ममता बनर्जी ने PM मोदी से ‘बंकिम दा’ वाले बयान पर माफी मांगी। लोकसभा में वंदे मातरम चर्चा के दौरान विवाद। बंकिम चंद्र का अपमान?
बंकिम चंद्र को ‘दा’ कहना गलत? ममता vs मोदी विवाद ने बंगाल चुनाव गरमाया!
‘बंकिम दा’ विवाद: ममता ने PM मोदी से मांगी माफी, बोलीं देश का अपमान हुआ
दोस्तों, राजनीति में कभी-कभी छोटी सी बात बड़ा विवाद खड़ी कर देती है। कल लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल पर चर्चा के दौरान PM नरेंद्र मोदी ने लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को ‘बंकिम दा’ कह दिया। बस, ये बात TMC सांसद सौगत रॉय को पसंद न आई। उन्होंने तुरंत आपत्ति जताई। अब पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने इसे बंगाल की संस्कृति का अपमान बताते हुए PM से देश के नाम पर माफी मांगने की मांग की है। कुच बिहार रैली में ममता ने कहा – आप आजाद भारत के समय पैदा ही नहीं हुए, फिर भी बंकिम को इतना हल्का लिया। क्या है ये पूरा विवाद? चलिए समझते हैं।
लोकसभा में PM मोदी वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर बोल रहे थे। उन्होंने बंकिम चंद्र का जिक्र करते हुए कहा ‘बंकिम दा’। सौगत रॉय ने बीच में टोका – ‘बंकिम बाबू’ कहिए। मोदी ने तुरंत कहा – ठीक है, बंकिम बाबू। आपकी भावनाओं का सम्मान। हल्के लहजे में पूछा – क्या मैं आपको दादा कह सकता हूं? सदन में हंसी छूट गई। लेकिन ममता को ये बर्दाश्त न हुआ। कुच बिहार में रैली कर बोलीं – न्यूनतम सम्मान भी न दिया। देश से माफी मांगो। BJP बंगाल की संस्कृति, भाषा, विरासत मिटाएगी।
बंकिम चंद्र कौन थे? वंदे मातरम की विरासत
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय (1838-1894) बंगाली साहित्य के पितामह। आनंदमठ उपन्यास लिखा, जिसमें वंदे मातरम गीत है। 1905 स्वदेशी आंदोलन में राष्ट्रगान बना। गांधी, नेहरू ने गाया। ICMR और इतिहासकार कहते – स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणा स्रोत। बंगाल में भगवान तुल्य। ‘दा’ भाई का प्यार भरा संबोधन, लेकिन औपचारिक बहस में बाबू बेहतर। ममता का तर्क – PM को इतिहास पता होना चाहिए।
5 FAQs
- ‘बंकिम दा’ विवाद कैसे शुरू हुआ?
लोकसभा में PM ने वंदे मातरम चर्चा में कहा, सौगत रॉय ने आपत्ति की। - ममता ने क्या मांगा?
PM से देश के नाम पर माफी। - बंकिम चंद्र का योगदान?
वंदे मातरम रचयिता, आनंदमठ लेखक। - क्या PM ने माफी मांगी?
नहीं, लेकिन तुरंत ‘बंकिम बाबू’ कहा। - बंगाल चुनाव कनेक्शन?
SIR खत्म होते ही डेट्स, कल्चरल इश्यू पर फोकस।
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