दिल्ली हाईकोर्ट ने Natco Pharma को सस्ती Risdiplam दवा बेचने की मंजूरी दी, Roche की पेटेंट शिकायत को खारिज कर मरीजों को सस्ती दवा पर राहत दी गई।
दिल्ली हाईकोर्ट ने Natco Pharma को दी Risdiplam जेनेरिक दवा बेचने की अनुमति, Roche को झटका
दिल्ली उच्च न्यायालय ने Natco Pharma को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) के इलाज के लिए जरूरी जीवनरक्षक दवा Risdiplam का किफायती जेनेरिक संस्करण बेचने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले से Roche नामक स्विस फार्मा कंपनी को बड़ा झटका लगा है, जिसने पेटेंट के आधार पर Natco की दवा पर रोक लगाने की कोशिश की थी।
Roche की ब्रांडेड दवा Evrysdi का दाम ₹600,000 प्रति बोतल से अधिक है, जबकि Natco का जेनेरिक संस्करण मात्र ₹15,900 में उपलब्ध होगा—लगभग 97% की भारी कटौती, जिससे लाखों SMA मरीजों को सस्ती दवा मिल सकेगी।
इस निर्णय को SMA रोगी और उनके अभिभावकों ने बहुत बड़ी राहत माना है। एक रोगी सेबा पीके ने कहा, “यह खबर सुनकर बहुत खुशी हुई है। अब सरकार राष्ट्रीय नीति के तहत ₹50 लाख के फंड से कई वर्षों तक यह दवा खरीदी और वितरित कर सकेगी।”
न्यायाधीशों ने Roche का अनुरोध खारिज करते हुए कहा कि सार्वजनिक हित और स्वास्थ्य को मोनोपॉली के अधिकारों से ऊपर रखा जाना चाहिए, खासतौर पर दुर्लभ बीमारियों के मामले में। SMA, जो मांसपेशियों की कमजोरी और अंततः मृत्यु का कारण बनती है, के लिए यह दवा बेहद जरूरी है।
Roche की प्रतिक्रिया
Roche ने इस फैसले पर निराशा जताई और कहा कि वे भारतीय कानूनों के तहत अपनी सभी संभावनाओं का प्रयोग करेंगे। कंपनी ने बताया कि वे अब भी कई सहायता कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं, जिसमें फिजियोथेरेपी, पोषण और मानसिक समर्थन के साथ सस्ते या मुफ्त दवा वितरण शामिल है।
Natco Pharma और पेटेंट विवाद
Natco ने Roche के पेटेंट को ‘एवरग्रीनिंग’ बताया, जिसमें फार्मा कंपनियां अपने मौजूदा पेटेंट में मामूली बदलाव करके मोनोपॉली जारी रखती हैं। यह निर्णय भारत में दवा की पहुँच बढ़ाने और जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
- राष्ट्रीय नीति के तहत दुर्लभ रोगों के मरीजों को सस्ती दवा तक बेहतर पहुँच।
- सरकार से आग्रह है कि Natco की दवा को जल्द सरकारी खरीद के लिए शामिल किया जाए।
- मरीजों व स्वास्थ्य संगठनों ने इसे एक ऐतिहासिक न्यायिक विजय माना है।
दिल्ली उच्च न्यायालय का यह फैसला भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में पैथेंट कानून के संतुलन, जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता और मरीजों के अधिकारों की रक्षा की अहम मिसाल है। Natco Pharma की सस्ती Risdiplam से SMA जैसे दुर्लभ और घातक रोग से पीड़ित कई मरीजों को जीवनदान मिलने की उम्मीद है।
FAQs
- Risdiplam दवा किस बीमारी के लिए है?
- यह स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) के इलाज के लिए है।
- Roche ने क्या मांग की थी?
- Roche ने Natco की जेनेरिक दवा बिक्री पर रोक लगाई थी।
- कोर्ट ने आखिर क्या फैसला दिया?
- हाईकोर्ट ने Roche की याचिका खारिज कर Natco को दवा बेचने की अनुमति दी।
- Natco की दवा की कीमत कितनी होगी?
- मात्र ₹15,900 प्रति बोतल, जो Roche के दाम से लगभग 97% सस्ती है।
- यह फैसला मरीजों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह सस्ती दवा उपलब्ध कराने की राह खोलता है, जिससे अधिक मरीज इलाज पा सकेंगे।
- Roche का इस फैसले पर क्या कहना है?
- उन्होंने निराशा जताई और कानून के तहत विकल्पों पर विचार किया।
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