पाकिस्तान संसद ने सेना प्रमुख आसिम मुनिर को नौसेना और वायु सेना सहित सभी सशस्त्र सेवाओं का मुख्य कमांडर बनाने के साथ सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक शक्तियों को सीमित करते हुए संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दी।
पाकिस्तान संसद ने सेना प्रमुख के अधिकारों में वृद्धि की, सुप्रीम कोर्ट के मामलों पर प्रभाव
पाकिस्तान संसद ने बुधवार को अपने सेना प्रमुख आसिम मुनिर के अधिकारों का दायरा बढ़ाते हुए उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज का पद प्रदान किया, जिसके तहत वे नौसेना और वायु सेना सहित सभी सशस्त्र बलों के मुख्य कमांडर बन जाएंगे।
संवैधानिक संशोधन के तहत आसिम मुनिर अपने पद की अवधि पूरी करने के बाद अपना रैंक बनाए रखेंगे और उन्हें जीवनभर कानूनी सुरक्षा भी दी जाएगी।
उसी संशोधन में सुप्रीम कोर्ट को संवैधानिक मामलों से हटाकर एक नई फेडरल कांस्टीट्यूशनल कोर्ट का गठन किया जाएगा, जिसके न्यायाधीश सरकार द्वारा नियुक्त होंगे।
विधान को निचली सदन में बड़ी बहुमत के साथ पारित किया गया, जबकि विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ (PTI) ने बहस का बहिष्कार किया।
आलोचक मानते हैं कि यह कदम पाकिस्तान में सैन्य और सत्ताधारी गठबंधन के हाथों में शक्ति केंद्रीकरण का एक बड़ा उदाहरण है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
यह बदलाव पाकिस्तान के राजनीतिक और न्यायिक तंत्र में सेना के प्रभाव को संवैधानिक रूप से मजबूत करते हैं, जिन्हें बदलना भविष्य में बहुत कठिन होगा।
FAQs:
- आसिम मुनिर के अधिकारों में क्या बढ़ोतरी हुई है?
- नया संवैधानिक संशोधन सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को कैसे बदलता है?
- पाकिस्तान की संसद में इस संशोधन को कितना समर्थन मिला?
- किस दल ने इस बिल का बहिष्कार किया और क्यों?
- इस संशोधन का पाकिस्तान के लोकतंत्र पर क्या प्रभाव होगा?
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