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सिर्फ बारिश नहीं, अब स्मॉग भी ‘no‑result’ करा रहा है:IND vs SA T20I के बाद BCCI को क्या बदलना होगा?

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IND vs SA 4th T20I लखनऊ में घने स्मॉग और AQI 400+ के कारण रद्द हुआ, जिससे BCCI की सर्दियों की शेड्यूलिंग पर सवाल खड़े हो गए। यह आर्टिकल बताता है कि आगे बोर्ड को क्या–क्या बदलना चाहिए—एयर क्वालिटी प्रोटोकॉल से लेकर वेन्यू और टाइमिंग तक।

जब Smog ने पूरा Match निगल लिया


लखनऊ में भारत–दक्षिण अफ्रीका चौथा T20I इस अंदाज़ में रद्द हुआ कि कई लोगों के लिए यह सिर्फ “no‑result” नहीं, बल्कि “no‑planning” का नतीजा लगा। शाम 7 बजे से पहले ही एकाना स्टेडियम के ऊपर घनी धुंध–स्मॉग की परत जम चुकी थी; विज़िबिलिटी इतनी कम थी कि अंपायरों ने छह–छह बार ग्राउंड निरीक्षण के बावजूद एक गेंद भी फेंकने की हिम्मत नहीं दिखाई। AQI 400 से ऊपर “hazardous” रेंज में दर्ज किया गया, PM2.5 लेवल WHO की सुरक्षित सीमा से कई गुना ऊपर था, और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी warming‑up के दौरान मास्क पहने दिखे – आखिरकार फैसला हुआ कि मैच ही रद्द कर दिया जाए।

घटना क्या थी, और फैन्स के लिए कैसी रही?
हज़ारों दर्शक घंटों तक स्टैंड्स में बैठे रहे, “play, play” के नारे लगाते रहे, लेकिन हर inspection के बाद सिर्फ एक ही घोषणा सुनाई दी – “conditions not suitable for play।” टाइम्स ऑफ इंडिया और दूसरे रिपोर्ट्स में कुछ फैन्स का दर्द साफ झलका – एक किसान ने बताया कि उसने मैच का टिकट खरीदने के लिए “तीन बोरी गेहूं बेच दिए”, लेकिन बिना एक गेंद देखे लौटना पड़ा। कई लोगों के लिए यह सिर्फ entertainment नहीं, सालों का सपना था कि टीम इंडिया को live देखें; इस सपने पर स्मॉग के साथ–साथ scheduling की गलती ने भी पानी फेर दिया।

स्मॉग या फॉग? semantics से ज़्यादा health और विज़िबिलिटी का सवाल
कमेंट्री और आधिकारिक घोषणाओं में इसे बार–बार “excessive fog” कहा गया, लेकिन local reports और विज़ुअल्स साफ दिखा रहे थे कि यह typical cold‑wave fog से ज़्यादा toxic स्मॉग था – यानी fog + pollution का मिक्स। Lucknow और आसपास के इलाकों में उस दिन PM2.5 और PM10 लेवल इतने हाई थे कि doctors भी advise दे रहे थे कि बच्चे, बुज़ुर्ग और respiratory problems वाले लोग outdoor activity avoid करें, high‑intensity खेल तो बिल्कुल नहीं। ऐसे में एक international क्रिकेट मैच कराना कितना जिम्मेदाराना होता, इस पर खुद BCCI अधिकारियों के बीच भी uncomfortable सवाल उठे।

उत्तर भारत की सर्दियों में night–match scheduling की पुरानी समस्या
यह कोई पहला मौका नहीं जब pollution या fog ने क्रिकेट को प्रभावित किया हो। 2017 में दिल्ली टेस्ट के दौरान श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने मास्क पहनकर fielding की थी और बीच‑बीच में play रोकना पड़ा; Ranji और domestic level पर भी कई मैच bad light व fog से प्रभावित होते रहते हैं। इसके बावजूद इस साल भी BCCI ने नवंबर–दिसंबर विंडो में उत्तर भारत के वेन्यू पर night T20Is रखे – नई चंडीगढ़, धर्मशाला और अब लखनऊ – जहाँ historical data साफ कहता है कि year के इसी हिस्से में fog और AQI सबसे खराब होता है।

किसकी planning चूकी – बोर्ड, state association या दोनों?
BCCI officials informal बातचीत में अक्सर argue करते हैं कि scheduling एक complex matrix है – ICC FTP commitments, broadcaster windows, players की workload और state associations की demand सब साथ में balance करनी पड़ती है। लेकिन लखनऊ वाले मैच के बाद सवाल यह बना कि क्या इस balancing act में सबसे basic parameter – हवा की quality और विज़िबिलिटी – को under‑weight कर दिया गया। उत्तर प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन के लिए यह high‑profile fixture prestige का सवाल था, लेकिन अगर ground पर गेंद ही दिखाई न दे तो स्टेडियम भरने का कोई मतलब नहीं रहता; यह बात अब फैंस के साथ–साथ कुछ administrators भी खुले में मानने लगे हैं।

राजनीतिक और पब्लिक रिएक्शन: “दिल्ली का pollution लखनऊ पहुँच गया है”
Akhilesh Yadav ने tweet करके कहा, “दिल्ली का pollution अब लखनऊ पहुँचा दिया गया है”, और साथ ही सवाल उठाया कि ऐसी हवा में match schedule करना किसकी समझदारी थी। शशि थरूर ने भी AQI 411 का screenshot शेयर करते हुए लिखा कि “no cricket possible in these conditions”, और indirect तरीके से BCCI और local authorities दोनों को टारगेट किया। social media पर #SmogStoppedPlay और #WhoScheduledThis जैसे hashtags ट्रेंड करने लगे, जिसमें fans, doctors और environmentalists सभी ने अपनी–अपनी language में एक ही बात दोहराई – “यह सिर्फ bad luck नहीं, poor planning भी है।”

खिलाड़ियों की सेहत: सिर्फ एक रात का नहीं, long‑term impact का मुद्दा
कई experts ने याद दिलाया कि AQI 300–400+ लेवल पर PM2.5 पार्टिकल्स फेफड़ों की सबसे अंदरूनी परत तक जा सकते हैं, inflammation trigger कर सकते हैं और लंबे समय में asthma, bronchitis, cardiac events की risk बढ़ा सकते हैं। क्रिकेट जैसे game में खिलाड़ियों को लगातार दौड़ना, sprint करना, fielding dives लेना और तेज़ सांस लेना होता है, जिससे pollutant intake normal walking से कहीं ज्यादा हो जाता है – यानी hazardous levels पर 3–4 घंटे मैदान में रहना सिर्फ discomfort नहीं, actual health risk बन जाता है। सिर्फ Indian team नहीं, South African players के लिए भी यह exposure unfair और avoidable था, जो future tours की planning और trust पर असर डाल सकता है।

कॉमन sense solutions: BCCI क्या–क्या immediate बदल सकता है
पहला, उत्तर भारत में नवंबर–जनवरी के बीच night fixtures की संख्या drastically कम की जा सकती है; अगर unavoidable हो, तो उन्हें दिन के समय (d/n की जगह d मैच) shift किया जाए, ताकि कम से कम visibility issue manageable रहे। दूसरा, scheduling से पहले IMD के साथ–साथ pollution monitoring agencies के डेटा को भी consult किया जाए – AQI trends और seasonal patterns को “rain probability” जितना ही महत्व दिया जाए। तीसरा, high‑risk शहरों के लिए pre‑approved backup venues और reserve days तय किए जाएँ, ताकि worst case में match को same tour window में किसी दूसरे शहर shift किया जा सके और fans पूरी तरह cheated महसूस न करें।

क्या BCCI को ऑफिशियल “Air Quality Protocol” बनाना चाहिए?
जैसे दुनिया भर के क्रिकेट में lightning, rain और extreme heat के लिए clear playing conditions और thresholds बने हुए हैं, वैसे ही AQI के लिए भी एक transparent protocol बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए:
– AQI 0–200: play on, normal conditions।
– AQI 200–300: medical team की सलाह से shortened practice, masks recommended, extra breaks।
– AQI 300–400: toss से पहले mandatory consultation, मैच start न करने का strong possibility।
– AQI 400+: play suspended or abandoned, जैसा इस T20I में हुआ।
ऐसा framework fans, broadcasters और खिलाड़ियों तीनों को पहले से clarity देगा और ad‑hoc calls की जगह well–defined health‑first policy establish करेगा।

फैंस के लिए compensation और trust rebuilding कैसे हो?
लखनऊ के incident के बाद social media पर सबसे बड़ा resentment इसी बात पर था कि टिकट refund और travel–stay loss के बारे में किसी ने साफ बात नहीं की। BCCI और state associations मिलकर एक minimum fan‑protection mechanism बना सकते हैं – जैसे अगर toss से पहले ही match officially abandoned हो जाए, तो ticket price का 100% refund automatic हो; अगर limited overs में 5–10 overs से कम का game possible हो, तो partial refund या future मैच के लिए discount voucher दिया जाए। इससे fans को at least financial relief और psychologically एक respect का एहसास मिलेगा।

लंबी दूरी की सोच: climate reality के साथ खेल को बदलना ही पड़ेगा
जलवायु और pollution patterns जिस दिशा में जा रहे हैं, उसे देखते हुए यह मान लेना कि “यह isolated incident था” सिर्फ खुद को धोखा देना होगा। North India की winters, coastal cities की heavy बारिश, extreme heat waves – ये सब आने वाले सालों में cricket scheduling के लिए routine variables बनेंगे, exception नहीं। IND vs SA 4th T20I ने BCCI को एक painful लेकिन जरूरी warning दे दी है कि अगर planning आज नहीं बदली, तो कल सिर्फ fans नहीं, खुद खेल की credibility दांव पर होगी।

FAQs

प्रश्न 1: लखनऊ में IND vs SA 4th T20I क्यों रद्द किया गया?
उत्तर: stadium के ऊपर dense स्मॉग और fog की वजह से विज़िबिलिटी बहुत खराब थी और AQI 400+ “hazardous” स्तर पर दर्ज किया गया; अंपायरों ने कई inspections के बाद खिलाड़ियों की सुरक्षा और visibility को देखते हुए मैच बिना गेंद फेंके रद्द कर दिया।

प्रश्न 2: क्या यह सिर्फ weather issue था या pollution भी?
उत्तर: reports ने इसे “excessive fog” कहा, लेकिन local AQI data और visuals से clear था कि यह smog था – यानी fog के साथ high particulate pollution, जिससे सांस और eyes दोनों पर असर पड़ सकता है।

प्रश्न 3: fans का सबसे बड़ा नुकसान क्या रहा?
उत्तर: हजारों spectators travel और ticket cost दोनों खो बैठे; कुछ ने यह तक बताया कि उन्होंने match देखने के लिए गेहूं के बोरे बेचे या savings निकाल दीं, लेकिन result एक भी गेंद देखे बिना घर लौटना रहा।

प्रश्न 4: BCCI future में ऐसी स्थिति कैसे टाल सकता है?
उत्तर: winter window में उत्तर भारतीय वेन्यू पर night fixtures कम करके, AQI trends को scheduling parameter बनाकर, pre‑approved backup venues रखकर और एक clear air‑quality protocol बनाकर, जिसमें 300–400+ AQI पर मैच automatically review या cancel हो जाए।

प्रश्न 5: क्या अन्य देशों में भी pollution की वजह से खेल रोका गया है?
उत्तर: हाँ, Delhi Test 2017 में Sri Lanka के खिलाड़ियों ने toxic हवा की शिकायत की थी; दुनिया भर में extreme heat, bushfire smoke (जैसे ऑस्ट्रेलिया में) और pollution जैसी स्थितियों पर अब sport bodies health experts के साथ मिलकर नई guidelines बना रही हैं, जिससे cricket को भी सीख लेनी होगी।

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