स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट पर 31 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल। 1-1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स उतरेंगे, 20 रुपये/किमी, 40K मासिक कमाई, 10-मिनट डिलीवरी खत्म जैसी 15 मांगें। न्यू ईयर पर डिलीवरी संकट!
जोमैटो-स्विगी पर ब्रेक: डिलीवरी यूनियन की 15 मांगें, न्यू ईयर ईव पर बड़ा संकट!
डिलीवरी वर्कर्स की देशव्यापी हड़ताल: न्यू ईयर ईव पर स्विगी-जोमैटो रुक सकते हैं, 1.5 लाख पार्टनर्स सड़क पर
31 दिसंबर 2025 को न्यू ईयर ईव पर फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स ग्राहकों को परेशानी हो सकती है। गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विसेज वर्कर्स यूनियन (GIPSWU) ने देशभर में हड़ताल का ऐलान किया है। यूनियन के मुताबिक 1 से 1.5 लाख डिलीवरी पार्टनर्स पीक ऑवर्स में काम बंद करेंगे। ये पहली महिला-नेतृत्व वाली राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन है, जिसकी अगुआई सीमा सिंह कर रही हैं। 25 दिसंबर की क्रिसमस हड़ताल के बाद ये दूसरा बड़ा एक्शन है।
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन के फाउंडर शेख सलाउद्दीन ने कहा कि पीक डिमांड वाले घंटों में ऑर्डर वॉल्यूम सबसे ज्यादा होता है, तब हड़ताल का असर दिखेगा। वर्कर्स पे वोलेटिलिटी, सेफ्टी इश्यूज और अकाउंट ब्लॉकिंग के खिलाफ लड़ रहे। श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को 15 मांगों का लेटर भेजा गया। अगर टर्नआउट बड़ा रहा तो मेट्रो और टियर-2 शहरों में डिलीवरी डिले या बंद हो सकती।
हड़ताल के पीछे मुख्य कारण
प्लेटफॉर्म्स पर कमाई घटी, टारगेट्स असेफ, एल्गोरिदम कंट्रोल। 25 दिसंबर को 40,000 वर्कर्स ने हिस्सा लिया, स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, जेप्टो पर असर पड़ा। न्यू ईयर पर डिमांड 100-150% बढ़ती है – पार्टी सप्लाईज, फूड, बेवरेजेस। ब्रांड्स ने रिकॉर्ड ऑर्डर्स देखे, लेकिन अब संकट।
15 प्रमुख मांगें
- 10-20 मिनट डिलीवरी बंद: असेफ स्पीड।
- न्यूनतम 20 रुपये प्रति किमी: जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट आदि के लिए।
- इमरजेंसी लीव और मेटर्निटी प्रोटेक्शन: महिलाओं के लिए।
- अकाउंट ब्लॉकिंग बंद: मनमानी रेटिंग सिस्टम खत्म।
- 40,000 रुपये मासिक गारंटीड कमाई।
- पीक ऑवर्स, स्लॉट सिस्टम, वीकेंड लिमिट हटाओ।
- कस्टमर कैंसलेशन पर कंपनसेशन।
- AI कॉल्स की जगह 24/7 ह्यूमन सपोर्ट।
- फोटो अपलोड, प्रूफ-ऑफ-वर्क खत्म।
- कंपनी हब्स बहाल।
- महिलाओं को घर से 7 किमी रेडियस में काम।
यूनियन का कहना: “विकसित भारत तभी, जब वर्कर्स एक्सप्लॉइट न हों।”
| मांग श्रेणी | प्रमुख डिमांड्स | प्रभावित प्लेटफॉर्म्स |
|---|---|---|
| पेमेंट | 20₹/किमी, 40K मंथली | सभी |
| सेफ्टी | 10-मिनट बंद, लीव | जोमैटो, ब्लिंकिट |
| सिक्योरिटी | अकाउंट ब्लॉक बंद, मेटर्निटी | स्विगी, जेप्टो |
| टेक | AI कॉल्स → ह्यूमन, फोटो अपलोड बंद | सभी |
प्लेटफॉर्म्स की तैयारी
स्विगी, जोमैटो, जेप्टो ने इंसेंटिव्स बढ़ाए – एक्स्ट्रा बोनस पीक ऑवर्स में। लेकिन पब्लिकली कोई प्लान नहीं। इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव्स: मोनिटरिंग चल रही, ऑपरेशनल एडजस्टमेंट्स। क्वेरीज का जवाब नहीं मिला। पिछले साल डिजिटल स्ट्राइक हुई, अब फिजिकल।
गिग इकोनॉमी का आंकड़ा
भारत में 20 लाख+ गिग वर्कर्स। डिलीवरी 50% शेयर। 2025 में क्विक कॉमर्स 10,000 करोड़ का बाजार। लेकिन वर्कर्स की औसत कमाई 15-20 हजार/माह घटी। NITI आयोग: सोशल सिक्योरिटी जरूरी। सरकार का कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 लागू नहीं।
शहरवार प्रभाव
- मेट्रो: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु – 70% पार्टिसिपेशन अनुमान।
- टियर-2: हैदराबाद, पुणे, चेन्नई – सलाउद्दीन का बेस।
- न्यू ईयर स्पेशल: पार्टी ऑर्डर्स सबसे ज्यादा हिट।
महिलाओं का रोल: GIPSWU पहली महिला लीड यूनियन। सीमा सिंह प्रेसिडेंट, निरमल गोराना कोऑर्डिनेटर।
पिछली हड़तालें और भविष्य
25 दिसंबर: 40,000 वर्कर्स, डिसरप्शन पीक विंडो में। 2024 डिजिटल स्ट्राइक। अगर मांगें न मानीं तो 2026 में और एक्शन। प्लेटफॉर्म्स पर दबाव – IPO, वैल्यूएशन प्रभावित। ग्राहक अल्टरनेटिव ढूंढें: लोकल शॉप्स।
5 FAQs
- डिलीवरी हड़ताल कब और क्यों?
31 दिसंबर न्यू ईयर ईव पर। कमाई, सेफ्टी, अकाउंट ब्लॉकिंग के खिलाफ। 1-1.5 लाख वर्कर्स। - मुख्य मांगें क्या?
20₹/किमी, 40K मासिक, 10-मिनट डिलीवरी बंद, मेटर्निटी लीव, ह्यूमन सपोर्ट। - कौन सी यूनियन?
GIPSWU – पहली महिला लीडरशिप (सीमा सिंह), शेख सलाउद्दीन नेशनल सेक्रेटरी। - प्लेटफॉर्म्स क्या कर रहे?
इंसेंटिव्स बढ़ा रहे, लेकिन कोई ऑफिशियल प्लान नहीं। - ग्राहकों पर असर?
पीक ऑवर्स में डिले/बंद – न्यू ईयर पार्टी फूड प्रभावित।
- 10 minute delivery ban
- 20 rs per km demand
- 40k monthly guarantee gig workers
- delivery partners nationwide protest
- gig workers union GIPSWU strike
- New Year Eve delivery disruption
- platform workers demands India
- Seema Singh women-led union
- Shaik Salauddin Telangana union
- Swiggy Zomato delivery strike December 31 2025
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