जेवर एयरपोर्ट यूपी की कृषि उपज के लिए जीवन रेखा बनेगा। आलू, प्याज, सब्जियों का जल्द निर्यात, किसानों की कमाई दोगुनी। नया हवाई अड्डा कैसे बदलेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था?
12,000 करोड़ का जेवर एयरपोर्ट: यूपी फसलों को दुबई-अमेरिका तक पहुंचाने का राज!
जेवर एयरपोर्ट: यूपी के किसानों के लिए नई उम्मीद, फसल बर्बाद होने का दौर खत्म
दोस्तों, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हर साल लाखों टन आलू, प्याज, टमाटर सड़ जाते हैं। कारण? समय पर बाजार न मिलना। लेकिन अब जेवर का नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट ये समस्या हल करने वाला है। कांग्रेस सांसद दिनेश प्रताप सिंह ने कहा – ये यूपी की कृषि उपज के लिए जीवन रेखा बनेगा। 12,000 करोड़ का ये प्रोजेक्ट नोएडा में फैला है, दिल्ली से सिर्फ 72 किमी। फेज 1 दिसंबर 2025 में खुलने को तैयार। कargo टर्मिनल से फसलें 12 घंटे में दुबई, यूरोप पहुंचेंगी। किसान खुश, ग्रामीण अर्थव्यवस्था चमकेगी।
यूपी कृषि प्रधान राज्य है। 2.5 करोड़ किसान, 1.8 करोड़ हेक्टेयर रकबा। आलू उत्पादन भारत का 30%, प्याज 20%। लेकिन पोस्ट हार्वेस्ट लॉस 20-30%। ट्रक से 3-4 दिन लगते, फसल खराब। जेवर पर 600 एकड़ कargo एरिया – कोल्ड चेन, पैकिंग हाउस। फ्लाइट्स से स्पॉइलेज घटकर 5%। दिनेश प्रताप बोले – आगरा के आलू, कन्नौज का प्याज अब एयर कargo से एक्सपोर्ट। 1 लाख करोड़ का कारोबार संभव।
जेवर एयरपोर्ट की खासियतें: किसानों के लिए गेम चेंजर
फेज 1 में 12 मिलियन पैसेंजर, 1 लाख टन कargo कैपेसिटी। 4 रनवे, टर्मिनल दुनिया का सबसे बड़ा। कargo के लिए स्पेशल जोन – वेस्टर्न यूपी के किसानों के लिए। गौतम बुद्ध नगर, आगरा, फिरोजाबाद नजदीक। रोड, रेल कनेक्टिविटी। ZAL – एयरपोर्ट इकोनॉमिक जोन से प्रोसेसिंग प्लांट्स। APEDA के मुताबिक, एयर कargo से हॉर्टिकल्चर एक्सपोर्ट 25% बढ़ा।
यहां एक टेबल से समझें फायदा:
| फसल | मौजूदा समस्या | जेवर से समाधान | अपेक्षित कमाई बढ़ोतरी |
|---|---|---|---|
| आलू (आगरा) | 25% सड़न, 3 दिन ट्रक | 12 घंटे दुबई, कोल्ड चेन | 30-40% |
| प्याज (कन्नौज) | मंडी डिले, प्राइस क्रैश | डायरेक्ट यूरोप फ्लाइट्स | 50% एक्सपोर्ट |
| टमाटर-सब्जियां | लोकल ही बिक्री | मिडिल ईस्ट मार्केट | नया ₹5000 Cr बाजार |
| फल (मंगलौर) | सीमित एक्सपोर्ट | कोल्ड स्टोरेज + एयर शिपमेंट | दोगुनी वैल्यू |
सोर्स: यूपी गवर्नमेंट, APEDA रिपोर्ट्स।
यूपी कृषि निर्यात: आंकड़े और भविष्य
2024-25 में यूपी एग्री एक्सपोर्ट ₹25,000 करोड़। जेवर से 2028 तक ₹50,000 करोड़। ग्लोबल डिमांड – यूएई, सऊदी में इंडियन प्रोड्यूस पसंद। किसान कमेटी के दिनेश प्रताप सिंह बोले – छोटे किसानों को डायरेक्ट एक्सपोर्ट लिंक। FPO – फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन को प्राथमिकता। IMD ट्रेनिंग सेंटर से क्वालिटी चेक।
लिस्ट में मुख्य फायदे:
- ट्रांसपोर्ट टाइम 80% कम – फ्रेश प्रोड्यूस, बेहतर प्राइस।
- नई जॉब्स: 2 लाख डायरेक्ट, पैकिंग-पैकेजिंग में।
- इकोनॉमिक ग्रोथ: वेस्टर्न यूपी GDP 15% बूस्ट।
- किसान सशक्तिकरण: MSME लोन, एक्सपोर्ट सब्सिडी।
- पर्यावरण: कम ट्रक = कम पॉल्यूशन।
5 FAQs
- जेवर एयरपोर्ट कब खुलेगा?
फेज 1 दिसंबर 2025, फुल ऑपरेशन 2028। - Cargo कैपेसिटी कितनी?
1 लाख टन सालाना, एक्सपैंडेबल। - कौन सी फसलें फायदा लेंगी?
आलू, प्याज, सब्जी, फल – परishable गुड्स। - किसानों को कैसे मदद?
डायरेक्ट एक्सपोर्ट लिंक, ट्रेनिंग, सब्सिडी। - इकोनॉमिक इंपैक्ट?
₹1 लाख करोड़ एग्री बिजनेस, 2 लाख जॉब्स।
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