पंजाब में SKM किसानों ने बिजली संशोधन बिल 2025 और बीज बिल का विरोध। PSPCL ऑफिस घेराव, बिल जलाए। निजीकरण, किसान बोझ बढ़ने का आरोप।
पंजाब में किसान आंदोलन: बिजली संशोधन बिल जलाया, क्या बिजली निजीकरण से किसानों की कमर टूटेगी?
पंजाब में किसान फिर सड़कों पर: बिजली संशोधन बिल जलाया, निजीकरण का डर – SKM का statewide आंदोलन
दोस्तों, पंजाब के किसान फिर से गरज रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले सोमवार को पूरे राज्य में बिजली (संशोधन) बिल 2025 और बीज बिल 2025 के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। किसानों ने प्रस्तावित बिलों की प्रतियां जलाईं। होशियारपुर, गढ़शंकर, मोहाली में PSPCL ऑफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन। कुछ दिन पहले किसान मजदूर मोर्चा ने रेल रोको किया था। किसान नेता बोले – ये बिल किसान-विरोधी, बिजली निजी हाथों में चली जाएगी, बिल बढ़ेगा। तीनों कृषि कानूनों जैसा ही षड्यंत्र। क्या केंद्र पीछे हटेगा?
प्रदर्शन SKM की कॉल पर हुए। पावर यूटिलिटी के कर्मचारी यूनियन भी साथ। होशियारपुर में महाराणा प्रताप चौक मुकेरियन, दसूया, शम चौरासी, मरनियां खुर्द पर PSPCL ऑफिस घेराव। गढ़शंकर में गांधी पार्क से इंजीनियर ऑफिस तक मार्च। मोहाली सब-डिवीजनल PSPCL पर नारे लगाए। कीर्ति किसान यूनियन, किसान कमेटी दोआबा, जमहूरी किसान सभा, कुल हिंद किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के नेता आगे।
बिलों के खिलाफ आरोप: निजीकरण से किसान तबाह?
किसान नेताओं ने बिजली संशोधन बिल को किसान-विरोधी बताया। दावा – ये बिजली क्षेत्र को निजी कंपनियों के हवाले करेगा। स्मार्ट मीटर लगेंगे, सब्सिडी खत्म, बिल दोगुना। उपभोक्ता बोझ बढ़ेगा। बीज बिल को तीनों कृषि कानूनों का नया रूप कहा – किसानों पर कंट्रैक्ट सीडिंग थोपेगा। SKM बोला – वापस लो वरना आंदोलन तेज।
5 FAQs
- किस बिलों के खिलाफ प्रदर्शन?
बिजली संशोधन बिल 2025 और बीज बिल 2025। - कहां-कहां हुए प्रदर्शन?
होशियारपुर, गढ़शंकर, मोहाली PSPCL ऑफिस। - मुख्य मांग क्या?
दोनों बिल वापस लो। - कौन सी यूनियन आगे?
SKM, कीर्ति किसान, BKU राजेवाल। - पहले क्या हुआ?
रेल रोको प्रदर्शन।
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