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39 देशों के लिए मुश्किल हुआ अमेरिका का सफर: कौन फ़ुल बैन में, किस पर आंशिक रोक ?

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US Has Expanded Its Travel Ban and What It Means for Global Travellers
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया प्रोक्लेमेशन साइन कर ट्रैवल बैन को 19 से बढ़ाकर 39 देशों तक कर दिया। कुछ पर पूर्ण पाबंदी, कुछ पर आंशिक रोक, वजह– सिक्योरिटी, वीज़ा ओवरस्टे और सूचना-साझाकरण की कमी।

वीज़ा ओवरस्टे, टेरर और करप्शन का हवाला: ट्रंप का बड़ा कदम, 19 से बढ़कर 39 देशों तक पहुंचा यूएस ट्रैवल बैन

नया यूएस ट्रैवल बैन: क्या बदला?

व्हाइट हाउस के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया प्रोक्लेमेशन साइन किया है, जिससे उन देशों की संख्या 19 से बढ़कर 39 हो गई है जिन पर अमेरिका में प्रवेश को लेकर पूर्ण या आंशिक प्रतिबंध लागू होंगे। यह आदेश 1 जनवरी से प्रभावी होगा और मौजूदा ट्रैवल बैन रेगाइम का विस्तार माना जा रहा है।

यह ट्रंप द्वारा लागू किया गया तीसरा बड़ा ट्रैवल बैन है; 2017 के शुरुआती आदेश को लेकर भारी विरोध और कानूनी चुनौतियां हुई थीं, लेकिन अंत में सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित वर्जन को बरकरार रखा था। नए आदेश में कहा गया है कि जिन देशों पर बैन बढ़ाया गया है, वहां “screening, vetting और information‑sharing” में गंभीर कमी, वीज़ा ओवरस्टे, भ्रष्टाचार, आतंकवाद संबंधी गतिविधि और निर्वासित नागरिकों को वापस लेने में सहयोग की कमी जैसी समस्याएं पाई गईं।

किन देशों पर ‘फुल ट्रैवल बैन’ लगा है?

नए प्रोक्लेमेशन के बाद अब कुल 19 देशों (साथ में Palestinian Authority दस्तावेज़ रखने वाले) पर पूर्ण या लगभग पूर्ण स्तर की एंट्री पाबंदी लग चुकी है। इस बैन के तहत आम तौर पर टूरिस्ट, बिजनेस, इमिग्रेशन और कई वीज़ा कैटेगरीज पूरी तरह बंद या अत्यंत सीमित हो जाती हैं।

हाल की घोषणा में सात नए देशों को फुल बैन की कैटेगरी में जोड़ा गया है:

  • Burkina Faso
  • Mali
  • Niger
  • South Sudan
  • Syria
  • Laos
  • Sierra Leone

Laos और Sierra Leone पहले आंशिक प्रतिबंधों के दायरे में थे, लेकिन अब उन्हें पूर्ण बैन श्रेणी में अपग्रेड कर दिया गया है। इसके अलावा, Palestinian Authority द्वारा जारी ट्रैवल डॉक्युमेंट लेकर यात्रा करने वालों पर भी अब US में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होगा।

किन 15 देशों पर आंशिक पाबंदी?

नए आदेश के साथ 15 अतिरिक्त देशों पर “partial restrictions” लागू की गई हैं। इन देशों के नागरिकों के लिए सभी वीज़ा बंद नहीं किए गए हैं, लेकिन कुछ विशेष श्रेणियों – जैसे इमिग्रेंट वीज़ा, कुछ नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा या खास प्रोफेशनल कैटेगरीज – पर सख्त सीमाएं लगाई गई हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंशिक प्रतिबंध वाली नई सूची में मुख्य रूप से अफ्रीकी और कुछ कैरेबियाई देश शामिल हैं, जैसे:

  • Angola
  • Antigua and Barbuda
  • Benin
  • Côte d’Ivoire (Ivory Coast)
  • Dominica
  • Gabon
  • The Gambia
  • Malawi
  • Mauritania
  • Nigeria
  • Senegal
  • Tanzania
  • Tonga
  • Zambia
  • Zimbabwe

इन देशों पर लगे नियमों की प्रकृति अलग-अलग है – कहीं इमिग्रेंट वीज़ा पर रोक, तो कहीं कुछ प्रकार के अस्थायी वीज़ा या सरकारी अधिकारियों की यात्रा पर सख्त कंट्रोल।

किन्हें छूट मिलेगी?

व्हाइट हाउस और इमीग्रेशन सलाहकारों के अनुसार, यह प्रोक्लेमेशन “टोटल क्लोजर” नहीं है, बल्कि प्राथमिक तौर पर नए वीज़ा जारी करने और भविष्य की एंट्री पर असर डालता है। कुछ महत्वपूर्ण छूटें इस प्रकार हैं:

  • वे लोग जो 1 जनवरी को पहले से अमेरिका में मौजूद होंगे या जिनके पास उस तारीख तक वैध US वीज़ा होगा, उनके वीज़ा अपने आप रद्द नहीं किए जाएंगे।
  • US के lawful permanent residents (ग्रीन कार्ड धारक), अमेरिकी नागरिकों के spouse और minor बच्चे जैसी कुछ श्रेणियों को सामान्यतः बैन के दायरे से बाहर रखा जाता है।
  • राजनयिक (diplomats), संयुक्त राष्ट्र या अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कुछ अधिकारी और national interest से जुड़े यात्रियों के लिए भी case‑by‑case छूट दी जा सकती है।
  • प्रोक्लेमेशन में “waiver” की व्यवस्था भी है, जहां applicant यह दिखा सके कि वह सुरक्षा जोखिम नहीं है, प्रवेश से राष्ट्रीय हित को लाभ होगा और अस्वीकृति से applicant को असाधारण कठिनाई होगी।

अमेरिका का तर्क: सिक्योरिटी, ओवरस्टे और डेटा की कमी

संयुक्त राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम डेटा‑ड्रिवन सिक्योरिटी असेसमेंट पर आधारित है। व्हाइट हाउस फैक्ट शीट और प्रोक्लेमेशन के मुताबिक, जिन देशों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनके बारे में अमेरिका के पास सीमित या अविश्वसनीय पहचान संबंधी रिकॉर्ड, क्रिमिनल डेटा, टेरर लिस्ट साझा करने की व्यवस्था, या डिपोर्ट किए गए नागरिकों को वापस लेने की क्षमता/इच्छा में गंभीर खामियां हैं।

इसके साथ ही, Department of Homeland Security (DHS) की ओवरस्टे रिपोर्टों का हवाला देकर यह भी कहा गया कि कुछ देशों के नागरिक निर्धारित अवधि से अधिक समय तक ठहरने (वीज़ा ओवरस्टे) की ऊंची दरें दिखाते हैं। हालांकि स्वतंत्र विश्लेषणों – जैसे National Foundation for American Policy – ने इन ओवरस्टे रिपोर्टों की कई तकनीकी खामियों की ओर ध्यान दिलाया है, यह कहते हुए कि डेटा अपडेट में देरी और स्टेटस चेंज रजिस्ट्रेशन के कारण ओवरस्टे रेट अक्सर वास्तविकता से अधिक दिखते हैं।

आलोचनाएं और कानूनी/नीतिगत सवाल

इमीग्रेशन विशेषज्ञों और अधिकार समूहों ने इस फैसले को “overbroad और underinclusive” कहकर आलोचना की है। उनका तर्क है कि अमेरिकी कानून पहले से ही किसी भी देश के किसी भी व्यक्ति को, यदि सुरक्षा या धोखाधड़ी का खतरा हो, वीज़ा या एंट्री देने से मना करने की पूरी शक्ति देता है; ऐसी स्थिति में पूरे देशों पर blanket बैन लगाना जरूरत से ज्यादा और राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम हो सकता है।

साथ ही, कई टिप्पणीकारों का कहना है कि जिन देशों पर बैन लगाया गया है, उनमें से कई गरीब अफ्रीकी और संघर्षग्रस्त राष्ट्र हैं, जिससे परिवारों के मिलन, छात्रों, रिसर्चर्स, डॉक्टरों और मानवीय मामलों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। कोर्ट में भविष्य में इस बैन को चुनौती मिल सकती है, हालांकि 2017–18 के अनुभव से यह भी दिखा है कि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति को नेशनल सिक्योरिटी के नाम पर काफी बड़ी डिस्क्रेशन देता है।

आम यात्रियों के लिए व्यावहारिक असर

  • यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित देशों में से किसी का नागरिक है और US यात्रा की योजना बना रहा है, तो उसे नए प्रोक्लेमेशन के लागू होने की तारीख (1 जनवरी) से पहले वीज़ा और एंट्री स्टेटस को सावधानी से जांचना होगा।
  • जिन देशों पर partial restrictions लगे हैं, वहां से आने वाले यात्रियों को यह देखना होगा कि उनकी वीज़ा कैटेगरी (जैसे tourist B1/B2, student F‑1, work H‑1B आदि) बैन की चपेट में है या नहीं; इसके लिए आधिकारिक US consulate/embassy advisories और qualified immigration counsel की जानकारी जरूरी होगी।
  • पहले से जारी वीज़ा रखने वाले बहुत से लोगों पर तत्काल असर नहीं पड़ेगा, लेकिन नए वीज़ा एडजुडिकेशन में scrutiny और delays बढ़ सकते हैं।

5 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

  1. सवाल: नए यूएस ट्रैवल बैन में कुल कितने देश शामिल हैं?
    जवाब: ताजा प्रोक्लेमेशन के बाद अब कुल 39 देशों के नागरिकों पर पूर्ण या आंशिक ट्रैवल प्रतिबंध लागू हैं, जबकि पहले यह संख्या 19 थी।
  2. सवाल: यह नया ट्रैवल बैन कब से लागू होगा?
    जवाब: व्हाइट हाउस के अनुसार, expanded ट्रैवल बैन 1 जनवरी से प्रभावी होगा; उस तारीख से नए वीज़ा और एंट्री फैसलों पर यह नियम लागू हो जाएगा।
  3. सवाल: क्या सभी देशों पर समान स्तर का बैन है?
    जवाब: नहीं, कुछ देशों पर पूर्ण (full) बैन है, जहां अधिकांश या सभी वीज़ा कैटेगरी बंद या बहुत सीमित हैं, जबकि 15 देशों पर partial restrictions हैं, जिनमें सिर्फ कुछ विशेष वीज़ा या केटेगरी पर पाबंदी है।
  4. सवाल: Palestinian Authority डॉक्युमेंट रखने वालों के लिए क्या नियम है?
    जवाब: नए आदेश में Palestinian Authority द्वारा जारी यात्रा दस्तावेज रखने वाले व्यक्तियों पर भी US में प्रवेश पर पूर्ण ट्रैवल बैन लागू किया गया है, यानी वे सामान्य परिस्थितियों में US नहीं जा सकेंगे।
  5. सवाल: क्या पहले से US में रह रहे या वैध वीज़ा धारकों पर भी असर पड़ेगा?
    जवाब: प्रोक्लेमेशन के मुताबिक, जो लोग 1 जनवरी को पहले से US में मौजूद होंगे या जिनके पास उस समय वैध वीज़ा होगा, उनके वीज़ा अपने आप रद्द नहीं होंगे; बैन मुख्य रूप से नई एंट्री और नए वीज़ा इश्यू पर लागू होगा, हालांकि भविष्य में स्टेटस बदलने या वीज़ा नवीनीकरण पर अतिरिक्त scrutiny हो सकती है।
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