भारत के डिजिटल स्ट्रीमिंग की दुनिया में बड़ा झटका
भारत सरकार ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए 25 OTT (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया है। वजह? इन पर अश्लील, भड़काऊ और सामाजिक रूप से हानिकारक कंटेंट दिखाने का आरोप है।
इस बैन की सबसे ज़्यादा चर्चा में है – उल्लू ऐप पर अजयज़ खान के साथ रियलिटी शो, और एक वेब सीरीज़ ‘हाउस अरेस्ट’, जिन्हें अधिकारियों ने उदाहरण के तौर पर पेश किया।
इस फैसले से एक बार फिर देश में फ्री स्पीच बनाम सेंसरशिप, डिजिटल कंटेंट की मर्यादा, और सरकारी नियंत्रण को लेकर बहस छिड़ गई है।
पृष्ठभूमि: इंडिपेंडेंट OTT प्लेटफॉर्म्स और ‘उल्लू‘ का उभार
जब नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम और डिज़्नी+ हॉटस्टार जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स भारत में हिट हुए, तो छोटे देसी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की बाढ़ आ गई।
इनमें से कई जैसे उल्लू, फ्लिज मूवीज़, कूकू, बूम मूवीज़, प्राइम शॉट्स वगैरह ने एडल्ट, बोल्ड और इरॉटिक कंटेंट पर फोकस किया और जल्दी ही लोकप्रिय हो गए।
इन प्लेटफॉर्म्स पर कम बजट में बनाए गए शोज़ और शॉर्ट फिल्म्स दिखाए जाते थे – जिनमें ज्यादा फोकस सेक्स, वॉयरिज़्म (झांकने वाली थीम), और रिश्तों की वर्जनाओं पर रहता था।
उल्लू ऐप इस सबका चेहरा बन गया, खासकर अपने शोज़ जैसे ‘चरमसुख‘, ‘पलंग तोड़‘ और हालिया अजयज़ खान वाला रियलिटी शो के चलते।
बैन की असली वजह क्या थी?
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B) के अनुसार, कई नागरिक संगठनों, माता-पिता संगठनों और राज्यों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
सरकार ने दो मुख्य उदाहरणों को इस बैन की वजह बताया:
1. उल्लू का अजयज़ खान वाला रियलिटी शो
टीवी एक्टर और बिग बॉस फेम अजयज़ खान एक रियलिटी शो में थे जिसमें मंत्रालय के अनुसार “अश्लील टास्क, गालियों भरा कंटेंट और खुलेआम यौन इशारे” दिखाए गए।
“ये एंटरटेनमेंट नहीं, एक्सप्लॉइटेशन है जो रियलिटी शो के नाम पर दिखाया जा रहा था,” एक I&B अधिकारी ने कहा।
इस शो को लेकर कहा गया कि ये युवाओं को गलत दिशा में ले जा सकता है और इसके कंटेंट को आसानी से देखा जा सकता था, बिना किसी उम्र की रोक-टोक के।
2. ‘हाउस अरेस्ट’ वेब सीरीज़
‘हाउस अरेस्ट’ नाम की एक और वेब सीरीज़ को भी निशाने पर लिया गया जिसमें “बलात्कार के दृश्य, उत्पीड़न और बिना किसी आर्टिस्टिक जस्टिफिकेशन के नग्नता” दिखाई गई।
ये शो किसी इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म पर था और इसके क्लिप्स टेलीग्राम और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे थे।
कौन-कौन से OTT प्लेटफॉर्म्स हुए बैन?
हालांकि सरकार ने पूरा लिस्ट सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार निम्नलिखित नाम सामने आए हैं:
- उल्लू
- फ्लिज मूवीज़
- कूकू
- न्यूफ्लिक्स
- प्राइम शॉट्स
- हॉटX
- रैबिट मूवीज़
- बूम मूवीज़
- मूडX
- नीयनX
- गपचुप
- सिनेप्राइम
- वूव
- हंटर्स
- अतरंगी (कुछ कंटेंट को लेकर आपत्ति)
- बनाना प्राइम
- बलून्स ऐप
- हॉटहिट
- एक्सप्राइम
- हॉटहिट मूवीज़
- ड्रीम्स फिल्म्स
- फेनेओ
- सिनेमा दोस्ती ऐप
- एक्स्ट्रामूड
- लवमैच ऐप
इनमें से ज़्यादातर या तो बंद हो गए हैं, या भारत में ब्लॉक कर दिए गए हैं, या फिर इनके पेमेंट गेटवे डिसेबल कर दिए गए हैं।
कानूनी आधार: बैन के पीछे कौन-सा कानून?
सरकार ने IT एक्ट 2000 की धारा 69A के तहत यह बैन लगाया है। इस कानून के तहत अगर कोई वेबसाइट या ऐप देश की अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता के खिलाफ काम करता है, तो उसे बंद किया जा सकता है।
मंत्रालय ने बताया कि ये OTT प्लेटफॉर्म्स:
- 2021 की ओटीटी गाइडलाइंस के तहत न तो खुद को रजिस्टर्ड किया, न ही रेगुलेट किया
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की उन धाराओं का उल्लंघन किया जो अश्लीलता और महिलाओं की गरिमा से जुड़ी हैं
- पैरेंटल कंट्रोल या उम्र-सीमा जैसे सेफ्टी फीचर्स लागू नहीं किए
- सरकार की कई बार दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज किया
जनता की प्रतिक्रिया: मिली-जुली राय
इस बैन को लेकर सोशल मीडिया पर मजबूत बहस देखने को मिली।
बहुत से लोग इस कदम के पक्ष में नजर आए:
“इन शोज़ में कहानी तो थी नहीं, सिर्फ सस्ती एक्टिंग और अश्लीलता थी। सही किया बैन कर के।” – एक ट्विटर यूजर।
वहीं, फ्री स्पीच समर्थकों, फिल्ममेकर्स और डिजिटल राइट्स एक्टिविस्ट्स ने सरकार की आलोचना की।
“यह समाज की रक्षा नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की आज़ादी पर नियंत्रण है,” – Internet Freedom Foundation (IFF) के एक प्रवक्ता ने कहा।
इंडस्ट्री में सन्नाटा और डर
जहां बड़ी ओटीटी कंपनियां जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, सोनीलिव इससे अप्रभावित हैं, वहीं छोटे प्लेटफॉर्म्स और उनके निर्माता अब अपने कंटेंट को लेकर दोबारा सोचने लगे हैं।
- कई छोटे डायरेक्टर्स और एक्टर्स ने अपने शो से खुद को अलग करना शुरू कर दिया है
- पेमेंट गेटवे जैसे Razorpay, PayU और Instamojo ने कुछ प्लेटफॉर्म्स की सर्विस रोक दी है
- कुछ प्लेटफॉर्म्स ने तुरंत अपने विवादित शो हटा दिए और मेसेज पोस्ट किया:
“हम अपने कंटेंट की समीक्षा कर रहे हैं और भारतीय कानूनों का सम्मान करते हैं।”
अजयज़ खान बोले: “ये दोगलापन है”
इस विवाद के केंद्र में रहे अजयज़ खान ने इंस्टाग्राम पर प्रतिक्रिया दी:
“अगर फिल्मों में मर्डर, ड्रग्स और हिंसा दिखाना चलता है, तो फिर एडल्ट रियलिटी शो में क्या गलत है? ये दोगलापन है। मैंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया।”
हालांकि, उनका शो अब ऑफिशियल चैनल्स से हटा दिया गया है, और उनके खिलाफ FIR दर्ज होने की अटकलें हैं—महिला अपमान कानून और IPC 292 (अश्लील सामग्री) के तहत।
यह नैतिक पहरेदारी है या डिजिटल अनुशासन?
यह पहला मौका नहीं है जब सरकार ने OTT कंटेंट पर सख्ती दिखाई हो।
- 2021 में Amazon Prime के शो ‘तांडव’ पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था
- मिर्ज़ापुर, पाताल लोक और ए सूटेबल बॉय जैसे शो भी विरोध की चपेट में आए थे
- 2021 की OTT गाइडलाइंस लागू हुईं, लेकिन उनका पालन बहुत ढीला रहा
इस बार सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है, लेकिन सवाल उठते हैं कि “अश्लीलता” की परिभाषा कौन तय करेगा? अगर ये तय करने का अधिकार पूरी तरह सरकार के हाथ में होगा, तो रचनात्मक स्वतंत्रता खतरे में पड़ सकती है।
OTT इंडस्ट्री पर असर: आगे क्या?
1. पारिवारिक और साफ-सुथरे कंटेंट की वापसी
अब नए प्लेटफॉर्म्स कॉमेडी, धार्मिक या पारंपरिक शो पर फोकस कर सकते हैं ताकि किसी भी विवाद से बचा जा सके।
2. एडल्ट कंटेंट इंडस्ट्री पर असर
इन प्लेटफॉर्म्स पर काम करने वाले अभिनेता, तकनीशियन और प्रोडक्शन टीम्स अब बेरोजगारी के खतरे में हैं।
3. कंटेंट का अवैध प्लेटफॉर्म्स की ओर रुख
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब ऐसे कंटेंट टेलीग्राम, VPN या OnlyFans जैसे प्लेटफॉर्म्स पर चले जाएंगे – जो कि और भी ज्यादा अनरेगुलेटेड हैं।
4. स्पष्ट नियमों की मांग
अब फिल्म निर्माता और डिजिटल क्रिएटर्स सरकार से स्पष्ट और स्थायी नियमों की मांग कर रहे हैं, ताकि कोई भी कंटेंट बनाने से पहले ये जान सके कि उसकी सीमा क्या है।
OTT पर निगरानी का नया दौर शुरू
25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लगे इस बैन से साफ है कि भारत में डिजिटल कंटेंट को लेकर सरकार की नजर अब ज्यादा सख्त हो गई है।
ये कदम समाज को “साफ-सुथरा कंटेंट” देने के मकसद से उठाया गया है, लेकिन फ्री स्पीच, रचनात्मकता, और ओपन इंटरनेट पर इसके असर की भी अनदेखी नहीं की जा सकती।
अब भारत जैसे देश को एक संतुलन बनाना होगा – जहां संवेदनशीलता, कलात्मकता और नैतिकता एक साथ चल सकें।
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