MEA ने कहा कि भारत-US के बीच नशीले पदार्थों के खिलाफ सहयोग बढ़ा है, प्रमुख नेटवर्क तोड़े गए, छठी बैठक की तैयारी चल रही है।
नारकोटिक्स के खिलाफ भारत-अमेरिका की साझा लड़ाई को मजबूत करना चाहता भारत
भारत-US के बीच नशीले पदार्थों के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की इच्छा
विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि पिछले कई वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच नशीले पदार्थों के खिलाफ ऑपरेशनल सहयोग में उछाल आया है। नई दिल्ली इस साझा लड़ाई को और मजबूत करना चाहता है। प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि संयुक्त अभियानों से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तोड़े गए हैं।
काउंटर-नारकोटिक्स वर्किंग ग्रुप
2020 में शुरू हुए भारत-US काउंटरनारकोटिक्स वर्किंग ग्रुप की पांचवीं बैठक पिछले साल अक्टूबर में हुई थी। दोनों पक्षों ने चुनौतियों से निपटने के लिए कई उपाय अपनाए। छठी बैठक की तैयारी चल रही है। जायसवाल ने कहा कि नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई सहयोग का बहुत अच्छा क्षेत्र है।
सूचना साझा करने का मजबूत तंत्र
दोनों देशों के बीच सूचना साझा करने का मजबूत तंत्र है, जिससे महत्वपूर्ण जब्ती और गिरफ्तारियां हुई हैं। भारत का अमेरिका के साथ बहुत मजबूत संस्थागत सहयोग है, जो लंबे समय से चले आ रहे समझौतों पर आधारित है। हाल के वर्षों में सहयोग बढ़ा है, जिसमें द्विपक्षीय रोकथाम और समन्वित प्रवर्तन शामिल हैं।
भविष्य की संभावनाएं
MEA ने कहा कि यह सहयोग भविष्य में और मजबूत होगा। नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई दोनों देशों के लिए प्राथमिकता है। संयुक्त प्रयासों से ड्रग तस्करी पर अंकुश लगेगा और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ेगी।
FAQs:
- भारत-US के बीच नशीले पदार्थों पर सहयोग कब शुरू हुआ?
- काउंटरनारकोटिक्स वर्किंग ग्रुप की कितनी बैठकें हो चुकी हैं?
- इस सहयोग से क्या उपलब्धियां हासिल हुई हैं?
- MEA प्रवक्ता ने सहयोग के बारे में क्या कहा?
- छठी बैठक कब होने वाली है?
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