प्रधानमंत्री सीवान में जल, रेल और बिजली क्षेत्र सहित कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री गिनी गणराज्य को निर्यात के लिए मरहोरा संयंत्र में निर्मित अत्याधुनिक लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाएंगे
प्रधानमंत्री ओडिशा सरकार का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे
प्रधानमंत्री भुवनेश्वर में 18,600 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री विशाखापत्तनम में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” व्यक्ति और ग्रह कल्याण के बीच सामंजस्य पर बल देती है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20-21 जून को बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश का दौरा करेंगे। 20 जून को वह बिहार के सिवान का दौरा करेंगे और दोपहर करीब 12 बजे कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
इसके बाद, प्रधानमंत्री ओडिशा के भुवनेश्वर जाएंगे और शाम करीब 4:15 बजे ओडिशा सरकार का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे। वह 18,600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। श्री मोदी इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे।
21 जून को, प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सुबह करीब 6:30 बजे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस- सामूहिक योग प्रदर्शन में भाग लेंगे। वह इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।
बिहार में प्रधानमंत्री
बिहार में बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री सीवान में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उद्घाटन करेंगे।
क्षेत्र में रेलवे के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री 400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली नई वैशाली-देवरिया रेल लाइन परियोजना का उद्घाटन करेंगे और इस मार्ग पर एक नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके अतिरिक्त, उत्तर बिहार में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मुजफ्फरपुर और बेतिया के रास्ते पाटलिपुत्र और गोरखपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे।
“मेक इन इंडिया – मेक फॉर द वर्ल्ड” के विजन को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री गिनी गणराज्य को निर्यात के लिए मरहोरा प्लांट में निर्मित अत्याधुनिक लोकोमोटिव को भी हरी झंडी दिखाएंगे। यह इस कारखाने में निर्मित पहला निर्यात लोकोमोटिव है। यह उच्च-हॉर्सपावर इंजन, उन्नत एसी प्रणोदन प्रणाली, माइक्रोप्रोसेसर-आधारित नियंत्रण प्रणाली, एर्गोनोमिक कैब डिज़ाइन से सुसज्जित हैं और इसमें पुनर्योजी ब्रेकिंग जैसी तकनीकें शामिल हैं।
गंगा नदी के संरक्षण और कायाकल्प के लिए प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री क्षेत्र के लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए 1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली नमामि गंगे परियोजना के तहत छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री बिहार के विभिन्न शहरों में 3000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली जलापूर्ति, स्वच्छता और एसटीपी की आधारशिला भी रखेंगे। इसका उद्देश्य इन शहरों के नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है।
क्षेत्र में बिजली के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री बिहार में 500 मेगावाट क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) की आधारशिला रखेंगे। राज्य के 15 ग्रिड सबस्टेशनों पर स्टैंडअलोन बीईएसएस लगाए जा रहे हैं, जिनमें मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, सीवान आदि शामिल हैं। प्रत्येक सबस्टेशन में लगाई जाने वाली बैटरी की क्षमता 20 से 80 मेगावाट है। यह वितरण कंपनियों को महंगी दरों पर बिजली खरीदने से बचाएगा क्योंकि पहले से संग्रहीत बिजली को सीधे उपभोक्ताओं को वापस ग्रिड में भेजा जाएगा।
प्रधानमंत्री बिहार में पीएमएवाई यू के 53,600 से अधिक लाभार्थियों को पहली किस्त भी जारी करेंगे। वे पीएमएवाई यू के 6,600 से अधिक पूर्ण हो चुके मकानों के गृह प्रवेश समारोह के अवसर पर कुछ लाभार्थियों को चाबियाँ भी सौंपेंगे।
ओडिशा में प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ओडिशा सरकार का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में भुवनेश्वर में राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
ओडिशा के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री 18,600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। ये परियोजनाएँ पेयजल, सिंचाई, कृषि अवसंरचना, स्वास्थ्य अवसंरचना, ग्रामीण सड़कें और पुल, राष्ट्रीय राजमार्गों के खंड और एक नई रेलवे लाइन सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करेंगी।
जिले के राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क के साथ एकीकरण के ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करते हुए, प्रधानमंत्री पहली बार बौध जिले में रेल संपर्क का विस्तार करते हुए नई ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाएंगे।
स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री राजधानी क्षेत्र शहरी परिवहन (सीआरयूटी) प्रणाली के अंतर्गत 100 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाएंगे। यह आधुनिक, पर्यावरण अनुकूल शहरी गतिशीलता नेटवर्क को समर्थन प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री ओडिशा विजन डॉक्यूमेंट जारी करेंगे। 2036 (जब ओडिशा भारत के पहले भाषाई राज्य के रूप में 100 वर्ष पूरे करेगा) और 2047 (जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष का उत्सव मनाएगा) के ऐतिहासिक वर्षों के इर्द-गिर्द केंद्रित यह विजन समावेशी विकास के लिए महत्वाकांक्षी और भविष्य के लिए तैयार रोडमैप की रूपरेखा तैयार करेगा।
प्रख्यात ओडिया लोगों के योगदान को श्रद्धांजलि के रूप में, प्रधानमंत्री ‘बारापुत्र ऐतिहासिक ग्राम योजना’ पहल की शुरुआत करेंगे। इसका उद्देश्य ओडिशा की विरासत का सम्मान करते हुए संग्रहालयों, व्याख्या केंद्रों, मूर्तियों, पुस्तकालयों और सार्वजनिक स्थानों के माध्यम से उनके जन्मस्थानों को जीवंत स्मारकों में बदलना और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।
राज्य में समृद्धि और आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में 16.50 लाख से अधिक लखपति दीदियों का उत्सव मनाते हुए, प्रधानमंत्री पूरे राज्य की सफल महिलाओं को सम्मानित करेंगे।
आंध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री
11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) के अवसर पर, प्रधानमंत्री विशाखापत्तनम से राष्ट्रीय समारोह का नेतृत्व करेंगे। वह विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) सत्र में लगभग 5 लाख प्रतिभागियों के साथ भाग लेंगे, जबकि सामंजस्यपूर्ण योग प्रदर्शन में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे। योग संगम कार्यक्रम पूरे भारत में 3.5 लाख से अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किए जाएंगे। इस वर्ष, MyGov और MyBharat जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर योग विद फ़ैमिली और योग अनप्लग्ड के तहत युवा-केंद्रित पहल जैसी विशेष प्रतियोगिताएँ शुरू की गई हैं, जो बड़े पैमाने पर भागीदारी को प्रोत्साहित करती हैं।
इस वर्ष का विषय, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” मानव और ग्रह स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को उजागर करता है और सामूहिक कल्याण की वैश्विक दृष्टि को प्रतिध्वनित करता है। यह भारत के “सर्वे संतु निरामया” (सभी रोग मुक्त हों) के दर्शन में निहित है। 2015 में इसकी शुरुआत के बाद से, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ( यूएनजीए) ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव को अपनाया। तब से प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, मैसूर, न्यूयॉर्क (संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय) और श्रीनगर सहित विभिन्न स्थानों से समारोहों का नेतृत्व किया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस तब से शक्तिशाली वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है।
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