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Kerala CM की बहरीन, सऊदी अरब और ओमान यात्रा पर रोक, केंद्र सरकार की चुप

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Kerala CM Pinarayi Vijayan
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केंद्र सरकार ने 16 अक्टूबर से प्रस्तावित केरल के सीएम पिनराई विजयन की खाड़ी देशों की यात्रा को अनुमति देने से इनकार कर दिया है, यात्रा वांछित संवाद और निवेश चर्चा के लिए थी।

Kerala CM पिनराई विजयन की यात्रा पर केंद्र सरकार ने नहीं दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने Kerala CM पिनराई विजयन की प्रस्तावित खाड़ी देशों की यात्रा को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। विजयन की यह यात्रा 16 अक्टूबर से शुरू होने वाली थी, जिसमें बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत और अबू धाबी में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात और निवेश संबंधी चर्चाएँ शामिल थीं। हालांकि यात्रा की अनुमति क्यों नहीं दी गई, इसके लिए सरकार की ओर से कोई स्पष्ट कारण सार्वजनिक नहीं किया गया है।

यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक, पिनराई विजयन बहरीन के केरल समाज में अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज कराते, फिर सऊदी अरब के विभिन्न शहरों में कार्यक्रमों में भाग लेते और अंततः ओमान, कतर, कुवैत व अबू धाबी के प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ संवाद करते।

इस यात्रा का उद्देश्य खाड़ी में रह रहे केरल के प्रवासियों के साथ संबंधों को मजबूत करना और निवेश के अवसर तलाशना था। केंद्र सरकार के इस निर्णय ने राज्य सरकार की योजनाओं पर प्रभाव डाला है और विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक चर्चाओं को जन्म दिया है।

  • 16 अक्टूबर से बहरीन का कार्यक्रम
  • 17-19 अक्टूबर तक सऊदी अरब के दम्माम, जेद्दा और रियाद में सार्वजनिक आयोजन
  • 24-25 अक्टूबर को ओमान मस्कट बैठकें
  • 30 अक्टूबर को कतर का कार्यक्रम
  • 7 नवंबर कुवैत और 9 नवंबर अबू धाबी में कार्यक्रम

केरल के CM की प्रस्तावित यात्रा पर केंद्र सरकार के इस निर्णय से यह संकेत मिलता है कि विदेश यात्राओं पर केंद्र का कड़ा नियंत्रण बना हुआ है। यह कदम राजनीतिक वातावरण और केंद्र-राज्य संबंधों में एक नई बहस का विषय बन सकता है।


FAQs (Hindi)

  1. केरल CM पिनराई विजयन की खाड़ी यात्रा कब शुरू होने वाली थी?
    • 16 अक्टूबर 2025 से।
  2. केंद्र सरकार ने यात्रा को क्यों रोका?
    • कारण का आधिकारिक उल्लेख नहीं किया गया है।
  3. यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
    • खाड़ी में प्रवासी भारतीयों से संवाद और निवेश पर चर्चा।
  4. यात्रा में कौन-कौन से देश शामिल थे?
    • बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत, अबू धाबी।
  5. इस निर्णय का राज्य सरकार पर क्या असर होगा?
    • राज्य की विदेश गतिशीलताओं में बाधा व राजनीतिक प्रतिक्रिया।
  6. आगे क्या संभावना है?
    • संभावित पुनर्विचार या कानूनी विकल्प भी देखे जा सकते हैं।

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