IMF और पाकिस्तान के बीच $7 अरब डॉलर कर्ज की समीक्षा वार्ता शुरू, अर्थव्यवस्था की चुनौतियाँ और राजस्व संग्रह पर विशेष फोकस।
इकोनॉमिक रिव्यू मीटिंग: IMF के सामने पाकिस्तान का रिपोर्ट कार्ड
पाकिस्तान और IMF के बीच $7 अरब डॉलर के कर्ज की औपचारिक समीक्षा वार्ता इस सप्ताह शुरू हुई। IMF मिशन और पाकिस्तान की आर्थिक टीम ने दो सप्ताह तक चलने वाली बातचीत में प्रगति, चुनौतियों और आगामी सुधारों पर मंथन किया है। यह समीक्षा जून 2025 तक की आर्थिक प्रगति और दिसंबर 2025 तक के सुधार लक्ष्य दोनों के लिए अहम मानी जा रही है।
अब तक की प्रगति और चुनौतियाँ
- जून 2025 तक बिजली सेक्टर में टार्गेट पूरे हुए, पर राजस्व संग्रह में लगभग 1.2 ट्रिलियन रुपये की कमी रही—जो जीडीपी का लगभग 1% है।
- चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में भी यही गिरावट बनी रही।
- इस बार की समीक्षा में, राजस्व संग्रह, टैक्स सुधार और ऊर्जा सेक्टर के अलावा ब्लूप्रिंट बनाने पर ज़ोर है ताकि सुधारात्मक कदम जल्दी लागू हों।
- IMF और पाकिस्तान दोबारा यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि आगामी छः महीने के बायएनुअल टार्गेट पूरे किए जाएं।
नई नीतियाँ और रिफाइनरी अपग्रेड
- पाकिस्तान सरकार IMF से “ब्राउनफील्ड पेट्रोलियम रिफाइनरी” पॉलिसी में लंबे समय से लंबित सुधारों पर तेज़ फैसले के लिए कह रही है, जिससे लगभग $6 अरब डॉलर के निवेश रास्ता देख रहे हैं।
- अधिकारियों के अनुसार, यह नीति पर्यावरण-अनुकूल यूरोपीय स्टैंडर्ड वाले ईंधन उत्पादन और कम कार्बन व सल्फर उत्सर्जन हासिल करने के लिए जरूरी है।
- IMF ने ऐसे सभी उपायों को समर्थन देने की इच्छा दिखाई है, बशर्ते वे रिवेन्यू और सुधार लक्ष्यों को कमजोर न करें।
आगे की राह
- पाकिस्तान को आने वाले महीनों में टैक्स कलेक्शन, पेट्रोलियम पॉलिसी और आर्थिक प्रबंधन में बड़े सुधार लाने होंगे।
- IMF टीम सुधारात्मक और आगे की रणनीतियों पर पाकिस्तानी अर्थशास्त्रियों और अफसरों से मीटिंग्स कर रही है।
- अगर लक्ष्य अधूरे रहे, तो आगामी वित्तीय सहायता या अगली किश्त पर असर पड़ सकता है।
FAQs
- IMF और पाकिस्तान के इस लोन प्रोग्राम का लक्ष्य क्या है?
– राजस्व सुधार, आर्थिक स्थिरता और ऊर्जा सेक्टर में सुधार। - क्या पाकिस्तान अपने राजस्व लक्ष्य लगातार चूक रहा है?
– हाँ, जून 2025 तक और चालू वर्ष की शुरुआत में भी बड़ी कमी रही है। - ब्राउनफील्ड रिफाइनरी नीति क्यों जरूरी है?
– $6 अरब निवेश अटका है, इससे पर्यावरण-अनुकूल ईंधन मिलेगा। - क्या IMF पाकिस्तानी सुधार प्रयासों से संतुष्ट है?
– अब तक मिली-जुली रिपोर्ट है; आगे की रणनीति वार्ताओं में तय होगी। - अगर सुधार ना हुए तो क्या होगा?
– IMF अगली किश्त या सहायता टाल सकता है, आर्थिक संकट गहरा सकता है। - कितने समय तक ये समीक्षा चलेगी?
– आमतौर पर दो हफ्ते, आगे की मीटिंग्स के बाद अंतिम निर्णय होगा।
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