प्रेमचंद ने साहित्य को नये ढंग से परिभाषित किया – नलिन रंजन सिंह
कतरास : भारतीय क्लब के कतरास के सभागार में रविवार को डॉ.मृणाल की पुस्तक ‘प्रेमचंद हमारे हमसफर’ का लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम वरिष्ठ कवि अनवर शमीम की अध्यक्षता में संपन्न हुई।जिसमें लखनऊ से आए मुख्य वक्ता जलेस के राष्ट्रीय सचिव प्रो.नलिन रंजन सिंह ने कहा कि प्रेमचंद पर कई आरोप लगे,जो झूठ की बुनियाद पर गढ़े गये हैं, जो निराधार हैं।ये आरोप फासिस्ट ताक़तों द्वारा लगाए गये हैं।प्रेमचंद ने साहित्य को नये ढंग से परिभाषित किया। प्रो.हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा कि हम सभी प्रेमचंद के गढ़े गये लोग हैं।आज के समय में सामुहिकता समाप्त हो गयी है।प्रेमचंद ने राष्ट्रवाद को अपने ढंग से परिभाषित किया है।
डा. बलभद्र ने कहा कि प्रेमचंद ने
हिंदी-उर्दू के साथ ही साथ हिंदू-मुस्लिम एकता और धर्मनिरपेक्षता को अपनी रचनाओं में प्राथमिकता दी है। डॉ.अली इमाम खान ने कहा कि डॉ.मृणाल ने इस पुस्तक के माध्यम से प्रेमचंद को नये संदर्भ में समझने की कोशिश की है।बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा,मनमोहन पाठक,प्रो.राजेन्द्र मिश्र ने भी अपने विचार रखे।संचालन जलेस के ज़िला सचिव कुमार अशोक ने किया।मौके पर राजेन्द्र राजा,मुन्ना सिद्दीकी, मातादीन अग्रवाल, उमाशंकर तिवारी, स्वामीनाथ पांडे, विद्यानंद झा,विनय सिंह,शंकर चौहान, रंजन मिश्रा,विष्णु कुमार, राजेंद्र प्रजापति, उमेश ऋषि, जयदेव बनर्जी,प्रभात मिश्रा, आज़ाद प्रसाद सिंह आदि थे।
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