पाकिस्तान में मुरिदके नरसंहार के बाद टीएलपी नेतृत्व धार्मिक गठबंधन ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, देशव्यापी प्रदर्शनों का खतरा बढ़ा।
मुरिदके घटना पर टीएलपी के नेतृत्व में धार्मिक गठबंधन का विरोध प्रदर्शन
टीएलपी के नेतृत्व में धार्मिक गठबंधन ने मुरिदके नरसंहार के बाद पाकिस्तानी सरकार को अल्टीमेटम जारी किया
पाकिस्तान में एक बड़े धार्मिक गठबंधन, जिसका नेतृत्व Tehreek-e-Labbaik Pakistan (TLP) कर रहा है, ने केंद्र और पंजाब सरकारों को मुरिदके नरसंहार की न्यायिक जांच कराने के लिए कड़ा अल्टीमेटम दिया है। यह गठबंधन, जो Ahl-e-Sunnah Pakistan के नाम से सक्रिय है, ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों और धरनों की योजना बना रहे हैं।
पिछले सप्ताह मुरिदके में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ हुई झड़पों के दौरान कई टीएलपी समर्थकों की reportedly गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसे लेकर गठबंधन ने इसे ‘मुरिदके नरसंहार’ करार दिया है और आरोप लगाया है कि उनकी कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिला है।
अल्टीमेटम की प्रमुख मांगें हैं:
- सरकार के साथ बातचीत शुरू करना,
- सभी हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करना,
- पार्टी सदस्यों पर दर्ज सभी पुलिस मामले वापस लेना।
राजनीतिक समर्थन और सरकार की प्रतिक्रिया
नवे नियुक्त Khyber Pakhtunkhwa के गवर्नर सुहैल खान ने टीएलपी आंदोलन का खुलकर समर्थन किया है। पार्टी के उच्च अधिकारियों के आदेश पर राजनीतिक दल के कार्यकर्ता पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुटता रैलियां भी आयोजित कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सदस्यों को टीएलपी के प्रदर्शनों का समर्थन करने का निर्देश दिया है, जिससे सरकार पर राजनीतिक दबाव और बढ़ गया है।
इस तनाव के बीच, पंजाब सरकार ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे प्रांत में सेक्शन 144 लागू कर दिया है। यह आदेश 18 अक्टूबर तक लागू रहेगा, जिसमें रैलियों, धरनों और जुलूसों पर रोक लगी है। इसके साथ ही हथियार दिखाने, लाउडस्पीकर के उपयोग और नफरत फैलाने वाले सामग्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
भविष्य की योजनाएं और संभावित प्रभाव
गठबंधन ने शुक्रवार को ‘ब्लैक डे’ घोषित किया है, और जुम्मा नमाज़ के बाद देशव्यापी प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है। इसके अतिरिक्त, 22 अक्टूबर को फैसलाबाद में एक बैठक आयोजित की जाएगी जहां आगे की कार्रवाई की योजना बनाई जाएगी।
यह स्थिति पाकिस्तान में एक राजनीतिक और सामाजिक तनाव का रूप ले सकती है, जहाँ धार्मिक और राजनीतिक समूह सड़कों पर आमने सामने हैं। आगामी दिनों में उसके परिणामों पर नजरें टिके रहेंगी।
FAQs:
- मुरिदके नरसंहार क्या था?
मुरिदके नरसंहार उस घटना को कहा जाता है जिसमें टीएलपी समर्थकों को पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने गोली मारकर मार दिया। - टीएलपी क्या है?
टीएलपी एक पाकिस्तानी धार्मिक राजनीतिक पार्टी है जो अपने कट्टर धार्मिक एजेंडे के लिए जानी जाती है। - सेक्शन 144 का क्या मतलब है?
सेक्शन 144 एक कानूनी प्रावधान है जो सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र होने और विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाता है। - पाकिस्तान सरकार ने स्थिति को कैसे संभाला है?
पंजाब सरकार ने सेक्शन 144 लागू कर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाई है और हथियारों पर प्रतिबंध लगाए हैं। - इस आंदोलन का राजनीतिक प्रभाव क्या हो सकता है?
यह आंदोलन राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है और सरकार पर दबाव बढ़ा सकता है। - अगली बैठक कब होगी?
अगली बैठक 22 अक्टूबर को फैसलाबाद में होगी।
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