Home बिहार याद उनको मेरी भी आती तो होगी
बिहारमनोरंजन

याद उनको मेरी भी आती तो होगी

Share
Share

फिल्म संगीत के सुनहरे दौर के सबसे सुरीले संगीतकारों में से चित्रगुप्त भी एक थे। चल उड़ जा रे पंछी, तेरी दुनिया से दूर चले होके मज़बूर, एक रात में दो दो चांद खिले,  मुझे दर्दे दिल का पता न था, मुझे आप किसलिए मिल गए,  महलों ने छीन लिया बचपन का प्यार मेरा, चली चली रे पतंग जैसी सैकड़ों कालजयी गीतों की धुनों के रचयिता चित्रगुप्त को वह यश और सम्मान नहीं मिला जिसके वे सही मायने में हक़दार थे।

शंकर जयकिशन, नौशाद, रोशन, मदन मोहन, एस.डी बर्मन, हेमंत कुमार,कल्याणजी आनंदजी जैसे उस युग के कई महान संगीतकारों की भीड़ में वे पृष्ठभूमि में ही रह गए। बिहार के गोपालगंज जिले के एक छोटे से गांव सवरेजी के चित्रगुप्त श्रीवास्तव में संगीत के प्रति जुनून ऐसा था कि पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए के बाद पटना कॉलेज में लेक्चरर की सम्मानित नौकरी छोड़ दी और 1946 में मुंबई आकर संगीतकार एस.एन त्रिपाठी के सहायक बन गए। स्वतंत्र संगीत निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म थी ‘फाइटिंग हीरो’, लेकिन उन्हें बेपनाह शोहरत मिली फिल्म ‘भाभी’ के कालजयी संगीत से।

इसके अलाव चित्रगुप्त ने सौ से ज्यादा हिंदी फ़िल्मों में संगीत दिया, जिनमें कुछ प्रमुख फ़िल्में हैं- भाभी, चांद मेरे आजा, बरखा, जबक, मैं चुप रहूंगी, ऊंचे लोग, ओपेरा हाउस, गंगा की लहरें,हम मतवाले नौजवां, आकाशदीप, औलाद, एक राज, मैं चुप रहूंगी,अफ़साना,बिरादरी, मेरा कसूर क्या है, परदेशी, वासना, बारात, किस्मत, काली टोपी लाल रूमाल। फिल्म संगीत को इतना कुछ देने के बावजूद बड़े बैनर की एक ही कंपनी एवीएम प्रोडक्शन, मद्रास ने उनकी संगीत प्रतिभा का इस्तेमाल किया। आम तौर पर उन्हें ‘बी’ और ‘सी’ ग्रेड की फ़िल्मों का संगीतकार ही माना जाता रहा, हालांकि उनके मधुर संगीत की वज़ह से इनमें कुछ फिल्मों ने अपार सफलता भी प्राप्त की। भोजपुरी फिल्म संगीत के तो वे पितामह थे। ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो’, ‘लागी नहीं छूटे राम’, ‘गंगा किनारे मोरा गांव’, ‘बलम परदेसिया’ और ‘भैया दूज’ का संगीत भोजपुरी फिल्म संगीत का वह शिखर है जिसे फिर कोई नहीं छू सका। 1991 में उनकी मृत्यु के बाद उनके दो पुत्रों – आनंद चित्रगुप्त और मिलिन्द चित्रगुप्त ने आनंद-मिलिंद के नाम से अस्सी के दशक में हिंदी फिल्म संगीत में कुछ अरसे तक अपनी छाप छोड़ी थी।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

आर्या डिजिटल पर रिलीज टॉप 6 भोजपुरी गानें, व्यूज मिलियन में

आर्या डिजिटल यूट्यूब चैनल पर रिलीज टॉप 6 भोजपुरी गानें जो एक...

अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मृतकों के लिए BFTAA द्वारा श्रद्धांजलि सभा

मुंगेर (बिहार) : अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मृतकों को बिहार फ़िल्म एंड...

देशभर के 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को करीब 300 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का संवितरण

केवीआईसी ने पीएमईजीपी के अंतर्गत देशभर के 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों...

नालंदा विश्वविद्यालय के लिए ज्ञान, संवाद और विरासत से परिपूर्ण एक उत्कृष्ट वर्ष

पटना : पिछले वर्ष नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर का उद्घाटन भारत के...