रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) : उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के पास रविवार तड़के खराब दृश्यता के कारण एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे उसमें सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई।
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यह दुर्घटना गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर हुई।
मरने वालों में पांच तीर्थयात्री, पायलट और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का एक कर्मचारी शामिल हैं।
हेलीकॉप्टर ने सुबह करीब 5:30 बजे केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी और कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटनास्थल गौरीकुंड से करीब 5 किलोमीटर ऊपर स्थित है जिसे गौरी माई खर्क के नाम से जाना जाता है।
सूत्रों ने बताया कि आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का हेलीकॉप्टर केदारघाटी में गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई।
राजवार ने कहा कि खराब मौसम के कारण शून्य दृश्यता के कारण यह दुर्घटना हुई। उन्होंने कहा कि बचाव एवं राहत दल को घटनास्थल पर भेज दिया गया है।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी एवं हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलीकॉप्टर के लापता होने की सूचना आज सुबह मिली और तत्काल खोज शुरू कर दी गई।
मृतक महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।
हेलीकॉप्टर में सवार लोगों में महाराष्ट्र से श्रद्धा राजकुमार जयसवाल (35), महाराष्ट्र से काशी (2), गुजरात से राजकुमार सुरेश जयसवाल (41), उत्तराखंड से विक्रम सिंह रावत, उत्तर प्रदेश से विनुद देवी (66), उत्तर प्रदेश से तुष्टी सिंह (19) और पायलट कैप्टन राजवीर सिंह चौहान शामिल थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
यह हेलिकॉप्टर दुर्घटना, अहमदाबाद में लंदन जा रहे एयर इंडिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें विमान में सवार 241 लोग तथा जमीन पर कई अन्य लोग मारे गए थे।
इससे पहले आठ मई को गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।
7 जून को केदारनाथ जा रहे एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण उड़ान भरने के तुरंत बाद सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिसमें पायलट घायल हो गया था, लेकिन उसमें सवार पांच श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया गया था।
नवीनतम दुर्घटना के मद्देनजर धामी ने राज्य में हेलीकॉप्टर परिचालन के लिए सख्त निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हेली सेवाओं के संचालन के लिए एक सख्त एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की जानी चाहिए, जिसमें हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूरी जांच अनिवार्य की जानी चाहिए। हेली संचालन से पहले मौसम की स्थिति की भी जांच की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव को तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं, जो हेली संचालन के सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा के बाद एसओपी तैयार करेगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हेली सेवाओं का संचालन पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुसार हो।
धामी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य में पूर्व में हुई हेलीकाप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति पूर्व में हुई हेली दुर्घटनाओं के साथ-साथ आज की हेली दुर्घटना के हर पहलू की गहनता से जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
यह समिति प्रत्येक घटना के कारणों की गहराई से जांच करेगी तथा दोषी व्यक्तियों या संस्थाओं की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हेली सेवाओं का महत्व तीर्थयात्रा, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए बहुत अधिक है, इसलिए इनमें सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
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