Nepal Parliamentary Elections on March 5, 2026 को संसदीय चुनाव कराने की घोषणा की है। हाल ही में पहली महिला प्रधानमंत्री सुषमा कार्की ने नेतृत्व संभाला है, जो देश में राजनीतिक बदलाव का नया दौर है।
Nepal Parliamentary Elections on March 5, 2026
नेपाल ने घोषणा की है कि अगले साल 5 मार्च 2026 को देश में संसदीय चुनाव होंगे, जो हाल ही में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद भंग कर 5 मार्च को नए चुनाव कराने का आदेश दिया है। इस निर्णय के पीछे हाल ही में सत्ता में आई नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुषिला कार्की का नेतृत्व है, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अस्थायी सरकार की कमान संभाली।
सुषिला कार्की, जो पूर्व मुख्य न्यायाधीश और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता हैं, ने देश की राजनीतिक अस्थिरता के बीच भारतीय सीमावर्ती हिमालयी राष्ट्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाया। उनका नेतृत्व व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद आया, जिसमें 51 से अधिक लोगों की जान गई थी। इन प्रदर्शनों का केंद्र सरकार की सोशल मीडिया प्रतिबंध और कथित भ्रष्टाचार थे।
राष्ट्रपति के आदेश के अनुसार, नए संसदीय चुनाव में नेपाल के 275 सदस्यों के प्रतिनिधि चुने जाएंगे, जिसमें 165 सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव से और 110 सदस्य पार्टी सूची से चुने जाएंगे। नेपाल का संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य इस चुनाव को लोकतंत्र की दिशा में बड़ा कदम मान रहा है।
भारत ने इस राजनीतिक प्रक्रिया का स्वागत किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषिला कार्की को उनके नए पद पर बधाई दी है, साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति और विकास की कामना की है।
FAQs
Q1: नेपाल में संसदीय चुनाव कब होंगे?
A1: 5 मार्च 2026 को।
Q2: सुषिला कार्की कौन हैं?
A2: नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री और पूर्व मुख्य न्यायाधीश।
Q3: क्यों हुआ नेपाल में राजनीतिक संकट?
A3: सरकार के सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक विरोध।
Q4: संसद कितने सदस्यों की है?
A4: 275 सदस्य (165 प्रत्यक्ष और 110 पार्टी सूची)।
Q5: भारत ने इस चुनाव को कैसे देखा?
A5: भारत ने इसे लोकतंत्र का मजबूत कदम बताया और प्रधानमंत्री मोदी ने नई प्रधानमंत्री को बधाई दी।
नेपाल के आगामी चुनावों को देश की राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, जो क्षेत्रीय शांति पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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