Nitin Gadkari बोले केंद्र सरकार 25 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बना रही है, ₹6 लाख करोड़ की लागत से, जिससे भारत का लॉजिस्टिक्स खर्च घटेगा और ऑटोमोबाइल उद्योग बढ़ेगा।
देश का ऑटो सेक्टर पांच वर्षों में होगा विश्व का सबसे बड़ा: Nitin Gadkari
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने गुरुवार को बताया कि भारत में वर्तमान में 25 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 10,000 किलोमीटर होगी। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना में लगभग ₹6 लाख करोड़ की निवेश राशि खर्च की जा रही है। गडकरी ने यह जानकारी PHDCCI के वार्षिक सत्र में दी।
उन्होंने बताया कि सरकार की यह एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारे की पहल भारत के लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और देश के सड़क नेटवर्क को फिर से आकार देने का महत्वपूर्ण प्रयास है। Nitin Gadkari ने कहा कि दिसंबर तक भारत का लॉजिस्टिक्स खर्च 9 प्रतिशत तक घट जाएगा, जिससे भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी होगी।
Nitin Gadkari ने यह भी कहा कि यदि सड़क परियोजनाओं को मोनेटाइज किया जाता है तो सड़क परिवहन मंत्रालय को ₹15 लाख करोड़ का निवेश मिलेगा। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर निर्माण के कारण देश का लॉजिस्टिक्स खर्च पहले 16 प्रतिशत था, जो अब लगभग 10 प्रतिशत रह गया है।
भारत की हाईवे विस्तार योजना, सरकार के उस लक्ष्य का एक अहम हिस्सा है जिसके तहत भारत को वैश्विक विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स हब में बदला जायेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि नई इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पहले ही देश की लग्जिस्टिक्स की दक्षता बेहतर कर रही है। भारत की लॉजिस्टिक्स लागत अब लगभग चीन और अमेरिका के बराबर हो गई है। उन्होंने तुलना करते हुए बताया कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में यह लागत 12 प्रतिशत है जबकि चीन में 8 से 10 प्रतिशत के बीच है।
अन्य प्रोजेक्ट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर
Nitin Gadkari ने कहा कि जोजिला टनल का 75-80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह टनल लद्दाख को भारत के मुख्य भाग से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण सभी मौसम मार्ग है और हिमालय में एक रणनीतिक परियोजना है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ऑटोमोबाइल उद्योग आगे पाँच वर्षों में विश्व की सबसे बड़ी बन जाएगी। मंत्री ने बताया कि जब उन्होंने मंत्रालय संभाला था तब भारत की ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार ₹14 लाख करोड़ था जो अब बढ़कर ₹22 लाख करोड़ हो गया है। इस उद्योग में लगभग 4 लाख लोग कार्यरत हैं और यह केंद्र तथा राज्यों के लिए सबसे बड़ा GST योगदानकर्ता है।
पर्यावरण और ऊर्जा के लिए पहल
Nitin Gadkari ने कहा कि भारत की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता गंभीर आर्थिक और पर्यावरणीय बोझ है, जिसकी वार्षिक लागत ₹22 लाख करोड़ है। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा और जैव ईंधन की ओर बढ़त पर जोर दिया। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने बताया कि मक्का से इथेनॉल बनाने के कारण किसानों को ₹45,000 करोड़ का अतिरिक्त आय हुआ। इथेनॉल मिश्रण नीति से मक्का का बाजार भाव ₹1,200 से बढ़कर ₹2,800 प्रति क्विंटल हो गया।
भारत में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण और व्यापक सड़क सुधार न केवल लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को एक नया दिशा देगा। इसके साथ ही सड़क, ऊर्जा, और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में हो रहे सुधार देश को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनायेंगे। नितिन गडकरी के नेतृत्व में ये योजनाएँ भारत के सतत और समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएँगी।
FAQs
- ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे क्या होते हैं?
- नए बैंकू-तो-बैंकू राजमार्ग जिन्हें पूरी तरह से नई जगहों पर बनाया जाता है।
- भारत में कुल कितने एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं?
- 25 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जिनकी लंबाई लगभग 10,000 किलोमीटर है।
- इन परियोजनाओं से भारत को क्या लाभ होगा?
- लॉजिस्टिक्स लागत कम, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, और आर्थिक विकास होगा।
- जोजिला टनल का महत्त्व क्या है?
- यह लद्दाख को मुख्य भारत से जोड़ने वाली एक प्रमुख सभी मौसम परियोजना है।
- भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग अब कहाँ तक पहुंचा है?
- ₹22 लाख करोड़ का उद्योग, जो पाँच वर्षों में विश्व का सबसे बड़ा बनने की राह पर है।
- मक्का से इथेनॉल उत्पादन का क्या फायदा हुआ?
- किसानों को अतिरिक्त आय मिली और इथेनॉल मिश्रण नीति से ईंधन संरक्षण हुआ।
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