मेरठ में ड्रग सिंडिकेट के किंगपिन ने पुलिस छापे में छिपे बेसमेंट एग्जिट से फरार हो गया। लाखों रुपये का नशीला माल जब्त, पुलिस मैनहंट शुरू। उत्तर प्रदेश ड्रग नेटवर्क का नया चेहरा!
मेरठ नारकोटिक्स सिंडिकेट का सरगना गायब: छिपी सुरंग से पुलिस को चकमा, क्या है पूरा राज?
मेरठ ड्रग सिंडिकेट का किंगपिन फरार: छिपे बेसमेंट एग्जिट से पुलिस को दे गया चकमा
28 दिसंबर 2025 को मेरठ में पुलिस का एक बड़ा छापा पड़ा, लेकिन ड्रग सिंडिकेट के सरगना को पकड़ने में नाकाम रहा। किंगपिन ने घर के बेसमेंट में बने छिपे एग्जिट का इस्तेमाल कर फरार हो गया। पुलिस ने लाखों रुपये का नशीला माल जब्त किया और कई गिरफ्तारियां कीं, लेकिन मास्टरमाइंड हाथ से निकल गया। अब पूरे जिले में मैनहंट चल रही है। ये घटना उत्तर प्रदेश के ड्रग नेटवर्क की गहराई दिखाती है।
पुलिस को कैसे मिली जानकारी?
मेरठ पुलिस को टिप मिली कि शहर के एक पॉश इलाके में बड़ा ड्रग गोदाम चल रहा। स्पेशल टास्क फोर्स ने रेड मारा। घर में घुसते ही बेसमेंट का दरवाजा बंद मिला। अंदर ढेर सारा सिंथेटिक ड्रग्स, पैकेट्स तैयार। लेकिन किंगपिन का कहीं नामोनिशान नहीं। जांच में पता चला – बेसमेंट में दीवार तोड़कर सीक्रेट टनल या एग्जिट बना था, जो बाहर निकलता। ऐसा लगता है महीनों से प्लानिंग थी। CCTV भी टैम्पर मिले।
जब्त माल और गिरफ्तारियां
- लाखों रुपये के ड्रग्स: MDMA, गेरुलिन जैसे पार्टी ड्रग्स, पैकेट्स रेडी।
- कैश और वाहन: किंगपिन के लग्जरी कारें, विदेशी करेंसी।
- 4-5 सहयोगी गिरफ्तार: लोकल सप्लायर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स।
ये सिंडिकेट दिल्ली-NCR, हरियाणा तक सप्लाई करता। NCB के साथ कोऑर्डिनेशन में ऑपरेशन। किंगपिन का नाम गोपनीय, लेकिन लोकल मेरठ का बड़ा नाम।
उत्तर प्रदेश में ड्रग्स का बढ़ता खतरा
UP में ड्रग्स केसेज 2025 में 30% बढ़े। मेरठ गेटवे बना – NH से दिल्ली कनेक्शन। NCB डेटा: 2024-25 में 500+ किलो सिंथेटिक ड्रग्स जब्त, वैल्यू 1000 करोड़। ज्यादातर पंजाब बॉर्डर से आते, लोकल लैब्स में पैक। युवाओं पर असर: पार्टी कल्चर, कॉलेजेस में स्प्रेड। मेरठ मेडिकल कॉलेज के पास हॉटस्पॉट्स। पुलिस का ‘ऑपरेशन क्लीन’ चल रहा।
| वर्ष | UP ड्रग बस्ट्स | जब्त मात्रा (किलो) | वैल्यू (करोड़) |
|---|---|---|---|
| 2023 | 250 | 300 | 500 |
| 2024 | 380 | 450 | 800 |
| 2025 (दिसंबर तक) | 520 | 650 | 1200 |
किंगपिन की बैकग्राउंड: मेरठ का ‘डॉन’
लोकल सोर्सेज के मुताबिक, ये शख्स 40-45 साल का, मेरठ का रहने वाला। पहले छोटा बिजनेस, फिर ड्रग्स में कूद। नेटवर्क में 20-30 लोग। विदेश कनेक्शन – डच, कनाडा से रॉ मटेरियल। घर हाई-टेक: बॉडी सेंसर्स, फेक वॉल्स। फरार होने के बाद लोकेशन ट्रैकिंग, बॉर्डर चेक। रिवॉर्ड घोषित हो सकता।
पुलिस की मैनहंट: क्या स्ट्रैटेजी?
- CCTV फुटेज चेक: एग्जिट से निकलने का वीडियो।
- इनफॉर्मर्स नेटवर्क: फैमिली, फ्रेंड्स पर नजर।
- इंटरस्टेट अलर्ट: हरियाणा, पंजाब, राजस्थान चेकपोस्ट।
- NCB, DRI के साथ जॉइंट टीम।
पिछले हफ्ते नोएडा में इसी तरह का केस – किंगपिन पकड़ा। लेकिन मेरठ वाला स्मार्ट निकला।
ड्रग्स केसों के हाईलाइट्स 2025
- नोएडा: 50 किलो कोकेन, 200 करोड़।
- लखनऊ: हेरोइन लैब, 10 गिरफ्तार।
- आगरा: गेरुलिन फैक्ट्री।
- मेरठ: ये बेसमेंट एस्केप यूनिक।
गवर्नमेंट का एक्शन: NDPS एक्ट सख्ती, स्पेशल कोर्ट्स। योगी सरकार का जीरो टॉलरेंस।
युवाओं पर असर और जागरूकता
मेरठ जैसे शहरों में ड्रग्स पार्टी कल्चर से युवा बर्बाद। ICMR सर्वे: UP में 15-25 उम्र 8% एडिक्टेड। फैमिलीज टूट रही। स्कूल-कॉलेज में अवेयरनेस कैंप्स जरूरी। पुलिस हेल्पलाइन: 1933।
क्या होगा नेक्स्ट?
अगर किंगपिन पकड़ा गया तो पूरा नेटवर्क फंस सकता। लेकिन फरार होने से चैलेंज। बॉर्डर पार चला गया तो इंटरनेशनल अलर्ट। मेरठ पुलिस दबाव में – जल्द अरेस्ट का दावा। ये केस UP ड्रग वॉर का नया चैप्टर।
5 FAQs
- मेरठ ड्रग किंगपिन कैसे फरार हुआ?
बेसमेंट में छिपे एग्जिट या टनल से पुलिस छापे के दौरान भाग गया। - छापे में क्या जब्त हुआ?
लाखों रुपये के सिंथेटिक ड्रग्स, कैश, वाहन। कई सहयोगी गिरफ्तार। - पुलिस की मैनहंट कैसी चल रही?
CCTV, इनफॉर्मर्स, इंटरस्टेट अलर्ट, NCB के साथ। - UP में ड्रग्स केस क्यों बढ़े?
बॉर्डर कनेक्शन, लोकल लैब्स, युवा डिमांड। 2025 में 30% इजाफा। - ड्रग्स की शिकायत कैसे करें?
पुलिस हेल्पलाइन 1933 या NCB पोर्टल पर।
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