Ladakh के समाज सुधारक Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की।
Ladakh Protests: Sonam Wangchuk की हिरासत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका
लद्दाख के समाजसेवी और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ उनकी पत्नी गितांजलि जे अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की है। वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद उनकी सेहत और हिरासत की स्थिति की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
गिरफ्तारी का प्रसंग
सोनम वांगचुक को 24 सितम्बर को लद्दाख में राज्यसभा की मांग व छठे अनुसूची की मांग वाले आंदोलन के दौरान हिंसक प्रदर्शनों के बाद NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत गिरफ्तार किया गया। प्रशासन ने उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा है।
कानूनी कार्रवाई और याचिका
गितांजलि ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, कानून मंत्री और लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर को पत्र लिखकर उनके पति की तत्काल रिहाई की मांग की थी। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें गिरफ्तारी की वैधता और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मांगी गई है।
आरोप और सरकार पर सवाल
गितांजलि ने सरकार पर उनके आंदोलन को कमजोर करने के लिए “विच-हंट” और सोनम वांगचुक को “देशविरोधी” बताने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सभी दस्तावेज संबंधित अधिकारियों को सौंपे जा चुके हैं, फिर भी गिरफ्तारी और बदनामी की कोशिशें की जा रही हैं।
यह मामला न केवल व्यक्तिगत अधिकारों, बल्कि सामाजिक आंदोलनों और मानवाधिकारों की रक्षा से भी जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका से इस मामले पर कानूनी निर्णायकता आने की संभावना बनी है।
FAQs
- सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी किस कानून के तहत हुई?
- उनकी पत्नी ने किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई की है?
- गिरफ्तारी के पीछे क्या कारण बताए जा रहे हैं?
- गितांजलि ने सरकार पर क्या आरोप लगाए?
- वांगचुक की रिहाई के लिए कौन-कौन सी संस्थाओं को पत्र लिखा गया?
- इस मामले का सामाजिक आंदोलन और मानवाधिकारों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
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