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आत्मनिर्भर भारत का चमकता प्रतीक: INS विक्रांत पर पीएम मोदी का दिवाली उत्सव

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PM Modi Diwali On INS Vikrant
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिवाली INS विक्रांत पर नौसेना के वीर जवानों के साथ त्योहार मनाया। यह आत्मनिर्भर भारत और 21वीं सदी की भारतीय शक्ति का प्रतीक है।

INS विक्रांत पर पीएम मोदी ने मनाई दिवाली: 21वीं सदी के भारत की शक्ति का प्रतीक

INS विक्रांत पर दिवाली: समंदर के बीच भारत की शौर्यगाथा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष की दिवाली को एक अद्भुत अंदाज़ में मनाया। पारंपरिक दीपों और मिठाइयों से दूर, वे भारतीय नौसेना के जवानों के बीच INS विक्रांत पर पहुँचे — भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, जो 21वीं सदी के भारत की आत्मनिर्भरता, तकनीकी कौशल और रक्षा क्षमता का प्रतीक है।

मोदी ने नौसेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा,

“यह जहाज़ सिर्फ़ एक युद्धपोत नहीं है, बल्कि यह भारत के परिश्रम, प्रतिभा और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह 21वीं सदी के भारत की आत्मा को दर्शाता है।”


INS विक्रांत: आत्मनिर्भर भारत की उड़ान

INS विक्रांत (IAC-1) भारत का पहला पूर्ण रूप से स्वदेशी विमानवाहक पोत है। 262 मीटर लंबा, 45,000 टन वजनी यह जहाज़ चार गैस टरबाइन इंजनों से संचालित होता है जो 88 मेगावॉट की शक्ति प्रदान करते हैं। इसकी अधिकतम गति 28 नॉट (लगभग 52 किमी/घंटा) है।

विशेषताविवरण
लंबाई262 मीटर
वजन (पूर्ण विस्थापन)लगभग 45,000 टन
इंजन शक्ति88 मेगावॉट (4 गैस टरबाइन)
अधिकतम गति28 नॉट
निर्माण लागत₹20,000 करोड़ (लगभग)
स्वदेशी सामग्री76%
विमान क्षमता30 विमान (MiG-29K, Kamov-31, MH-60R, ALH, LCA Navy)

INS विक्रांत की खासियत केवल इसका आकार नहीं है, बल्कि यह भारत के Make in India और Aatma Nirbhar Bharat अभियानों का जीवंत उदाहरण है। इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर तीन चरणों में बनाया — 2007, 2014 और 2019 के अनुबंधों के तहत।


तकनीकी महारथ और वैश्विक स्तर पर पहचान

INS विक्रांत की तकनीकी क्षमताएँ इसे विश्व के सबसे उन्नत विमानवाहक पोतों की सूची में शामिल करती हैं। इसकी डिज़ाइन में उच्च स्तर का स्वचालन (Automation) है जो मशीनरी संचालन, नेविगेशन और सर्वाइवल को स्मार्ट बनाता है।

यह जहाज़ 30 से अधिक विमान संचालित कर सकता है — जिनमें रूस निर्मित MiG-29K फाइटर जेट, अमेरिकी MH-60R हेलिकॉप्टर और स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA Navy) शामिल हैं।


ऑपरेशन सिंदूर और भारत की नौसेना की वीरता

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान को कुछ ही दिनों में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा,

“भारतीय नौसेना का बनाया डर, वायुसेना की अद्भुत क्षमता और थलसेना की बहादुरी — तीनों सेनाओं की जबरदस्त तालमेल ने पाकिस्तान को शीघ्र आत्मसमर्पण के लिए विवश किया।”

यह वक्तव्य न केवल इतिहास की याद दिलाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की तीनों सेनाएँ आज किस प्रकार समन्वित, सक्षम और तकनीकी रूप से उन्नत हैं।


समंदर पर दिवाली: सैनिकों संग एक भावनात्मक क्षण

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा —

“आज का दिन अद्भुत है। एक ओर मेरे सामने समंदर है, और दूसरी ओर माँ भारती के वीर सपूतों की शक्ति। सूरज की किरणों का प्रतिबिंब इन लहरों पर ऐसे झिलमिला रहा है जैसे हमारे वीर जवानों के दीप।”

मोदी ने कहा कि हर दिवाली वे देश के रक्षकों के बीच मनाते हैं ताकि उनके त्याग और सेवा को नमन कर सकें। पिछले वर्ष उन्होंने कच्छ सीमा पर सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।


INS विक्रांत: भारत के रक्षा इतिहास में एक नया अध्याय

भारत अब उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो स्वदेशी विमानवाहक पोत डिज़ाइन और निर्मित करने में सक्षम हैं। अमेरिका, यूके, फ्रांस और रूस जैसे देशों के साथ भारत की उपस्थिति यह साबित करती है कि हम अब रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर हैं।

यह जहाज़ न केवल समुद्री सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को और मजबूत करेगा।


आत्मनिर्भरता से आत्मविश्वास तक

INS विक्रांत की सफलता यह बताती है कि जब कोई देश अपने संसाधनों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों पर भरोसा करता है, तो वह असंभव को संभव बना सकता है। यह भारत की तकनीकी क्षमता, नौसेनिक दक्षता और राष्ट्र की सामूहिक भावना का प्रतीक है।


भावनात्मक जुड़ाव: प्रधानमंत्री और सैनिक

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वे हर दिवाली अपने “परिवार” यानी सैनिकों के साथ बिताते हैं। उन्होंने कहा:

“आप सब मेरे परिवार हैं। जब मैं यहाँ आता हूँ तो ऐसा लगता है जैसे मैं अपने घर आया हूँ।”

इस भावनात्मक जुड़ाव ने सैनिकों के बीच गहरी प्रेरणा और गर्व की भावना पैदा की।


भविष्य की दिशा: आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण

INS विक्रांत केवल एक जहाज़ नहीं है, यह आने वाले भारत की दिशा तय करता है —

  • स्वदेशी डिज़ाइन और निर्माण पर भरोसा
  • रक्षा उद्योग में घरेलू निवेश
  • भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की वैश्विक पहचान
  • भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता में गुणात्मक वृद्धि

सरकार अब INS विक्रांत के बाद दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत (IAC-2) पर भी काम कर रही है, जो और अधिक आधुनिक व सक्षम होगा।


INS विक्रांत पर मनाई गई यह दिवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक थी। यह संदेश देती है कि भारत अब “आयातक” नहीं, बल्कि “निर्माता” राष्ट्र बन चुका है।
समंदर की लहरों पर झिलमिलाते दीपों के बीच जब प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिकों के साथ समय बिताया, तब वह दृश्य हर भारतीय के हृदय में गर्व का दीप प्रज्वलित कर गया।


🔹 FAQs

1. INS विक्रांत क्या है?
INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जिसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है।

2. INS विक्रांत की कुल लागत कितनी है?
लगभग ₹20,000 करोड़ रुपये।

3. यह जहाज़ कितने विमानों को संचालित कर सकता है?
लगभग 30 विमानों को — जिनमें MiG-29K, Kamov-31, MH-60R और स्वदेशी ALH व LCA Navy शामिल हैं।

4. पीएम मोदी ने INS विक्रांत पर दिवाली क्यों मनाई?
सेना के साथ दिवाली मनाने की परंपरा निभाते हुए, पीएम मोदी ने इस बार नौसेना के शौर्य और आत्मनिर्भरता का सम्मान किया।

5. INS विक्रांत भारत के लिए क्यों खास है?
क्योंकि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रक्षा तकनीक की सबसे बड़ी उपलब्धि है और भारत को विश्वस्तरीय नौसैनिक शक्ति बनाता है।

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