पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तुर्की में अफगान तालिबान के साथ वार्ता विफल होने पर युद्ध की चेतावनी दी है और कहा कि इसके लिए विकल्प खुले हैं।
तुर्की में बातचीत के पूर्व पाकिस्तान ने तालिबान को दी वार्निंग, युद्ध की संभावनाएं बढ़ीं
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को चेतावनी दी है कि यदि तुर्की में अफगानिस्तान के साथ चल रही वार्ताएं विफल हो जाती हैं तो स्थिति युद्ध की ओर बढ़ेगी। ये बयान वार्ता की तीसरी चरण शुरू होने से कुछ घंटे पहले दिए गए।
ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान के जियो टीवी को बताया, “अगर वार्ता सफल नहीं होती है, तो परिस्थिति और बिगड़ जाएगी। हमारे पास विकल्प खुले हैं और जिस तरह हम पर हमले हो रहे हैं, हम उसी प्रकार का जवाब दे सकते हैं।” जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतलब युद्ध है, तो उन्होंने स्पष्ट उत्तर दिया, “हाँ… युद्ध।”
यह वार्ता तुर्की में पाकिस्तान के आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक के नेतृत्व में चल रही है, जो तालिबानी नेताओं के साथ शांति समझौता करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दौर की वार्ताएं अफगानिस्तान के कुछ मांगों को खारिज करने के कारण ठप हो गई थीं।
पाकिस्तान ने काबुल पर लगातार टीटीपी (तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया है, क्योंकि इस संगठन ने पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों की श्रृंखला शुरू की है। काबुल ने तुर्की में हुए हवाई हमलों को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है।
करीब 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा दोनों देशों के बीच सहमति और संघर्ष की सीमा बनी हुई है, जहां बार-बार झड़पें और आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं।
FAQs
- ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को क्या चेतावनी दी?
वार्ता विफल होने पर युद्ध की चेतावनी। - वार्ता तुर्की में क्यों हो रही है?
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति समझौते के लिए। - किन मसलों पर वार्ता ठप हुई थी?
पाकिस्तान की मांगों को अफगानिस्तान द्वारा अस्वीकार। - पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने युद्ध की संभावना कब कबूल की?
जब पूछा गया कि बात युद्ध तक पहुंच सकती है, तो हाँ कहा। - सीमा क्षेत्र में क्या स्थिति है?
बार-बार संघर्ष और आरोप-प्रत्यारोप का दौर।
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