Home दुनिया नाइजीरिया में 7000 से अधिक ईसाई मारे गए, अमेरिकी सांसदों ने उठाई आपात कार्रवाई की मांग
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नाइजीरिया में 7000 से अधिक ईसाई मारे गए, अमेरिकी सांसदों ने उठाई आपात कार्रवाई की मांग

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US Congress calls for protection of Nigerian Christians
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अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने नाइजीरिया में ईसाइयों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न की निंदा की और तत्काल संरक्षण के लिए ट्रंप प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।

अमेरिकी नेताओं ने ट्रंप से नाइजीरिया में ईसाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा

नाइजीरिया में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा

2025 में नाइजीरिया में अब तक 7,000 से अधिक ईसाइयों की मौत हुई है, साथ ही सैकड़ों अपहरण और विस्थापन की घटनाएं हुई हैं। इस हिंसा के पीछे मुख्य रूप से चरमपंथी संगठन जैसे बोको हराम और इसके पैतृक समूह ISWAP का हाथ माना जा रहा है।

अमेरिकी कांग्रेस की कार्रवाई और अनुरोध

वेस्ट वर्जीनिया के रिपब्लिकन सांसद राइली मूर ने इस बढ़ती हिंसा पर चिंता जताते हुए विदेश मंत्री से नाइजीरिया को “Country of Particular Concern” (CPC) के रूप में पुनः नामित करने को कहा है। इससे अमेरिका को दूतावासीय दबाव बनाने का साधन मिलेगा ताकि नाइजीरियाई सरकार कार्रवाई करे।

घटनाओं की गंभीरता

मूर के अनुसार, नाइजीरिया ईसाइयों के लिए विश्व का सबसे खतरनाक देश बन चुका है। इस वर्ष एक पुरोहित भी अपहरण के बाद मारा गया, और पाम संडे को 54 ईसाई शहीद हुए। 2009 से अब तक 50,000 से अधिक ईसाई मारे जा चुके हैं और 19,100 से अधिक गिरजाघर नष्ट किए जा चुके हैं।

अमेरिकी सांसदों का समर्थन

टेक्सास के रिपब्लिकन सांसद टेड क्रूज ने भी इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने नाइजीरिया धार्मिक स्वतंत्रता जवाबदेही अधिनियम 2025 पेश किया है, जिसके तहत वह अत्याचार में शामिल अधिकारीयों को जवाबदेह ठहराना चाहते हैं। क्रूज ने बोको हराम और ISWAP दोनों को ‘विशेष चिंता वाले संगठन’ के रूप में दर्ज कराने की मांग की है।

नाइजीरियाई सरकार की प्रतिक्रिया

नाइजीरियाई अधिकारियों ने इस हिंसा को एक समुदाय विशेष पर केंद्रित बताने से इंकार करते हुए इसे सुरक्षा चुनौतियों के व्यापक संदर्भ में देखा है। सूचना मंत्री मोहम्मद इदरीस मलागी ने इसे गैर-सटीक और खतरनाक बताया है।


FAQs

  1. नाइजीरिया में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा का मुख्य कारण क्या है?
    चरमपंथी समूह बोको हराम और ISWAP के हमले।
  2. अमेरिकी सांसद कौन हैं जिन्होंने इस मुद्दे पर आवाज उठाई?
    वेस्ट वर्जीनिया के राइली मूर और टेक्सास के टेड क्रूज।
  3. “Country of Particular Concern” का मतलब क्या है?
    यह एक अमेरिकी सरकारी सूची है जो धार्मिक उत्पीड़न वाले देशों को चिन्हित करती है।
  4. नाइजीरियाई सरकार ने इस हिंसा को कैसे देखा?
    उन्होंने इसे सुरक्षा चुनौतियों के व्यापक संदर्भ में बताया।
  5. 此 खबर का अंतरराष्ट्रीय महत्व क्या है?
    यह धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार के संरक्षण में वैश्विक नीतियों को प्रभावित कर सकता है।
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