ICJ जनवरी 2026 में रोहिंग्या जेनोसाइड केस की मेरिट्स सुनवाई करेगा (गाम्बिया बनाम म्यांमार)। 11 देश हस्तक्षेप, हेग पीस पैलेस में 12-29 जनवरी। गेनोसाइड कन्वेंशन उल्लंघन, सबूत संरक्षण आदेश। गाजा केस प्रभावित!
UN टॉप कोर्ट का बड़ा फैसला: रोहिंग्या नरसंहार पर म्यांमार दोषी? 11 देश हस्तक्षेप!
रोहिंग्या जेनोसाइड केस: ICJ जनवरी 2026 में मेरिट्स पर सुनवाई, म्यांमार पर दबाव
संयुक्त राष्ट्र की मुख्य न्यायिक संस्था इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) जनवरी 2026 में रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ म्यांमार के कथित जेनोसाइड के आरोपों पर सार्वजनिक सुनवाई करेगा। ICJ ने शुक्रवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि ‘गेनोसाइड कन्वेंशन के एप्लीकेशन में रोकथाम और सजा (द गाम्बिया बनाम म्यांमार), 11 देशों के हस्तक्षेप के साथ’ मामले की सुनवाई 12 जनवरी से 29 जनवरी तक हेग के पीस पैलेस में होगी। ये पहली बार 10+ साल बाद ICJ जेनोसाइड केस की मेरिट्स पर सुनवाई कर रहा।
केस 11 नवंबर 2019 को गाम्बिया ने दायर किया था। आरोप है कि म्यांमार ने UN जेनोसाइड कन्वेंशन का उल्लंघन किया। रोहिंग्या समूह के खिलाफ कथित कृत्य। म्यांमार ने 2017 में अपनी सेना और बौद्ध मिलिशिया द्वारा रोहिंग्या पर हिंसक क्रैकडाउन का जेनोसाइड आरोप हमेशा नकारा। गाम्बिया ने कोर्ट से म्यांमार को कन्वेंशन दायित्व तोड़ने का दोषी घोषित करने, गलत कृत्यों रोकने, रोहिंग्या पीड़ितों के लिए मुआवजा, गैर-पुनरावृत्ति गारंटी की मांग की।
जनवरी 2020 में ICJ ने म्यांमार पर अस्थायी उपाय आदेश जारी किए: जेनोसाइड कन्वेंशन स्कोप के कृत्य रोकें, सबूत संरक्षित रखें। दोनों पक्षों ने दो राउंड में लिखित दलीलें दीं। सुनवाई में पार्टियों के गवाहों-विशेषज्ञों की जांच होगी। गाम्बिया ने आर्टिकल IX के तहत ICJ का अधिकार क्षेत्र स्थापित किया।
रोहिंग्या संकट:
2017 में म्यांमार के रखाइन राज्य में रोहिंग्या पर मिलिट्री ऑपरेशन: 10 लाख+ शरणार्थी बांग्लादेश भागे। UN ने ‘टेक्स्टबुक जेनोसाइड’ कहा। म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ने ICJ में सफाई दी। रोहिंग्या को स्टेटलेस माना जाता।
ICJ केस टाइमलाइन
| चरण | तारीख | विवरण |
|---|---|---|
| एप्लीकेशन | 11 नवंबर 2019 | गाम्बिया ने केस दायर |
| प्रोविजनल ऑर्डर | 23 जनवरी 2020 | म्यांमार को रोकथाम-सबूत आदेश |
| लिखित दलीलें | 2020-2025 | दो राउंड्स |
| मेरिट्स सुनवाई | 12-29 जनवरी 2026 | हेग पीस पैलेस, गवाह जांच |
11 हस्तक्षेप करने वाले देश: कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, आयरलैंड, नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, UK, आदि। केस का असर साउथ अफ्रीका का इजरायल गाजा युद्ध केस पर।
म्यांमार का स्टैंड
म्यांमार ने जेनोसाइड आरोप नकारा। 2017 क्रैकडाउन को ‘सिक्योरिटी ऑपरेशन’ कहा। रोहिंग्या पर ‘आतंकवाद’ आरोप। ICJ प्रोविजनल ऑर्डर्स का पालन दावा। लेकिन HRW, Amnesty ने कंप्लायंस पर सवाल।
वैश्विक महत्व: गेनोसाइड कन्वेंशन
1948 कन्वेंशन जेनोसाइड रोकने-दंडित करने का। आर्टिकल IX ICJ को अधिकार क्षेत्र। पहला मेरिट्स केस दशक बाद। फैसला बाध्यकारी लेकिन एनफोर्समेंट UNSC पर। गाजा, अन्य केस प्रभावित।
भारत का रोल
भारत ने रोहिंग्या को ‘नेशनल सिक्योरिटी थ्रेट’ कहा। डिपोर्टेशन। म्यांमार के साथ अरुणाचल बॉर्डर इश्यूज। ICJ केस पर न्यूट्रल।
भविष्य की संभावनाएं
फैसला म्यांमार पर मुआवजा, सुधार थोप सकता। रोहिंग्या रिटर्न ब्लॉक। अल जजीरा के अनुसार, ग्लोबल जेनोसाइड लॉ प्रीकेडेंट। सुनवाई लाइव स्ट्रीम्ड।
5 FAQs
- ICJ रोहिंग्या केस कब सुनवाई करेगा?
12-29 जनवरी 2026, हेग पीस पैलेस में। - केस किसने दायर किया?
गाम्बिया, 11 नवंबर 2019 को। - म्यांमार पर क्या आरोप?
रोहिंग्या के खिलाफ जेनोसाइड कन्वेंशन उल्लंघन। - प्रोविजनल मेजर्स क्या?
2020 में जेनोसाइड रोकने, सबूत संरक्षण आदेश। - केस का ग्लोबल असर?
गाजा इजरायल केस प्रभावित, पहला मेरिट्स ट्रायल दशक बाद।
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