PM मोदी बोले – ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ ने सभ्यता को बदनाम किया। 8.2% GDP से भारत ग्लोबल इंजन। 10 साल में कोलोनियल मेंटालिटी खत्म करें।
8.2% GDP ग्रोथ के बीच मोदी का ऐलान: कोलोनियल मेंटालिटी खत्म, भारत बनेगा सुपरपावर!
‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ ने पूरी सभ्यता को बदनाम किया: PM मोदी का कोलोनियल मेंटालिटी पर जोरदार प्रहार
दोस्तों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में एक ऐसा बयान दिया जो पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर देगा। उन्होंने ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ टर्म को आड़े हाथों लिया और कहा कि ये शब्द न सिर्फ अर्थव्यवस्था की कमजोरी दर्शाता था बल्कि पूरी हिंदू सभ्यता को गरीबी का पर्याय बना दिया। आज जब भारत 8.2% GDP ग्रोथ के साथ ग्लोबल इंजन बन रहा है, तब ये पुरानी मानसिकता छोड़ने का समय है। अगले 10 सालों में गुलामी की सोच को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। आइए समझें इस बयान का पूरा मतलब।
मोदी जी ने कहा कि दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है – फाइनेंशियल क्राइसिस, महामारी, युद्ध – लेकिन भारत कॉन्फिडेंस से भरा खड़ा है। Q2 में 8.2% ग्रोथ वैश्विक 3% से दोगुनी। G7 महज 1.5%। भारत हाई ग्रोथ-लो इन्फ्लेशन का मॉडल। पहले इकोनॉमिस्ट्स हाई इन्फ्लेशन पर चिंता करते थे, अब लो इन्फ्लेशन की तारीफ। ये सिर्फ नंबर नहीं, सोच का बदलाव है।
‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ का इतिहास: कैसे बना सभ्यता पर ठप्पा?
1950-80 के दशक में भारत की औसत ग्रोथ 3.5% थी। इसे ‘हिंदू रेट’ कहा गया। मोदी जी बोले – ये टर्म किताबों, रिसर्च में घुस गया। संदेश ये था कि हिंदू सभ्यता ही गरीबी का कारण। कम्युनल करने वाले तब चुप थे। आज जब दुनिया भारत को ग्रोथ इंजन कहती है, तो कोई ‘हिंदू रेट’ नहीं बोलता। ये कोलोनियल मेंटालिटी का नतीजा। 1835 का मैकॉले पॉलिसी 2035 में 200 साल पुराना हो जाएगा। 10 साल बाकी – सब मिलकर देश को आजाद करें।
5 FAQs
- ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ क्या था?
1950-80 में 3.5% औसत ग्रोथ, सभ्यता को बदनाम करने वाला टर्म। - PM मोदी ने क्या कहा कोलोनियल मेंटालिटी पर?
10 साल में जड़ से उखाड़ो, 2035 तक आजादी। - भारत की मौजूदा GDP ग्रोथ?
Q2 में 8.2%, ग्लोबल से दोगुनी। - दुनिया में भारत की पोजीशन?
ग्रोथ इंजन, ट्रस्ट पिलर, ब्रिज बिल्डर। - मैकॉले पॉलिसी का कनेक्शन?
1835 से मेंटल स्लेवरी, 2035 में 200 साल।
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