कंपनियां भाग ले रही हैं।
Leave a comment