राहुल गांधी के पीएम मोदी के ‘डांस’ तंज पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने राहुल को ‘तीस मार खान’ कहकर निशाना बनाया।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, राहुल गांधी की राजनीति निचले स्तर पर पहुंची
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार चुनावी माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी के तंज पर तीखा हमला किया है। मौर्य ने राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में उनकी राजनीतिक छवि नीचे गिर गई है और वे खुद को ‘तीस मार खान’ समझते हैं।
केशव प्रसाद मौर्य के तंज
- मौर्य ने ट्विटर पर लिखा कि राहुल गांधी भारत को बदनाम कर चुके हैं और उनकी जुबान व व्यवहार पर अब किसी का नियंत्रण नहीं है।
- उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग न केवल मोदी जी का अपमान है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों का भी अपमान है।
- मौर्य ने बिहार और देश की जनता से अपील की कि वे अपने प्रिय प्रधानमंत्री के अपमान को सहन नहीं करेंगे।
राहुल गांधी का विवादित बयान
- राहुल गांधी ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने चुनावी फायदे के लिए छठ पूजा के दौरान यमुना नदी में बहने से पहले एक नाटक किया, जिसमें यमुना की गंदगी से बचने के लिए एक छोटे तालाब का निर्माण किया गया।
- राहुल ने कहा कि वहां से साफ पानी की पाइपलाइन लगाई गई थी और फोटो आने के बाद मामला खुला।
राजनीतिक माहौल
- इस बयान के बाद राजनीति और गरमाई है, जहां दोनों पक्ष एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगा रहे हैं।
- बीजेपी और कांग्रेस के बीच चुनावी लड़ाई के बीच यह विवाद नया सियासी रंग लेकर आया है।
विवाद के प्रमुख बिंदु
| पक्ष | बयान / प्रतिक्रिया |
|---|---|
| राहुल गांधी | पीएम मोदी ने छठ पूजा में नाटक किया, यमुना की गंदगी से बचा |
| केशव प्रसाद मौर्य | राहुल खुद को तीस मार खान समझते हैं, मोदी का अपमान नहीं करेंगे |
| राजनीतिक संदर्भ | बिहार चुनावी गर्माहट, दोनों दलों का मतभेद गहरा |
FAQs
- राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर क्या आरोप लगाए?
— छठ पूजा के दौरान नाटक करने और गंदे यमुना पानी से बचने के लिए तालाब बनाने का जिक्र। - केशव प्रसाद मौर्य का क्या जवाब था?
— उन्होंने राहुल पर देश को बदनाम करने और खुद को ‘तीस मार खान’ समझने का आरोप लगाया। - यह विवाद किस चुनावी संदर्भ में है?
— बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान। - दोनों पक्षों के बीच राजनीति कैसी चल रही है?
— आरोप-प्रत्यारोपों से भरी कड़ी चुनावी लड़ाई। - जनता का इसपर क्या रुख हो सकता है?
— यह चुनावी माहौल पर निर्भर करेगा, राजनीतिक इमोशंस तेज हैं।
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