Karnataka Style Rice Bath में धनिया‑पुदीना, नारियल, हरी मिर्च, माराठी मोग्गु और सोना मसूरी चावल से बना हरा मसाला पुलाव होता है, जिसे सब्ज़ियों, फ्राइड ब्रेड क्रूटॉन्स, फ्राइड प्याज़ और नींबू के साथ एक‑कुकर में पकाया जाता है।
Karnataka Style Rice Bath – ग्रीन मसाला वाला कम्फर्ट फूड
दक्षिण भारत में पुलाव और “राइस बाथ” दोनों अलग‑अलग नामों से जाने जाते हैं, और कर्नाटक स्टाइल राइस बाथ उन खास डिशेज़ में से है जो कैंटीन, शादी, टिफिन और घर – हर जगह अपनी खुशबू से पहचान बना लेता है। धनिया‑पुदीना, नारियल, हरी मिर्च, सौंफ और माराठी मोग्गु से बना हरा मसाला, सोना मसूरी चावल और ढेर सारी सब्ज़ियाँ – यह कॉम्बिनेशन इस डिश को आम वेज पुलाव से बिल्कुल अलग करता है।
राइस बाथ की सबसे अच्छी बात यह है कि यह एकदम वन‑पॉट डिश है – आप पूरा मसाला, सब्ज़ियाँ और चावल एक ही प्रेशर कुकर या पॉट में पकाते हैं, और ऊपर से फ्राइड ब्रेड क्रूटॉन्स, फ्राइड प्याज़ और नींबू का रस डालकर इसे और भी स्पेशल बना देते हैं। इसलिए यह वीकनाइट डिनर, संडे ब्रंच या ऑफिस टिफिन – हर मौके के लिए फिट बैठता है।
राइस बाथ क्या है – पुलाव से अलग कैसे?
कर्नाटक स्टाइल राइस बाथ को सामान्य वेज पुलाव से अलग बनाने वाली सबसे बड़ी चीज़ है इसकी ग्रीन मसाला पेस्ट, जिसमें धनिया‑पुदीना के साथ‑साथ नारियल, सौंफ, साबुत मसाले, हरी मिर्च और खूब सारा लहसुन होता है; यह पेस्ट हल्का मोटा रखा जाता है ताकि पकने के बाद भी उसमें थोड़ा टेक्सचर रहे।
दूसरी खासियत यह है कि इसमें Sona Masoori जैसे मध्यम/छोटे दाने वाले चावल का इस्तेमाल होता है, जो कर्नाटक और आंध्र की रोज़मर्रा की रसोई में आम हैं; ये चावल बासमती जितने लंबे नहीं होते, लेकिन मसालों को अच्छी तरह सोखते हैं और नरम, हल्के फूले हुए टेक्सचर देते हैं, जो इस तरह के पुलाव के लिए आदर्श माने जाते हैं।
Marathi Moggu, सौंफ और बाकी मसाले – फ्लेवर की रीढ़
माराठी मोग्गु (कपोख के सूखे कली/बड्स) एक रिजनल मसाला है जिसकी खुशबू थोड़ी मस्टर्ड और ब्लैक पेपर जैसी, हल्की फूलों और हर्बल नोट्स के साथ बताई जाती है; इसे तेल या घी में भूनकर इस्तेमाल करने पर इसकी पूरी सुगंध खुलती है और यह साउथ इंडियन करी और राइस डिशेज़ को बहुत ही यूनिक बेस नोट देता है।
इस राइस बाथ में सौंफ (fennel seeds) काफी उदार मात्रा में डाली जाती है, जो हरी मिर्च और लहसुन की तेज़ी को बैलेंस करके हल्की‑सी मीठी, सौंसी खुशबू देती है; कई पारंपरिक रेसिपीज़ में सौंफ, धनिया, जीरा, दालचीनी, इलायची और लौंग का कॉम्बिनेशन मसाले को गर्माहट और digestif गुण भी देता है।
कविता आंटी के राइस बाथ की सामग्री – क्या‑क्या चाहिए
लगभग 5–6 लोगों के लिए (एक भरपूर मेन‑कोर्स सर्विंग के अनुसार):
हरी मसाला पेस्ट के लिए
- हरी मिर्च: लगभग 10 (आपके स्पाइस लेवल के हिसाब से घटा‑बढ़ा सकते हैं)
- लहसुन की कलियाँ: लगभग 14
- ताज़ा कद्दूकस नारियल: 1/4 कप
- दालचीनी: 2 इंच का टुकड़ा
- हरी इलायची: 4
- लौंग: 4
- माराठी मोग्गु: 4 (न मिले तो 1–1 छोटा चम्मच राई और काली मिर्च से सब्स्टीट्यूट)
- सौंफ: लगभग 2.5 बड़ा चम्मच
- धनिया पत्ते: लगभग 30 ग्राम (करीब 1 कप loosely packed)
- पुदीना पत्ते: लगभग 30 ग्राम (करीब 3/4 कप loosely packed)
- पानी: लगभग 1/4 कप, जरूरत के हिसाब से
प्रेशर कुकिंग के लिए
- तेल या तेल + थोड़ा घी: 2–3 बड़े चम्मच
- तेज पत्ता: 1
- प्याज़: 4, मोटे स्लाइस
- गाजर: 2–3, 1 इंच के टुकड़े
- बीन्स: लगभग 200 ग्राम, 1 इंच टुकड़े
- आलू: 2, 1 इंच टुकड़े
- सोना मसूरी चावल: 2 कप (धोकर 20–30 मिनट भिगोया हुआ)
- पानी: लगभग 4 कप (रेसिपी में 1:2 राइस:वॉटर अनुपात के आसपास)
- नमक: 2–2.5 छोटा चम्मच (स्वादानुसार)
- करी पत्ते: थोड़े, अगर आप चाहें
गार्निश के लिए
- नींबू: 1 (रस)
- ब्रेड क्रूटॉन्स: लगभग 1/2 कप (हलक़ा फ्राई या टोस्टेड क्यूब्स)
- फ्राइड प्याज़: इच्छानुसार
स्टेप 1: चावल को धोना और भिगोना क्यों ज़रूरी है
सोना मसूरी जैसे पॉलिश्ड व्हाइट राइस में सतह पर स्टार्च काफी होता है; इसीलिए अधिकतर साउथ इंडियन रेसिपीज़ चावल को कम से कम 3 बार धोने और फिर 20–30 मिनट तक भिगोने की सलाह देती हैं, ताकि extra स्टार्च निकल जाए और पकने पर दाने ज्यादा चिपचिपे न हों।
न्यूट्रिशन डेटा के अनुसार 1/4 कप (लगभग 45 ग्राम) कच्चे सोना मसूरी चावल में करीब 160 कैलोरी, 35 ग्राम कार्ब्स और लगभग 4 ग्राम प्रोटीन होते हैं; 100 ग्राम अनकुक्ड सोना मसूरी में लगभग 350 कैलोरी, 81 ग्राम कार्ब्स और 6 ग्राम प्रोटीन पाए जाते हैं, इसलिए यह अच्छी एनर्जी सोर्स है लेकिन पोर्शन कंट्रोल भी उतना ही ज़रूरी है।
स्टेप 2: ग्रीन मसाला पेस्ट बनाना – ज्यादा बारीक नहीं
मिक्सर के छोटे जार में हरी मिर्च, लहसुन, दालचीनी, इलायची, लौंग, माराठी मोग्गु, सौंफ, धनिया, पुदीना, नारियल और थोड़ा पानी डालकर पीसें; पेस्ट को जानबूझकर थोड़ा coarse रखें, यानी हल्का दानेदार टेक्सचर रहे – यही राइस बाथ को rustic, hotel‑style mouthfeel देता है।
बहुत ज्यादा पतला पेस्ट बनाने पर कभी‑कभी फ्लेवर थोड़ी जल्दी पककर mellow हो जाता है और ग्रेवी/चावल में टेक्सचर कम महसूस होता है; coarse पेस्ट में हर्ब्स और मसालों के छोटे‑छोटे bits खाने पर हल्के‑हल्के फूटते हैं, जो इस recipe की charm है।
स्टेप 3: कुकर में मसाला भूनना और सब्ज़ियाँ डालना
प्रेशर कुकर में तेल (या थोड़ा घी मिला तेल) गरम करें, तेज पत्ता डालकर 20 सेकंड भूनें, फिर हरा मसाला पेस्ट डालकर मध्यम आंच पर 4–5 मिनट तक भूनें, जब तक कच्चे लहसुन‑मिर्च‑सौंफ की खुशबू कम न हो जाए और मसाले से हल्का तेल अलग दिखने न लगे।
अब इसमें प्याज़ के स्लाइस, गाजर, आलू और बीन्स डालकर 2 मिनट तक सौते करें; सब्ज़ियों को हल्का मोटा‑मोटा ही काटें ताकि प्रेशर कुकिंग के बाद भी उनका आकार और हल्का बाइट बना रहे और वे मैश न हो जाएँ।
स्टेप 4: चावल मिलाकर 2–3 मिनट हल्का भूनें
धोकर भीगे हुए चावल का पानी पूरी तरह निथारकर इसे कुकर में डालें; साथ में चाहें तो करी पत्ते भी डाल सकते हैं। अब 2–3 मिनट तक हल्की आंच पर चावल को मसाले के साथ सौते करें, ताकि हर दाना ग्रीन मसाला और फैट की हल्की परत से कोट हो जाए – इससे पकने पर चावल ज्यादा fluffy और अलग‑अलग रहता है।
कई कर्नाटक‑स्टाइल रेसिपीज़ भी यही सलाह देती हैं कि पानी डालने से पहले चावल और मसाले को थोड़ी देर भूनने से दाने टूटते नहीं और स्टिकीनेस कम होती है; साथ ही मसालों का फ्लेवर भी चावल में और अच्छे से समा जाता है।
स्टेप 5: पानी, नमक और प्रेशर कुकिंग
अब लगभग 4 कप पानी और नमक डालें, सब कुछ अच्छे से मिलाएँ और इस stage पर broth चखकर नमक adjust कर लें – क्योंकि चावल पकने के बाद नमक एडजस्ट करना मुश्किल हो जाता है।
स्टोवटॉप पर मध्यम आंच पर 2 सीटी तक प्रेशर कुक करें और प्रेशर को नेचुरली रिलीज़ होने दें; तुरंत प्रेशर निकालने पर कभी‑कभी चावल का ऊपर‑नीचे वाला हिस्सा एक‑सा नहीं पकता या दाने टूट सकते हैं, इसलिए natural release से सबसे अच्छा टेक्सचर मिलता है।
स्टेप 6: नींबू, ब्रेड क्रूटॉन्स और फ्राइड प्याज़ – फिनिशिंग टच
ढक्कन खोलने के बाद चावल को बहुत ज़ोर से न मिलाएँ, बस फोर्क या फ्लैट चम्मच से हल्के हाथ से फ fluff करें। अब ऊपर से नींबू का रस, ब्रेड क्रूटॉन्स और फ्राइड प्याज़ डालकर धीरे‑धीरे mix करें; क्रूटॉन्स तुरंत नर्म हो जाएँगे और rice के साथ हल्का‑सा बटर‑टोस्टेड bread bite देंगे, जबकि कुछ Pieces ऊपर क्रंची भी रहेंगे।
ब्रेड क्रूटॉन्स का यह इस्तेमाल थोड़ा अनोखा लग सकता है, लेकिन कर्नाटक और आसपास के कई घरों व कैंटीन‑स्टाइल रेसिपीज़ में क्रंच के लिए पापड़, सेव या ब्रेड का इस्तेमाल common है; इससे प्लेट का टेक्सचर और eat‑experience दोनों और मज़ेदार हो जाते हैं।
सोना मसूरी राइस बाथ की न्यूट्रिशन – एक नज़र
सोना मसूरी राइस अपने आप में मध्यम GI और moderate कैलोरी वाला माने जाने वाला चावल है; 100 ग्राम uncooked सोना मसूरी में लगभग 350 कैलोरी, 81 ग्राम कार्ब्स और 6 ग्राम प्रोटीन रिपोर्ट किए गए हैं, जबकि boiled cooked सर्विंग (करीब 1 कप) में लगभग 130–180 कैलोरी रह सकती हैं (पकाने के दौरान पानी absorb होने पर)।
राइस बाथ की एक सर्विंग (चावल + सब्ज़ियाँ + तेल + नारियल + क्रूटॉन्स) में अनुमानतः 250–400 कैलोरी, अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, थोड़ा‑बहुत प्रोटीन और फैट, और सब्ज़ियों व हर्ब्स से फाइबर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिल सकते हैं; सटीक वैल्यू आपकी रेसिपी में तेल, नारियल और टॉपिंग्स की मात्रा पर निर्भर करेगी।
Marathi Moggu और हरी मसाला पेस्ट के संभावित फायदे (सामान्य जानकारी)
स्पाइस‑सप्लायर्स और पारंपरिक कुकरी सोर्सेज के अनुसार माराठी मोग्गु और इसी तरह के मसाले digestive सपोर्ट, हल्की anti‑inflammatory और गरमाहट देने वाले माने जाते हैं, हालांकि इन पर क्लिनिकल रिसर्च सीमित है; फिर भी, हल्की मात्रा में उपयोग इन मसालों का मुख्य काम स्वाद और सुगंध देना ही माना जाता है।
धनिया‑पुदीना जैसे हर्ब्स में विटामिन C, विटामिन A और कई phytochemicals पाए जाते हैं; जब इन्हें बड़ी मात्रा में पेस्ट की बेस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो राइस डिश में भी हल्का पौष्टिक योगदान मिल सकता है, हालांकि पका लेने से कुछ विटामिन कम भी हो सकते हैं।
हेल्थ के नज़रिए से राइस बाथ – क्या ध्यान रखें?
क्योंकि यह डिश व्हाइट राइस‑बेस्ड है, इसलिए डाइबिटीज़ या कड़े कार्ब‑कंट्रोल वाले लोगों के लिए portion size और साथ में लिए जाने वाले बाकी कार्ब्स पर ध्यान ज़रूरी है; कुछ डायटरी गाइडेंस सोना मसूरी जैसे मध्यम GI चावल को moderate portions में, सही कॉम्बो (सब्ज़ी, प्रोटीन, फाइबर) के साथ लेने की सलाह देती हैं।
आमतौर पर यह डिश deep‑fried चीज़ों से भरी नहीं होती – सिर्फ ब्रेड क्रूटॉन्स और फ्राइड प्याज़ extra फैट जोड़ते हैं; अगर आप इसे हल्का रखना चाहते हैं तो क्रूटॉन्स को बेक या air‑fry कर सकते हैं और फ्राइड प्याज़ सीमित मात्रा में या स्किप कर सकते हैं।
राइस बाथ को हल्का या और ज्यादा wholesome कैसे बनाएं?
- तेल कंट्रोल: कुकर में इस्तेमाल तेल को 2–3 बड़े चम्मच पर रखें, क्रूटॉन्स shallow fry या air fry करें, इससे कुल फैट और कैलोरी घटेंगी।
- सब्ज़ियाँ बढ़ाएँ: गाजर, बीन्स, मटर, फूलगोभी, मटर, सोया चंक्स या पनीर जोड़कर आप प्रोटीन और फाइबर बढ़ा सकते हैं; कुछ हेल्दी रेसिपीज़ రाइस bath को इसी तरह “balanced plate” बनाने की सलाह देती हैं।
- प्लेट बैलेंस: राइस बाथ के साथ रायता (दही), सलाद और पापड़ जोड़ें, और दूसरी heavy sabzi या deep fried आइटम कम रखें, ताकि कुल मील का प्रोफाइल अच्छा रहे।
किसके साथ सर्व करें – परफेक्ट कर्नाटक थाली टच
सबसे क्लासिक कॉम्बो है सिंपल प्याज़‑मिर्च या बूंदी रायता, साथ में पापड़ और थोड़ा‑सा नींबू का अचार; रायता हरी मिर्च और मसाले की गरमी को बैलेंस करता है, जबकि पापड़ और/या क्रूटॉन्स हर बाइट में क्रंच देते हैं।
यदि आप थोड़ा elaborate प्लेट बनाना चाहते हैं, तो साथ में कोई हल्की कोकुम/सांभर स्टाइल दाल, कर्ड राइस का छोटा हिस्सा या सरल सलाद (ककड़ी, गाजर, प्याज़) रखकर पूरा साउथ‑इंडियन‑इंस्पायर्ड प्लाटर बना सकते हैं।
क्विक रीकैप – परफेक्ट राइस बाथ के 7 ज़रूरी टिप्स
- सोना मसूरी जैसे चावल को कम से कम 3 बार धोकर 20–30 मिनट तक भिगोएँ, इससे दाने ज्यादा फूले और non‑sticky बनते हैं।
- ग्रीन मसाला पेस्ट को coarse रखें, बहुत बारीक न पीसें – टेक्सचर और फ्लेवर दोनों के लिए यह ज़रूरी है।
- मसाले को तेल में तब तक भूनें, जब तक कच्ची खुशबू न चली जाए; यही स्टेप फ्लेवर की बेस लेयर है।
- चावल डालने के बाद 2–3 मिनट तक हल्का सौते करना न भूलें – इससे दाने टूटते नहीं और पुलाव फूला‑फूला बनता है।
- नमक हमेशा प्रेशर लगाने से पहले broth चखकर adjust करें; बाद में बदलना मुश्किल होगा।
- प्रेशर को नेचुरली रिलीज़ होने दें, तुरंत खोलने से दाने टूट सकते हैं या ऊपर‑नीचे uneven पक सकते हैं।
- गार्निश के लिए नींबू, ब्रेड क्रूटॉन्स और फ्राइड प्याज़ तुरंत सर्व करने से ठीक पहले डालें, ताकि फ्लेवर और क्रंच दोनों फ्रेश रहें।
FAQs
प्र.1: क्या राइस बाथ के लिए हमेशा सोना मसूरी ही ज़रूरी है?
उ.1: कर्नाटक स्टाइल रेसिपीज़ में सोना मसूरी या इसी तरह के मध्यम दाने वाले चावल को “ऑथेंटिक” टेक्सचर के लिए prefer किया जाता है, क्योंकि यह मसालों को अच्छी तरह absorb करता है और पका हुआ चावल न तो बहुत लंबा होता है, न बहुत sticky; हालांकि आप चाहें तो बासमती या कोई और लोकल राइस भी यूज़ कर सकते हैं, लेकिन पानी का अनुपात और कुकिंग टाइम थोड़ा adjust करना पड़ सकता है।
प्र.2: यदि माराठी मोग्गु न मिले तो क्या करें?
उ.2: कई रेसिपीज़ इसे mustard seeds और peppercorns के कॉम्बिनेशन से approximate करती हैं, हालांकि फ्लेवर पूरी तरह same नहीं होगा; कुछ स्पाइस सप्लायर इसे kapok buds के नाम से बेचते हैं, जिनकी खुशबू mustard‑pepper mix जैसी बताई जाती है, लेकिन यह डिश इसके बिना भी अच्छी बन सकती है – बस बाक़ी मसाले और सौंफ थोड़े balance में रखें।
प्र.3: यह राइस बाथ कितना spicy होता है और मिर्च कम कर सकते हैं?
उ.3: ऑरिजिनल रेसिपी अक्सर 8–10 हरी मिर्च के साथ काफी स्पाइसी प्रोफाइल रखती है, लेकिन आप मिर्च की मात्रा आसानी से कम कर सकते हैं या कुछ मिर्च के बीज निकाल सकते हैं; flavour में सबसे ज़्यादा योगदान धनिया‑पुदीना, सौंफ और साबुत मसालों का होता है, इसलिए मिर्च घटाने से डिश boring नहीं लगेगी।
प्र.4: क्या यह डिश डाइबिटिक या weight‑loss डाइट में ली जा सकती है?
उ.4: सोना मसूरी का GI कुछ सोर्सेज के अनुसार मध्यम रेंज में बताया जाता है और 100 ग्राम uncooked में लगभग 350 कैलोरी और 81 ग्राम कार्ब्स होते हैं, इसलिए डाइबिटीज़ या वज़न मैनेजमेंट के लिए portion size, दिन भर के बाकी कार्ब्स और कुल कैलोरी पर ध्यान रखना ज़रूरी है; ऐसे केस में अपने डॉक्टर या रजिस्टर्ड डाइटीशियन से पोर्शन‑गाइडेंस लेना बेहतर है।
प्र.5: क्या राइस बाथ को पहले से बनाकर दोबारा गरम कर सकते हैं?
उ.5: हाँ, आप इसे पहले से पका कर रख सकते हैं और दोबारा गरम करते समय हल्का पानी या मट्ठा/छाछ की छींट से moist कर सकते हैं; best रिज़ल्ट के लिए ब्रेड क्रूटॉन्स और फ्राइड प्याज़ हमेशा सर्व करने से ठीक पहले डालें, वरना वे पूरी तरह soft हो जाएंगे और expected crunch नहीं मिलेगा।
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