पुतिन ने US दूतों से यूक्रेन शांति वार्ता को जरूरी लेकिन कठिन बताया। 5 घंटे Kremlin मीटिंग में कुछ प्रस्ताव नामंजूर। ट्रंप की कोशिशें तेज, क्या बनेगा डील?
ट्रंप के दूतों से पुतिन की 5 घंटे लंबी बातचीत: शांति संभव या असंभव?
पुतिन का बड़ा बयान: यूक्रेन शांति वार्ता अमेरिकी दूतों से जरूरी लेकिन बहुत मुश्किल
दोस्तों, यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी दूतों के साथ Kremlin में हुई 5 घंटे लंबी बातचीत को ‘जरूरी और उपयोगी’ बताया, लेकिन साथ ही कहा कि ये ‘कठिन काम’ है। कुछ अमेरिकी प्रस्ताव रूस कभी स्वीकार नहीं करेगा। यह बयान India Today TV को दिए इंटरव्यू से आया, जो पुतिन के दिल्ली दौरे से पहले प्रसारित हुआ। ट्रंप प्रशासन की शांति कोशिशें तेज हो गई हैं, लेकिन रूस-यूक्रेन की ‘रेड लाइन्स’ अभी भी टकरा रही हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्पेशल एनवॉय स्टीव विटकॉफ और दामाद जेरेड कुश्नर ने मॉस्को में पुतिन से लंबी चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि दोनों को लगा पुतिन सच में डील करना चाहता है। अब विटकॉफ-कुश्नर गुरुवार को मियामी में यूक्रेन के चीफ नेगोशिएटर रुस्तेम उमेरोव से मिलेंगे। Tass न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुतिन बोले – हर पॉइंट पर चर्चा करनी पड़ी इसलिए इतना समय लगा। रूस कुछ प्रावधानों पर राजी, लेकिन बाकी नामुमकिन।
यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि: 4 साल का खूनी संघर्ष
2014 से शुरू यह जंग अब 4 साल पार कर चुकी। 2022 में रूस का फुल इनवेजन। लाखों सैनिक मरे, करोड़ों बेघर। ट्रंप ने वादा किया था – जल्द खत्म करूंगा। उनकी दूसरी पारी में शांति पुश तेज। लेकिन चुनौतियां: रूस डोनेट्स्क-लुहान्स्क पर कब्जा चाहता, यूक्रेन NATO जॉइन। अमेरिका सैंक्शन्स, यूक्रेन को हथियार। पुतिन दिल्ली में मोदी से भी इसी पर बात करेंगे।
5 FAQs
- पुतिन ने US दूतों से क्या कहा?
वार्ता जरूरी लेकिन कठिन, कुछ प्रस्ताव नामंजूर। - कौन हैं अमेरिकी दूत?
स्टीव विटकॉफ (ट्रंप एनवॉय) और जेरेड कुश्नर। - मियामी मीटिंग का उद्देश्य?
यूक्रेन के उमेरोव से रूस-US प्रपोजल डिस्कस। - यूक्रेन शांति की मुख्य बाधा?
क्षेत्र, NATO, सैंक्शन्स पर रेड लाइन्स। - ट्रंप की रणनीति क्या?
तेज डील, युद्ध 4 साल बाद खत्म।
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