जम्मू सीमा पर बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन से गिराई गई पांच किलो से अधिक हेरोइन बरामद की, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 25 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत है।
ड्रोन से तस्करी: जम्मू सीमा पर पांच किलो हेरोइन जब्त
पाकिस्तानी ड्रोन से तस्करी की बड़ी कोशिश नाकाम: जम्मू सीमा पर 5 किलो से ज्यादा हेरोइन बरामद
सोमवार को जम्मू की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पांच किलो से अधिक हेरोइन की तस्करी की कोशिश को विफल कर दिया। यह वाकया सुबह छह बजे आरएस पुरा सेक्टर के बॉर्डर आउटपोस्ट जतिंदर के पास हुआ, जब बीएसएफ और पुलिस ने साझा तलाशी अभियान चलाया।
अधिकारियों के अनुसार, एक पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय सीमा पर मंडराता देखा गया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने तुरंत तलाश शुरू की। दो थैलों में 10 पैकेट हेरोइन बरामद हुए, जिनका कुल वजन 5.300 किलो था। इस मात्रा की अंतरराष्ट्रीय मार्केट कीमत करीब 25 करोड़ रुपये आंकी गई है।
पुलिस ने इस तस्करी प्रयास को विफल करने के लिए केस दर्ज कर लिया है। बीएसएफ और स्थानीय पुलिस की तत्परता से तस्करी रुक गई, जिससे पाकिस्तान की ओर से मादक पदार्थ की अवैध व्यापार योजना नाकाम हो गई। ऐसी घटनाएं सीमा पर सुरक्षा को चुनौती देती हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन जैसी तकनीक के इस्तेमाल पर नजर बनाए हुए हैं।
ड्रोन के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी सीमा सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती है। इसी वर्ष कई बार पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय क्षेत्र में घुसकर हेरोइन तथा हथियार गिरा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सीमा क्षेत्र में डॉग स्क्वाड, हाई टेक डिटेक्टर और कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि ऐसी कोशिशों को तुरंत रोका जा सके।
बीएसएफ और पुलिस की चौकसी ने इस बड़ी तस्करी योजना को विफल कर दिया। एजेंसियां स्थानीय नागरिकों और युवाओं को भी सचेत करती हैं कि वे ड्रग्स से दूर रहें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें। आने वाले समय में ड्रोन तस्करी के तरीकों के खिलाफ सुरक्षा रणनीति को और मजबूत किया जाएगा।
FAQs
- घटना कब और कहाँ हुई?
- 27 अक्टूबर 2025 को जम्मू के RS Pura सेक्टर, बॉर्डर आउटपोस्ट जतिंदर पर।
- कितनी मात्रा में हेरोइन बरामद हुई?
- कुल 5.300 किलो, 10 पैकेट में पैक थी।
- बरामद हेरोइन की अनुमानित कीमत कितनी है?
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में 25 करोड़ रुपये से अधिक।
- सुरक्षा एजेंसियों ने किस तरह कार्रवाई की?
- संयुक्त तलाशी अभियान, त्वरित जांच और पुलिस केस दर्ज।
- इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
- ड्रोन डिटेक्शन उपकरण, डॉग स्क्वाड, हाई टेक निगरानी और नागरिक जागरूकता अभियान।
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