Karnataka Government ने मूवी टिकट और टीवी चैनल पर 2% सेस लगाने का प्रस्ताव दिया है, जिसका असर मनोरंजन उद्योग पर होगा।
Karnataka Government ने मूवी टिकट और टीवी चैनलों पर 2% सेस लगाने का प्रस्ताव रखा
Karnataka सरकार ने मनोरंजन उद्योग से जुड़ी सेवाओं पर अतिरिक्त कर लगाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के तहत मूवी टिकट और टीवी चैनलों से 2% सेस वसूला जाएगा। यह पहल राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और राजस्व संग्रह बढ़ाने के उद्देश्य से लाई गई है।
सेस का उद्देश्य और प्रभाव
- सरकार का मानना है कि मनोरंजन क्षेत्र में हो रहे लाभ का एक हिस्सा राज्य के विकास में लगाया जाना चाहिए।
- 2% सेस मूवी टिकट और टीवी चैनलों की राजस्व में वृद्धि करेगा, जिससे सामाजिक और कलाकारों के कल्याण के लिए फंड उपलब्ध होगा।
- इससे सिनेमा हॉल, डिस्ट्रीब्यूटर्स, और टीवी चैनल व्यवसायों के वित्तीय दबाव में वृद्धि होगी, जो सीधे ग्राहकों पर प्रभाव डाल सकती है।
मीडिया उद्योग का रुख
- फिल्म उद्योग ने इस प्रस्ताव को लेकर mixed प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि पहले ही कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई इंडस्ट्री पर अतिरिक्त सेस की मार पड़ेगी।
- टीवी चैनल्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म भी कीमतों में वृद्धि कर सकते हैं जिससे दर्शकों पर भार बढ़ सकता है।
सरकारी बयान
Karnataka सरकार का कहना है कि सेस के माध्यम से मिलने वाले अतिरिक्त संसाधनों का उपयोग बेहतर शैक्षिक, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। साथ ही इस योजना पर लोगों और उद्योग की प्रतिक्रिया के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मनोरंजन क्षेत्र पर 2% सेस का प्रस्ताव Karnataka सरकार की राजस्व वृद्धि की योजना का हिस्सा है, लेकिन इसका प्रभाव फिल्म तथा टीवी उद्योग और दर्शकों पर कैसा पड़ेगा, यह समय बताएगा। उद्योग और सरकार के बीच संवाद से समाधान खोजा जाएगा ताकि विकास और संवेदनशीलता दोनों को संतुलित किया जा सके।
(FAQs)
- Karnataka सरकार ने किस पर 2% सेस लगाने का प्रस्ताव दिया है?
- मूवी टिकट और टीवी चैनलों पर।
- इस सेस का उद्देश्य क्या है?
- राज्य के विकास और सामाजिक कल्याण के लिए राजस्व बढ़ाना।
- फिल्म उद्योग की प्रतिक्रिया क्या है?
- मिश्रित, ज्यादा सेस से उद्योग पर दबाव बढ़ने की चिंताएँ।
- TV चैनल इस प्रस्ताव पर क्या कह रहे हैं?
- दर्शकों पर लागत बढ़ने के कारण चिंता।
- सरकार इस सेस का उपयोग कहां करेगी?
- शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में।
- अंतिम निर्णय कब लिया जाएगा?
- जनता और उद्योग के फीडबैक के बाद।
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