महाराष्ट्र ATS ने पुणे के 35 वर्षीय जुबैर हंगरगकर को अल-कायदा से संबंधों के आरोप में UAPA के तहत गिरफ्तार किया।
आतंकवाद के आरोप में पुणे के आईटी प्रोफेशनल की ATS गिरफ्तारी
महाराष्ट्र की दहलीज पर एक बार फिर आतंकवाद के विरुद्ध कड़ी पुलिस कार्रवाई देखी गई है, जब पुणे के कोंढवा इलाके से 35 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगकर को महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने गिरफ्तार किया। उन पर पाकिस्तानी मूल के अल-कायदा संगठन से संबंध रखने और युवा वर्ग के बीच कट्टरपंथ फैलाने के आरोप हैं।
- जुबैर हंगरगकर, जो कि पुणे के एक प्रसिद्ध आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और डाटाबेस डेवलपमेंट का काम करता है, को पिछले लगभग एक महीने से ATS की निगरानी में रखा गया था।
- सोमवार सुबह उसे गिरफ्तार कर विशेष UAPA कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनसे 4 नवंबर तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश मिला।
- उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) की धाराओं तहत मामला दर्ज किया गया है।
छापेमारी और महत्वपूर्ण सबूत
- 9 अक्टूबर को पुणे में विभिन्न स्थानों पर हुए छापों के दौरान 19 लैपटॉप और 40 मोबाइल फोन जब्त किए गए थे, जिनसे डिजिटल फोरेंसिक जांच जारी है।
- हंगरगकर के निवास से अल-कायदा से जुड़ी कट्टरपंथी साहित्य और डिजिटल सामग्री मिली है जो युवाओं के कट्टरपंथीकरण के लिए इस्तेमाल की जा रही थी।
- जांच अधिकारी यह पता लगाने में लगे हैं कि आरोपी का अल-कायदा या अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ क्या संपर्क था तथा जोखिम तत्वों के पास क्या योजनाएं थीं।
संदर्भ व वर्तमान स्थिति
- जुबैर हंगरगकर का मूल सोलापुर है, वह पुणे में पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते हैं।
- ATS ने एक दोस्त को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, जो पिछले कुछ दिनों पहले चेन्नई में आयोजित एक सामाजिक समारोह में उसके साथ था।
- यह गिरफ्तारी देश में ऑनलाइन कट्टरपंथीकरण को रोकने की चल रही मुहिम का नया अध्याय है। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली और भोपाल से दो अन्य युवकों को इस्लामिक स्टेट से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किया गया था।
आतंकवाद और ऑनलाइन कट्टरपंथीकरण
- सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, भले ही इन आतंकवादी संगठनों के भारत में मजबूत शारीरिक आधार न हों, लेकिन ऑनलाइन गतिविधियां और डिजिटल नेटवर्क सक्रिय हैं।
- सूचनाओं के मुताबिक, भारत केंद्रित ऑनलाइन मिशनों का संचालन सीरिया से हो रहा है।
- भारत में संघीय एजेंसियां डिजिटल साक्ष्य के विश्लेषण और आगे की गिरफ्तारी के लिए तत्पर हैं।
गिरफ्तार आरोपियों और डिजिटल साक्ष्य की जानकारी
| आरोपी का नाम | पेशा | डिजिटल उपकरण जब्त | आरोप/मामला |
|---|---|---|---|
| जुबैर हंगरगकर | सॉफ्टवेयर इंजीनियर | 19 लैपटॉप, 40 मोबाइल | UAPA के तहत आतंकवाद संबंधी |
| अन्य संदिग्ध | — | अज्ञात | पूछताछ के लिए हिरासत |
FAQs
- जुबैर हंगरगकर पर क्या आरोप हैं?
— अल-कायदा संगठन से जुड़ाव और युवाओं के कट्टरपंथीकरण के लिए डिजिटल सामग्री रखने के आरोप। - UAPA क्या है?
— गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, مكافحة आतंकवाद के लिए उपयोगी कानून। - गिरफ्तारी के बाद क्या प्रक्रिया होगी?
— पुलिस और न्यायालय जांच, डिजिटल साक्ष्य की समीक्षा, और आगे की गिरफ्तारी। - क्या इस मामले में और गिरफ्तारी हो सकती है?
— डिजिटल जांच जारी है, संभव है और भी गिरफ्तारियां हों। - इस मामले से भारत की आतंकवाद रोधी रणनीति पर क्या असर पड़ेगा?
— डिजिटल आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ कार्रवाई तेज होगी, सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ेगी।
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