अमेरिका ने कहा भारत यूक्रेन युद्ध खत्म करने में अनोखी भूमिका निभा सकता। मोदी की मध्यस्थता पर जोर, रूस तेल खरीद पर तनाव के बीच शांति का रास्ता दिल्ली से।
अमेरिका की अपील: भारत यूक्रेन विवाद सुलझाए, मोदी की मध्यस्थता से बनेगा इतिहास!
यूक्रेन युद्ध में भारत की अनोखी भूमिका: अमेरिका ने फिर मांगी मोदी की मध्यस्थता
दोस्तों, यूक्रेन-रूस युद्ध को खत्म करने की दिशा में दुनिया भारत की तरफ देख रही है। अमेरिकी कांग्रेसमैन एमी बेरा ने साफ कहा – भारत बड़ा और अनोखा रोल निभा सकता है। वाशिंगटन मानता है कि शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है। ये बातें तब आईं जब भारत रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी टैरिफ का सामना कर रहा। लेकिन मोदी सरकार का स्टैंड क्लियर – ये एनर्जी सिक्योरिटी का मामला है, 1.4 अरब लोगों के लिए सस्ता ईंधन जरूरी। क्या भारत सच में मध्यस्थ बनेगा? चलिए पूरी तस्वीर देखते हैं।
ये पहली बार नहीं। व्हाइट हाउस के पूर्व सलाहकार पीटर नवारो ने भी यही कहा था। पीएम मोदी ने रूस समिट 2025 में पुतिन से साफ कहा – भारत न्यूट्रल नहीं, हम शांति के पक्ष में। अगस्त 2024 में कीव दौरा – पहला भारतीय पीएम। जेलेंस्की से बात में संप्रभुता का समर्थन, ह्यूमैनिटेरियन एड का वादा। सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क मीटिंग – जेलेंस्की ने भारत की कंस्ट्रक्टिव अप्रोच की तारीफ। 2025 में फोन कॉल – मोदी बोले, दोनों तरफ अच्छे रिश्ते हैं, शांति के प्रयास मजबूत करेंगे।
भारत की स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी: रूस-अमेरिका बैलेंस कैसे?
भारत रूस से 60% डिफेंस इंपोर्ट करता। 2025 समिट में विजन 2030 – डिफेंस, एनर्जी, ट्रेड मजबूत। रूसी तेल 1.5 मिलियन बैरल प्रति दिन – रिकॉर्ड। अमेरिका टैरिफ लगाता लेकिन QUAD, iCET से टेक पार्टनरशिप। ये बैलेंस ही भारत को मीडिएटर बनाता। ग्लोबल लीडर्स मानते – मोदी वर्ल्ड स्टेज पर जरूरी।
5 FAQs
- अमेरिका ने भारत से क्या अपेक्षा की?
यूक्रेन युद्ध खत्म करने में अनोखी भूमिका, मोदी मध्यस्थता। - मोदी ने पुतिन से क्या कहा?
भारत शांति के पक्ष में, न्यूट्रल नहीं। - कीव दौरा कब हुआ?
अगस्त 2024, पहला भारतीय पीएम। - रूस तेल खरीद पर विवाद क्यों?
एनर्जी सिक्योरिटी vs US सैंक्शन्स। - भारत की ताकत क्या?
दोनों पक्षों से अच्छे रिश्ते, बैलेंस्ड स्टैंड।
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