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Margashirsha Amavasya:इस अमावस्या पर करें शुभ दान और प्राप्त करें आशीर्वाद

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Margashirsha Amavasya 2025 की तिथि, महत्व और प्रत्येक राशि के लिए शुभ दान-उपाय जानें – धन, शांति और पितृ-आशीर्वाद प्राप्त करने का श्रेष्ठ दिन।

Margashirsha Amavasya 2025: तिथि, महत्व और राशि अनुसार शुभ दान

अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है, और जब यह तिथि मार्गशीर्ष मास में आती है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 का दिन पितृ तर्पण, दान-पुण्य, व्रत और ध्यान साधना के लिए अत्यंत शुभ है। यह तिथि केवल कर्म-फल से जुड़ी नहीं होती बल्कि मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति से भी संबंधित है।

इस दिन किया गया दान, स्नान और ध्यान कई जन्मों के पापों का क्षय करता है, ऐसा शास्त्रों में उल्लेख है। इसके अलावा, ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक राशि के अनुसार किए गए दान का फल अलग-अलग होता है।


मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि और मुहूर्त

  • तिथि आरंभ: 26 नवंबर 2025, बुधवार, रात्रि 11:22 बजे
  • तिथि समाप्त: 27 नवंबर 2025, गुरुवार, रात्रि 09:10 बजे
  • पूजन का श्रेष्ठ समय: 27 नवंबर 2025, सूर्योदय से दोपहर तक (पितृ तर्पण व दान काल)

यह तिथि मार्गशीर्ष माह की अमावस्या है, जिसे ‘पितृ तर्पण अमावस्या’ भी कहा जाता है। इस दिन स्नान, दीपदान, तुलसी-पूजन और दान के कार्य विशेष फलदायी माने जाते हैं।


मार्गशीर्ष अमावस्या का धार्मिक महत्व

  1. पितृ-तर्पण: इस दिन पितरों को जलदान और तिल तर्पण से आत्मिक शांति मिलती है।
  2. दान-पुण्य: किया गया प्रत्येक दान दस गुना फल देता है।
  3. नदी-स्नान: गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान पाप-नाशक होता है।
  4. तुलसी-पूजन: तुलसी और विष्णु भगवान की पूजा करने से गृह-शांति प्राप्त होती है।
  5. भोजन-दान: भूखों को अन्नदान अमावस्या के श्रेष्ठ कर्मों में से एक माना गया है।

राशि अनुसार शुभ दान (Zodiac-wise Auspicious Donations)

मेष (Aries)

इस दिन लाल वस्त्र, गुड़, तांबा या लाल मसूर का दान करें। इससे क्रोध पर नियंत्रण, करियर में स्थिरता और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

वृषभ (Taurus)

चावल, सफेद वस्त्र, चांदी या सुगंधित वस्तुओं का दान करना शुभ रहेगा। यह पारिवारिक सौहार्द और आर्थिक प्रगति लाता है।

मिथुन (Gemini)

हरे रंग के वस्त्र, मूंग या हरी दाल, कलम-कॉपी या पुस्तकें दान करें। इससे बुद्धि-विकास और निर्णय-क्षमता में वृद्धि होती है।

कर्क (Cancer)

दूध, सफेद चंदन, मोती या रजत वस्तुएँ दान करना श्रेष्ठ है। इससे मानसिक शांति, गृह-सुख और पारिवारिक सामंजस्य बढ़ता है।

सिंह (Leo)

गुड़, गेहूं, तांबे के बर्तन या सूर्य देव से संबंधित वस्तुएँ दान करें। यह आत्म-विश्वास और मान-सम्मान बढ़ाता है।

कन्या (Virgo)

हरे कपड़े, मूंग की दाल, तिल या साबुन जैसी स्वच्छता सामग्री का दान करें। यह रोग-निवारण और स्थायित्व देता है।

तुला (Libra)

सुगंध, सुंदर कपड़े, दर्पण या सौंदर्य से जुड़ी वस्तुएँ दान करें। इससे संबंधों में मिठास और आकर्षण शक्ति बढ़ती है।

वृश्चिक (Scorpio)

लाल तिल, लाल वस्त्र, तांबा या गुड़ का दान शुभ रहता है। यह बाधाओं से मुक्ति और इच्छाओं की पूर्ति करता है।

धनु (Sagittarius)

पीले वस्त्र, चना-दाल, हल्दी, या पीले फूल दान करें। यह गुरु कृपा और ज्ञान-वृद्धि का प्रतीक है।

मकर (Capricorn)

काला तिल, सरसों का तेल, लोहे की वस्तु या काला कपड़ा दान करें। यह शनिदेव की कृपा और कर्म-सिद्धि लाता है।

कुंभ (Aquarius)

नीले वस्त्र, कंबल, या पानी से जुड़ी वस्तुएँ दान करें। यह सामाजिक सम्मान और मानसिक स्थिरता देता है।

मीन (Pisces)

पीला चंदन, केसर, वस्त्र या अन्न का दान करना अत्यंत शुभ है। यह धर्म-कर्म और ईश्वर-भक्ति में वृद्धि करता है।


क्या करें और क्या न करें इस दिन

करें:

  • सूर्योदय से पहले स्नान और पूजा करें।
  • पितृ तर्पण या जल अर्पण ज़रूर करें।
  • गरीबों व ब्राह्मणों को भोजन कराएँ या अन्नदान करें।
  • गाय, पक्षी या पशुओं को दाना-पानी दें।

न करें:

  • दूसरों की निंदा, झूठ या कटु वचन का प्रयोग।
  • वाद-विवाद या अशुभ कार्यों में शामिल होना।
  • मांस, मदिरा या नशीले पदार्थों का सेवन।

मार्गशीर्ष अमावस्या के विशेष उपाय

  1. शिवलिंग पर जल व तिल अर्पण: यह पितृ-दोष शमन और मानसिक शांति के लिए लाभकारी होता है।
  2. तुलसी-विष्णु पूजन: तुलसी पर दीपक जलाएँ और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  3. दीपदान: शाम को घर के मुख्य द्वार, तुलसी के पास और नदी-तट पर दीप जलाएँ।
  4. शनि उपासना: शनिदेव को तिल का तेल अर्पित करें, यह कर्म-बाधाओं को दूर करता है।

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 केवल पितृ-तर्पण या दान का दिन नहीं है—यह आत्म-शुद्धि, कृतज्ञता और सकारात्मक ऊर्जा का पर्व है। राशि-अनुसार किए गए दान से न केवल ग्रह-दोष शमन होता है बल्कि जीवन में स्थिरता, धन और शांति आती है।
इस दिन अपने घर, मन और जीवन में प्रकाश भरें, क्योंकि यह अमावस्या अंधकार को समाप्त कर नए आरंभ का प्रतीक है।


FAQs

  1. मार्गशीर्ष अमावस्या पर क्या खास दान करना चाहिए?
    – तिल, अन्न, वस्त्र और धातु का दान सबसे शुभ माना गया है।
  2. क्या इस दिन व्रत रखना जरूरी है?
    – हाँ, व्रत या उपवास रखने से आत्म-संयम और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
  3. क्या महिलाएँ पितृ-तर्पण कर सकती हैं?
    – हाँ, महिलाएँ भी श्रद्धा से पितृ-तर्पण कर सकती हैं। भावना ही मुख्य है।
  4. क्या केवल नदी में स्नान ही जरूरी है?
    – यदि संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  5. किस देवता की पूजा करनी चाहिए?
    – इस दिन शिव-विष्णु दोनों का पूजन उत्तम फल देता है।
  6. किस समय दान करना शुभ होता है?
    – सूर्योदय से दोपहर तक का समय दान-पुण्य के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
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