रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के लिए दिल्ली पहुंचे। पीएम मोदी ने उन्हें एयरपोर्ट पर भावुक गले लगाकर स्वागत किया। 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियां तेज।
पुतिन- मोदी मुलाकात दिल्ली में: पीएम मोदी ने गले लगाकर किया अभिवादन
रूस के राष्ट्रपति पुतिन का 2 दिवसीय दौरा: पीएम मोदी ने किया भावुक स्वागत
नई दिल्ली में एक खास और ऐतिहासिक पल उस समय देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एयरपोर्ट पर गले लगाकर स्वागत किया। यह पुतिन की पहली भारत यात्रा है जब से यूक्रेन संघर्ष शुरू हुआ था, और इसे 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के संदर्भ में देखा जा रहा है।
पुतिन शुक्रवार को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने दिल से अपनाया। इस स्वागत के बाद पुतिन को 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री घर पर निजी डिनर दिया जाएगा।
23वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन की तैयारी
यह दौरा दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को मज़बूती देने और वैश्विक स्थिरता चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर होगा। पिछले शिखर सम्मेलनों की तरह, इस बार भी ऊर्जा, रक्षा, और व्यापार सहयोग की बात होगी। यूक्रेन युद्ध के प्रभावों के बीच, दोनों देशों ने multilayered diplomacy पर ज़ोर दिया है।
दोनों नेताओं के बीच वार्ता के मुख्य मुद्दे
- रक्षा सौदे (जैसे Su-57 फाइटर जेट और S-500 मिसाइल सिस्टम)
- ऊर्जा सुरक्षा और तेल-गैस सप्लाई
- BRICS, SCO जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं में सहयोग
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय स्थिरता
- वैश्विक वैक्सीन साझेदारी और आर्थिक पुनर्निर्माण
भारत-रूस संबंध: एक दशक की मजबूत दोस्ती
भारत और रूस के बीच परंपरागत सहयोग ने रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्रों में गहरे परिणाम दिए हैं। भारत के पास अब तक रूस से 60% रक्षा उपकरण आते हैं। पुतिन- मोदी की यह मुलाकात रणनीतिक सामंजस्य को नई दिशा देने वाली मानी जाती है।
डिप्लोमेटिक विश्लेषण: यूक्रेन संकट के बाद पुतिन की यह यात्रा क्यों महत्वपूर्ण?
यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर लग रहे वैश्विक प्रतिबंधों के बीच, इस यात्रा से संकेत मिलता है कि भारत ने अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं को संतुलित करते हुए रूस के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखे हैं। भारत अमेरिका और पश्चिम के साथ भी अच्छे संबंध बनाना चाहता है, इसलिए यह दौरा एक अहम डिप्लोमैटिक बैलेंसिंग एक्ट है।
5 FAQs
- पुतिन की भारत यात्रा कब हुई?
- दिसंबर 2025 में, 2 दिन का दौरा।
- इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी और सहयोग बढ़ाना।
- पीएम मोदी ने पुतिन का कैसे स्वागत किया?
- दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री ने गले लगाकर स्वागत किया।
- क्या इस शिखर सम्मेलन में कोई रक्षा समझौते हो सकते हैं?
- हाँ, Su-57 और S-500 जैसी डीलों पर बातचीत संभव।
- इस दौरे का भारत-रूस संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- दोनों देशों के रिश्ते और बढ़ेंगे, खासकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में।
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