भारतीय विज्ञापन जगत के महानायक और पद्मश्री पुरस्कार विजेता पियूष पांडे का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी सहित कई नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारतीय विज्ञापन के दिग्गज पियूष पांडे का निधन, PM मोदी समेत कई हस्तियों ने जताया शोक
भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पियूष पांडे का निधन, देशभर से उमड़ा श्रद्धांजलि संदेशों का सैलाब
भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त पियूष पांडे का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। उन्हें भारतीय विज्ञापन उद्योग के उस चेहरे के रूप में जाना जाता है जिसने हिंदी भाषा, भावनाओं और भारतीयता को प्रचार अभियानों के केंद्र में लाया।
नेताओं और लोगों ने जताया शोक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “श्री पियूष पांडे के निधन से गहरा दुःख हुआ। उन्होंने रोजमर्रा की भाषा, धरातलीय हास्य और सच्ची गर्माहट के माध्यम से भारतीय संचार को एक नई पहचान दी। उनका प्रेरणादायक कार्य आने वाली पीढ़ियों को दिशा देगा।”
Saddened to hear of the passing of Shri Piyush Pandey.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) October 24, 2025
A titan and legend of Indian advertising, he transformed communication by bringing everyday idioms, earthy humor, and genuine warmth into it.
Have had opportunities to interact with him on various occasions.
Heartfelt… pic.twitter.com/tytshG1aHK
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लिखा, “पियूष पांडे केवल विज्ञापन निर्माता नहीं थे—वे भावनाओं के सृजक थे। उन्होंने दुनिया को सिखाया कि सच्ची रचनात्मकता भावना की भाषा होती है। उनकी कहानी हमेशा भारतीय रचनात्मकता की पहचान रहेगी।”
PM मोदी और वरिष्ठ नेताओं की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए लिखा कि पियूष पांडे जी ने “भारतीय ब्रांडिंग और विज्ञापन की कहानी को वैश्विक स्तर तक पहुंचाया।”
उन्होंने उनके ‘ अबकी बार मोदी सरकार’ नारे को याद करते हुए कहा कि उनका काम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
विज्ञापन जगत में योगदान
पियूष पांडे ने अपने करियर की शुरुआत 1982 में Ogilvy & Mather India (अब Ogilvy India) से एक ट्रेनी अकाउंट एग्जीक्यूटिव के रूप में की थी। उन्होंने Fevicol, Cadbury Dairy Milk, Asian Paints, Vodafone ZooZoos, और “Mile Sur Mera Tumhara” जैसे यादगार अभियानों को जन्म दिया।
उन्होंने विज्ञापन में हिंदी के प्रयोग को नया आकार दिया और राष्ट्रव्यापी विज्ञापन अभियानों को भावनात्मक और लोगों से जुड़ा बनाया।
सहकर्मियों की यादें
विज्ञापन उद्योग से जुड़े कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। फिल्मकार हंसल मेहता ने लिखा, “Fevicol का जोड़ टूट गया, आज विज्ञापन जगत ने अपनी गोंद खो दी।”
बिजनेसमैन सुहेल सेठ ने कहा, “भारत ने न केवल एक महान विज्ञापन मस्तिष्क बल्कि एक सच्चे देशभक्त और मनुष्य को खो दिया है।”
शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन
1955 में जयपुर में जन्मे पियूष पांडे ने सेंट स्टीफन्स कॉलेज, दिल्ली से इतिहास में स्नातकोत्तर की थी। वे क्रिकेट के जुनूनी प्रेमी थे और एक समय राजस्थान के लिए क्रिकेट भी खेलते रहे।
विरासत और सम्मान
पांडे को 2012 में CLIO लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान मिला। वे पहले भारतीय विज्ञापन पेशेवर थे जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
FAQs
- पियूष पांडे कौन थे?
वे भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और ओगिल्वी इंडिया के पूर्व ग्लोबल चीफ क्रिएटिव ऑफिसर थे। - उनका निधन कब हुआ?
24 अक्टूबर 2025 को, 70 वर्ष की आयु में। - उनके सबसे मशहूर विज्ञापन अभियान कौन से हैं?
Fevicol, Cadbury Dairy Milk – ‘Kuch Khaas Hai’, Asian Paints – ‘Har Ghar Kuch Kehta Hai’, और ‘Mile Sur Mera Tumhara’। - पियूष पांडे को कौन-कौन से पुरस्कार मिले थे?
पद्मश्री (2016) और CLIO लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2012)। - उनके निधन पर किसने श्रद्धांजलि दी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, पियूष गोयल और कई उद्योग जगत के दिग्गज।
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