Home महाराष्ट्र महाराष्ट्र : पूर्व सीपी परमबीर सिंह के आरोपों के बाद सियासत गर्म, BJP के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात
महाराष्ट्र

महाराष्ट्र : पूर्व सीपी परमबीर सिंह के आरोपों के बाद सियासत गर्म, BJP के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात

Share
Share

नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की चिट्ठी में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए वसूली के आरोपों के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को पूरी घटना की जानकारी दी और कहा कि अगर इस मामले में मुख्यमंत्री ने चुप्पी साधी है तो संवैधानिक प्रमुख होते हुए राज्यपाल को अपनी जिम्मेदारी संभालनी चाहिए और सीएम से पूछना चाहिए कि पूरे मामले पर क्या कार्रवाई की गई है।

इस दौरान फडणवीस ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वसूली रैकेट पर कांग्रेस भी चुप है, क्योंकि उसे उसका हिस्सा मिलेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अब महावसूली सरकार बन गई है।

हालांकि कांग्रेस आरोपों से इंकार कर रही है लेकिन मामले की सीबीईआई जांच की मांग तूल पकड़ रही है। इस बीच अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है । आरोप लगाने वाले पूर्व सीपी परमबीर सिंह ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने ये मामला सुना।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच ने कहा कि मामले में लगाए जा रहे आरोप प्रत्यारोप बेहद गंभीर हैं। हालांकि कोर्ट ने मामले में सुनवाई से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह अपनी याचिका बंबई उच्च न्यायालय में दायर करें। अदालत ने टिप्पणी की कि परमबीर सिंह ने याचिका में जिन निर्देशों की मांग की है उन सभी मामलों में बंबई उच्च न्यायालय सुनवाई कर सकता है। परमबीर सिंह ने दो साल का तय कार्यकाल पूरा होने से पहले अपने ट्रांसफर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन बताया। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि लगभग सभी राज्यों में पुलिस सुधार पर अमल के कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होता है। लेकिन राजनैतिक संकट पैदा होने पर ही अदालत में इस मामले को उठाया जाता है। अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने अपने तबादले को रद्द करने और गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग की गई थी।

बाद में परमबीर सिंह की ओर से  बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सुनवाई की मांग की गई है।

उधर, राज्य में जारी सियासी भूचाल के बीच बुधवार को उद्धव मंत्रिमंडल की बैठक हुई। माना जा रहा है कि इसमें अनिल देशमुख के मामले पर भी चर्चा हुई।
तमाम आरोप प्रत्यारोपों और कानूनी दांव-पेंच अपनी जगह हैं लेकिन जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री पर आरोप लगे हैं उससे गठबंधन सरकार की साख पर सवाल तो उठ ही रहे हैं।

 

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

सतारा डॉक्टर आत्महत्या केस: पिता ने आरोपियों के लिए फाँसी की मांग की

महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक महिला सरकारी डॉक्टर की आत्महत्या मामले...

महाराष्ट्र में चार साल में 142 बाघ और 537 तेंदुए मरे, RTI में खुलासा

महाराष्ट्र में 2022 से 2025 के बीच 142 बाघ और 537 तेंदुए...

Maharashtra Monsoon Death: मानसून सत्र में 337 लोग बारिश-संबंधित दुर्घटनाओं में मरे – रिपोर्ट

Maharashtra में Monsoon के दौरान बारिश-संबंधित घटनाओं में 337 लोगों की मौत...