उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सुरक्षा वार्ता की निंदा की है और ‘दुश्मनों’ के खिलाफ और आक्रामक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
अमेरिका का जॉर्ज वाशिंगटन विमानवाहक पोत दक्षिण कोरिया पहुंचा, उत्तर कोरिया ने सख्त रुख अपनाया
उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री नो क्वांग चोल ने शनिवार को अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच हाल ही में हुई सुरक्षा वार्ताओं की कड़ी निंदा की और ‘दुश्मनों के खिलाफ और आक्रामक कार्रवाई’ करने की धमकी दी है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट के समुद्री क्षेत्र में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी।
नो ने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सैन्य गतिविधियां विशेष रूप से सीमा के पास उनके परमाणु और पारंपरिक बलों के एकीकरण का प्रयास शत्रुतापूर्ण है और उत्तर कोरिया के खिलाफ है। उन्होंने इसे ‘शत्रुतापूर्ण प्रकृति’ के खुले रूप में बताया।
इस बीच, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल दागने की निंदा की, वहीं अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका-सेओल गठबंधन का मुख्य लक्ष्य उत्तर कोरिया को रोकना है, हालांकि क्षेत्रीय खतरों का मुकाबला करने के लिए आवश्यकतानुसार अमेरिकी सैनिकों की भूमिकाओं में लचीलापन होगा।
उत्तर कोरिया की ओर से जॉर्ज वाशिंगटन नामक परमाणु विमानवाहक पोत का दक्षिण कोरिया के पोर्ट बसान पहुंचना भी तनाव में इजाफा कर रहा है। इस पोत के आने को अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त हवाई अभ्यास के साथ जोड़ा जा रहा है।
नो क्वांग चोल ने जोर देकर कहा कि उत्तर कोरिया सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति की रक्षा के लिए शक्ति के बल पर दुश्मनों की धमकियों के खिलाफ और सख्त कदम उठाएगा।
FAQs:
- उत्तर कोरिया ने किस बात की निंदा की?
- अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सुरक्षा वार्ता और सैनिक गतिविधियों की।
- मिसाइल कब और कहाँ दागी गई?
- पूर्वी तट के समुद्री क्षेत्र में।
- अमेरिकी रक्षा सचिव ने क्या कहा?
- गठबंधन का उद्देश्य उत्तर कोरिया को रोकना है और सैनिकों की भूमिका में लचीलापन होगा।
- क्या अमेरिका का विमानवाहक पोत दक्षिण कोरिया गया है?
- हाँ, जॉर्ज वाशिंगटन पोत बसान पोर्ट में है।
- उत्तर कोरिया ने आगे क्या चेतावनी दी?
- दुश्मनों के खिलाफ और आक्रामक कार्रवाई करने की।
Leave a comment