अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रिश्ते भारत के साथ अमेरिकी संबंधों को प्रभावित नहीं करते।
यूएस-पाकिस्तान रिश्ते भारत के खिलाफ नहीं: मार्को रुबियो का स्पष्ट बयान
यूएस-पाकिस्तान संबंध भारत के खिलाफ नहीं: मार्को रुबियो का बयान
अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने स्पष्ट कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक संबंधों का विस्तार करना चाहता है, लेकिन यह भारत के साथ अमेरिकी संबंधों या मित्रता के खिलाफ नहीं है। उन्होंने यह बात दोहा जाने वाली एक विमान में मीडिया से बात करते हुए कही।
रुबियो ने कहा, “भारत के ऐसे देशों के साथ संबंध हैं जिनके साथ अमेरिका नहीं है, उसी तरह अमेरिका के पाकिस्तान के साथ संबंध हैं। यह परिपक्व और व्यावहारिक विदेश नीति का हिस्सा है।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ साझेदारी बढ़ाने की इच्छा है, खासकर आतंकवाद रोधी कार्यों में सहयोग के लिए, लेकिन इसे भारत के साथ संबंधों की गहराई और ऐतिहासिक महत्व को कमतर नहीं किया जा सकता।
मार्को रुबियो के बयान से पहले, ट्रम्प प्रशासन के पाकिस्तान के साथ करीब आने से भारत में नाराज़गी बढ़ी थी। इस बीच मई 2025 में भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंचा था। ट्रम्प ने इस संघर्ष को शांति समझौते में बदलने के लिए व्यापार को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का दावा किया था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया।
रुबियो वर्तमान में मलेशिया में ASEAN सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जहां भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मिलने की उम्मीद है। चर्चा का विषय व्यापार वार्ता और भारत की रूस से तेल खरीद पर प्रतिबंध भी हो सकता है। अमेरिका ने भारत को रूस के तेल आयात को कम करने का दबाव भी डाला है।
मार्को रुबियो की यह अभिव्यक्ति स्पष्ट करती है कि अमेरिका दक्षिण एशिया में सामरिक साझेदारी को संतुलित रखना चाहता है जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संबंध हैं। यह नीति क्षेत्रीय स्थिरता और व्यापक रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है
FAQs
- मार्को रुबियो ने क्या बताया?
- उन्होंने कहा कि यूएस-पाकिस्तान संबंध भारत के खिलाफ नहीं हैं और यह परिपक्व विदेश नीति का हिस्सा है।
- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कब बढ़ा?
- मई 2025 में तनाव चरम पर पहुंचा था।
- ट्रम्प प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर क्या कहा?
- ट्रम्प ने व्यापार को शांति समझौते के लिए हथियार बताया।
- रुबियो की क्या योजनाएँ हैं?
- ASEAN सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री से व्यापार और ऊर्जा पर बातचीत करनी है।
- भारत ने रूस के तेल आयात पर क्या कदम उठाए?
- भारत ने अपने तेल स्रोत विविधीकरण की योजना अमेरिका को बताई है।
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