महाराष्ट्र डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने मुंबई के 19,000 पगड़ी भवनों के रीडेवलपमेंट के लिए नया फ्रेमवर्क घोषित किया। किरायेदारों को FSI, मालिकों को TDR। कोर्ट केस तेज, EWS को फ्री रिकंस्ट्रक्शन।
मुंबई में गिरते पुराने घर: शिंदे के नए नियम से लाखों को मालिकाना हक, कैसे होगा?
मुंबई के पगड़ी भवनों को नया जीवन: एकनाथ शिंदे का ऐतिहासिक फ्रेमवर्क, लाखों को मालिकाना हक मिलेगा
दोस्तों, मुंबई जैसे महानगर में हजारों पुराने पगड़ी भवन खतरे की घंटी बजा रहे हैं। कभी भी गिर सकते हैं, जान-माल का खतरा। लेकिन अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने विस्फोटक ऐलान किया है। विधानसभा में नया रेगुलेटरी फ्रेमवर्क घोषित – पगड़ी सिस्टम को रीडेवलप करके मुंबई को डंगर फ्री बनाने का प्लान। 19,000 से ज्यादा सेस्ड बिल्डिंग्स, ज्यादातर 1960 से पहले बने। 13,000 अभी रीडेवलप का इंतजार कर रही। किरायेदार और मालिक दोनों के हक सुरक्षित। ये कदम शहर को सुरक्षित बनाएगा। आइए पूरी डिटेल समझें।
पगड़ी सिस्टम क्या है? पुरानी tenancy मॉडल – किरायेदार आंशिक मालिक, नॉमिनल रेंट (100-300 रुपये), सबलेटिंग और बेचने का हक। महाराष्ट्र रेंट कंट्रोल एक्ट से प्रोटेक्शन। लेकिन मालिकों को फेयर कंपेंसेशन नहीं मिलता। रीडेवलपमेंट में लीगल झगड़े, स्ट्रक्चरल प्रॉब्लम्स। नतीजा – कई भवन गिरे, मौतें हुईं। BMC डेटा: साउथ मुंबई में 16,000+, दादर-माटुंगा में हजारों। शिंदे बोले – बैलेंस्ड फ्रेमवर्क जरूरी।
नए फ्रेमवर्क की मुख्य प्रावधान: किरायेदार-मालिक दोनों खुश
किरायेदार को उनके कब्जे वाले एरिया जितना FSI। मालिक को लैंड ओनरशिप के हिसाब से FSI। EWS/LIG को इंसेंटिव FSI – फुल रिकंस्ट्रक्शन कॉस्ट फ्री कवर। हाइट रेस्ट्रिक्शन हो तो बाकी TDR मिलेगा। ये रूल्स 33(7), 33(9) के अलावा अतिरिक्त ऑप्शन।
यहां टेबल से समझें FSI-TDR एलोकेशन:
| पक्ष | FSI मिलेगा | अतिरिक्त लाभ |
|---|---|---|
| किरायेदार | कब्जा एरिया बराबर | EWS/LIG को इंसेंटिव FSI |
| मालिक | लैंड शेयर के अनुपात में | TDR अगर FSI फुल न यूज हो |
| EWS/LIG | फ्री रिकंस्ट्रक्शन | अलग रूल्स, कोई कॉस्ट न |
| डेवलपर | प्रोजेक्ट पूरा करने पर | प्रॉफिट शेयरिंग |
सोर्स: शिंदे का विधानसभा ऐलान, BMC रिपोर्ट्स।
लीगल झगड़ों का अंत: फास्ट-ट्रैक कोर्ट्स से 3 साल में सॉल्यूशन
28,000 से ज्यादा केस स्मॉल कॉज कोर्ट में पेंडिंग – दशकों से रीडेवलप रुका। हाई कोर्ट अप्रूवल से एडिशनल फास्ट-ट्रैक कोर्ट्स लगेंगे। 3 साल में डिस्पोज। इससे रीडेवलपेशन तेज, कोलैप्स रुकेंगे। शिंदे बोले – न किरायेदार, न मालिक को अन्याय। लाखों को ओनरशिप घर मिलेंगे।
मुंबई के पगड़ी भवनों का इतिहास और चुनौतियां
1940-50s में बने, ब्रिटिश जमाने के। टेक्सटाइल मिल वर्कर्स के लिए। रेंट कंट्रोल से किराया फिक्स्ड। लेकिन मेंटेनेंस न, दीवारें लूज। 2019 चूनाभट्टी कोलैप्स – 16 मरे। BMC ने 445 डेंजरस घोषित। साउथ मुंबई (गिरगांव, भायखला) सबसे प्रभावित। CREDAI रिपोर्ट: रीडेवलप पर 50% प्रोजेक्ट्स अटके। नया फ्रेमवर्क इन्हें रीसस्टार्ट करेगा।
EWS और LIG के लिए खास प्रावधान: गरीबों का घर सुरक्षित
FSI इंसेंटिव से फुल कॉस्ट कवर। अलग रूल्स बनेंगे। ये मुंबई के 40% पगड़ी रहवासियों को फायदा। गवर्नमेंट सब्सिडी, PMAY से लिंक।
5 FAQs
- पगड़ी भवन क्या हैं?
पुरानी tenancy सिस्टम, नॉमिनल रेंट, किरायेदार को बेचने का हक। - नए फ्रेमवर्क में FSI कैसे मिलेगा?
किरायेदार को कब्जा एरिया, मालिक को लैंड शेयर। - EWS को क्या फायदा?
फ्री रिकंस्ट्रक्शन, इंसेंटिव FSI। - कोर्ट केस कब क्लियर?
फास्ट-ट्रैक कोर्ट्स से 3 साल में। - कितने भवन प्रभावित?
19,000+, 13,000 पेंडिंग रीडेवलप।
Leave a comment